- March 27, 2021
स्वेज नहर में आए अवरोध से निपटने के लिए वाणिज्य विभाग ने चार – सूत्री योजना बनाई
नई दिल्ली —- स्वेज नहर के अवरुद्ध होने से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए एक चार – सूत्री योजना बनाई गई है। भारत सरकार के वाणिज्य विभाग के लॉजिस्टिक्स डिवीजन द्वारा आज बुलाई गई बैठक में इस योजना की रूपरेखा बनाई गई। इस बैठक की अध्यक्षता श्री पवन अग्रवाल, विशेष सचिव (लॉजिस्टिक्स) ने की और इसमें पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय, एडीजी शिपिंग, कंटेनर शिपिंग लाइन्स एसोसिएशन (सीएसएलए) और फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (एफआईईओ) ने भाग लिया। इस योजना में निम्नलिखित बातें शामिल हैं –
कार्गो की प्राथमिकता तय करना: एफआईईओ, एमपीडा और एपीडा संयुक्त रूप से जल्द खराब होने वाले कार्गो की खासकर पहचान करेंगे और प्राथमिकता के आधार पर उनके परिचालन के लिए शिपिंग लाइनों के साथ मिलकर काम करेंगे।
माल भाड़े की दरें: सीएसएलए ने यह आश्वासन दिया है कि मौजूदा अनुबंधों के अनुरूप ही माल भाड़े की दरों को मान्य किया जाएगा। शिपिंग लाइनों से संकट की इस अवधि के दौरान माल ढुलाई की दरों में स्थिरता बनाए रखने का अनुरोध किया गया है। यह महसूस किया गया कि यह स्थिति अस्थायी है और इसका लंबे समय तक चलने वाले प्रभाव होने की संभावना नहीं है।
बंदरगाहों को परामर्श: अवरोध के खत्म होते ही खासतौर पर जेएनपीटी, मुंद्रा और हजीरा के बंदरगाहों पर कुछ बंचिंग होने का अनुमान है। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने इन बंदरगाहों को एक परामर्श जारी करने का आश्वासन दिया है ताकि व्यवस्था बेहतर हो सके और आगामी व्यस्त अवधि के दौरान कुशल संचालन सुनिश्चित हो सके।
मार्गों के पुनर्निर्धारण (री-रूटिंग) से संबंधित निर्णय: केप ऑफ गुड होप के रास्ते जहाजों के मार्गों के पुनर्निर्धारण (री-रूटिंग) के विकल्प का पता लगाने के लिए सीएसएलए के जरिए शिपिंग लाइनों को सलाह दी गई। इस तथ्य को रेखांकित किया गया कि इस तरह के मार्गों के पुनर्निर्धारण (री-रूटिंग) में आमतौर पर 15 दिन का अतिरिक्त समय लगता है।
विगत 23 मार्च, 2021 से स्वेज नहर में आए अवरोध से वैश्विक व्यापार पर गंभीर असर पड़ रहा है। इस मार्ग का उपयोग उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और यूरोप को / से 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर के भारतीय निर्यात / आयात के लिए किया जाता है। इसमें फर्नीचर, चमड़े का सामान सहित पेट्रोलियम उत्पाद, कार्बनिक रसायन, लोहा एवं इस्पात, ऑटोमोबाइल, मशीनरी, कपड़ा एवं कालीन, हस्तशिल्प आदि शामिल हैं।
इस बैठक में इस तथ्य पर गौर किया गया कि स्वेज नहर के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर 200 से अधिक जहाज इंतजार कर रहे हैं और लगभग 60 जहाज रोजाना इस कतार में जुड़ रहे हैं। यदि इस नहर में आए अवरोध को दूर करने के प्रयासों (अटकने वाले जहाज को सीधा करने के लिए दोनों ओर खुदाई, हर ऊंचे ज्वार पर अतिरिक्त बजरे को जोड़े जाने, जहाज को खीचने वाले जहाज (टग्बोट) का इस्तेमाल इत्यादि) के नतीजे मिलने में दो दिन और लग जाते हैं, तो इस प्रकार बना कुल बैकलॉग लगभग 350 जहाजों का हो जायेगा। अनुमान है कि इस बैकलॉग को समाप्त होने में लगभग एक सप्ताह का समय लगेगा। इस बैठक में स्थिति पर बारीकी से नजर बनाये रखने का निर्णय लिया गया।