स्व-रोजगार प्रशिक्षण : महिलाओं को समाज की मुख्य-धारा से जोड़ने के लिये फेशन डिजायनिंग

स्व-रोजगार प्रशिक्षण : महिलाओं को समाज की मुख्य-धारा से जोड़ने के लिये फेशन डिजायनिंग

विपत्तिग्रस्त महिलाओं को समाज की मुख्य-धारा से जोड़ने के लिये फेशन डिजायनिंग एवं गारमेंट मेकिंग सहित अन्य स्व-रोजगार के प्रशिक्षण दिलवाये जायेंगे। महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने आज मुख्यमंत्री महिला सशक्तीकरण योजना में चयनित विपत्तिग्रस्त महिलाओं को प्रशिक्षण के लिये स्वीकृति-पत्र वितरित किये।

श्रीमती सिंह ने कहा कि विपत्तिग्रस्त महिलाओं के स्थाई पुनर्वास के लिये मुख्यमंत्री महिला सशक्तीकरण योजना तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि भोपाल जिले की 17 महिला हितग्राही का चयन फेशन डिजायनिंग एवं गारमेंट मेकिंग का प्रशिक्षण देने के लिये किया गया है। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण शासकीय महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज में दिलवाया जायेगा। चयनित हितग्राहियों में 5 किशोर न्याय अधिनियम के तहत संचालित संस्थाओं में तथा 12 हितग्राही घरेलू हिंसा से पीड़ित होकर शहर के विभिन्न हिस्सों में निवासरत हैं।

श्रीमती सिंह ने कहा कि इसी तरह के रोजगारमूलक कोर्स अन्य जिलों में भी संचालित किये जाने चाहिये। उन्होंने कहा कि महिलाओं को स्कूल ड्रेस, रेडीमेड कपड़े आदि तैयार करने का प्रशिक्षण देने के साथ ही महिलाओं द्वारा निर्मित की जाने वाली सामग्री की मार्केटिंग की भी व्यवस्था की जाये।

आयुक्त महिला सशक्तीकरण श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री महिला सशक्तीकरण योजना की जानकारी दी। विपत्तिग्रस्त महिलाओं में जेल से रिहा, दुष्कर्म से पीड़ित, ऐसिड विक्टिम, अग्नि-पीड़ित, दुर्व्यवहार से बचाई गईं और आश्रय-गृहों में निवासरत बालिकाएँ एवं महिलाएँ शामिल हैं।

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