स्वैच्छिक रक्तदाता 2 लाख, खुलेंगे और 9 नए ब्लड बैंक- उपमुख्यमंत्री

स्वैच्छिक रक्तदाता 2 लाख, खुलेंगे और 9 नए ब्लड बैंक- उपमुख्यमंत्री

पटना———– आईजीआईएमए में कैथलैब के नए उपकरण के उद्घाटन और केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान द्वारा सांसद कोष से दी गयी 1.67 करोड़ की राशि से विस्तारित ब्लड बैंक भवन के शिलान्यस के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में स्वैच्छिक रक्तदान करने वालों की संख्या पिछले डेढ़ वर्षों में 1.5 लाख से बढ़ कर 2 लाख हो गयी है।

9 नए ब्लड बैंक मोतिहारी, अररिया, अरवल, बांका, शिवहर, सुपौल, पटना सिटी, बेनीपुर और भागलपुर में खोलने और 80 ब्लड स्टोरेज को स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है।

फिलहाल राज्य में 78 ब्लड बैंक में से 37 सरकारी व शेष निजी क्षेत्र में हैं। 28 ब्लड बैंक सदर अस्पतालों में, 7 मेडिकल कॉलेजों, 1 आईजीआईएमएस व 1 मॉडल ब्लड बैंक हैं। 70 ब्लड स्टोरेज इकाई में से 55 क्रियाशील हैं। आने वाले दिनों में बाकी को भी क्रियाशील किया जायेगा।

श्री मोदी ने कहा कि 2019-20 में स्वास्थ्य सेवा को और बेहत्तर बनाने के लिए मैन पावर की समस्या काफी हद तक दूर हो जायेगी। बड़े पैमाने पर डॉक्टर पर नर्सिंग स्टाफ की नियुक्तियां की जायेंगी।

1150 डॉक्टरों की बीपीएससी में रिजल्ट बन कर तैयार है, मगर नियुक्ति का मामला कोर्ट में फंसा हैं। सदर अस्प्तालों की आईसीयू को दुरूस्त करने के लिए 2250 विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति प्रक्रियाधीन है।

ब्लड बैंक की व्यवस्था को सुदृढ़ करने और उसके खुलने के समय को बढ़ाने, पीएमसीएच में 24 घंटे ब्लड बैंक को खुला रखने पर सरकार विचार कर रही है। 39 मेडिकल ऑफिसर व लैब तकनीशियनों को छह दिवसीय प्रशिक्षण हाल ही में नोयडा में दिलाई गयी है।

आधुनिकतम ऑटो एनलाइजर के जरिए जांच की सुविधा आईजीआईएमएस और पीएमसीएच में मरीजों को उपलब्ध कराई गई है।

राज्य व केन्द्र सरकार के सहयोग तथा सांसद,विधायक व विधान पार्षदों द्वारा उपलब्ध कराई गयी निधि से आईजीआईएमस की चिकित्सीय व्यवस्था, स्वच्छता आदि को उम्दा करने से यह बिहार का नम्बर वन चिकित्सा संस्थान बन गया है।

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply