• September 13, 2016

स्वास्थ्य एवं महिला-बाल विकास के प्रमुख सचिवों का संयुक्त निरीक्षण

स्वास्थ्य एवं महिला-बाल विकास के प्रमुख सचिवों का संयुक्त निरीक्षण

बिन्दु सुनील———— प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्रीमती गौरी सिंह एवं प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास श्री जे.एन. कंसोटिया ने श्योपुर जिले के कराहल विकासखण्ड के ग्राम खोरी और कलमी सहराना का भ्रमण कर वस्तु-स्थिति का जायजा लिया।

अधिकारी द्वय ने सेसईपुरा में ग्रामीणों तथा जन-प्रतिनिधियों से चर्चा कर जानकारी प्राप्त की। इसके अलावा उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कराहल में महिला-बाल विकास तथा स्वास्थ्य अधिकारियों-कर्मचारियों की बैठक कर पोषण पुनर्वास केन्द्र का भी निरीक्षण किया।

अधिकारी द्वय को भ्रमण के दौरान ग्राम खोरी में ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि गाँव में कोई मौत ही नहीं हुई है। प्रमुख सचिवों ने ग्राम कलमी सहराना का भ्रमण कर चौपाल आयोजित की। सरपंच श्री रामदयाल आदिवासी ने कुपोषण से हुई मौत के संबंध में प्रचारित नामों की जानकारी के बारे में बताया कि जिनके बच्चों की मौत होना दर्शायी गयी है, उनमें मोहर सिंह एवं बृजेश आदिवासी हैं और इस गाँव में रहते ही नहीं हैं। इसी प्रकार लालू आदिवासी के बच्चे की मौत होना बताया गया है, जिसके बच्चे ही नहीं हैं।

पप्पू आदिवासी के यहाँ भी किसी बच्चे की मौत नहीं हुई। जिस 2 माह की बच्ची मल्ली पुत्री श्री महावीर आदिवासी की मृत्यु 10-15 दिन पूर्व होना बतायी गयी, उस बच्ची की माँ श्रीमती मीरा आदिवासी ने बताया कि बच्ची 7 माह में पैदा हुई थी और किसी भी प्रकार की बीमारी से ग्रसित नहीं थी।

रात को अचानक बुखार आने के बाद दूध पिलाया और उसकी मृत्यु हो गयी। ग्रामीणों ने बताया कि इसके अलावा गाँव में 7 बच्चों का वजन कम पाये जाने पर उनमें से 4 को श्योपुर एनआरसी में भर्ती करवाया गया। ग्रामीणों ने बताया कि गाँव में किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं फैल रही है और न ही कोई बच्चा गंभीर रूप से बीमार है।

कराहल अस्पताल में बैठक

स्वास्थ्य एवं महिला-बाल विकास विभाग की संयुक्त बैठक में प्रमुख सचिव श्रीमती गौरी सिंह ने चेतावनी दी कि गाँव में कुपोषण से मौत होने तथा उचित उपचार मुहैया नहीं करवाने की स्थिति में संबंधित एनएलएम, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ता को पदमुक्त करने की कार्यवाही की जायेगी।

प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास श्री जे.एन. कंसोटिया ने निर्देश दिये कि अस्पताल में रिक्त हॉल और कमरों को एनआरसी के लिये इस्तेमाल किया जाये। वर्तमान में 20 बेड की एनआरसी को 60 बेड की जाये। उन्होंने इस व्यवस्था को कल से ही शुरू करने के निर्देश दिये। इस अवसर पर उपलब्ध दवाइयों, टीकाकरण, हीमोग्लोबिन एवं बी.पी. जाँच के संबंध में प्रत्येक ए.एन.एम. से चर्चा कर जानकारी प्राप्त की गयी।

अधिकारी द्वय ने निर्देश दिये कि कुपोषण के संबंध में महिला-बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग की 11 संयुक्त टीम गाँव-गाँव एवं डोर-टू-डोर जाकर सर्वें करेंगी। कुपोषित तथा कम वजन के बच्चों, बीमारियों से पीड़ित बच्चों को चिन्हित कर 4 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी।

एनआरसी कराहल में प्रत्येक बुधवार को श्योपुर से शिशु रोग एवं बाल रोग विशेषज्ञ द्वारा बच्चों का उपचार कर एनआरसी स्टॉफ को दिशा-निर्देश दिये जायेंगे। सर्वे के दौरान गंभीर बीमारी एवं अति-कुपोषित बच्चे पाये जाने पर टीम तत्काल ऐसे बच्चों को एम्बुलेंस से एनआरसी श्योपुर में भर्ती करवायेंगी।

जननी एक्सप्रेस को भी उपलब्ध होने पर इस कार्य में लगाया जायेगा। अधिकारी द्वय द्वारा पोषण पुनर्वास केन्द्र कराहल का भी अवलोकन किया गया तथा वहाँ भर्ती बच्चों के परिजनों से चर्चा कर स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी हासिल की।

काली तलाई आटा प्लांट का निरीक्षण

अधिकारी द्वय ने ग्राम काली तलाई में एनआरएलएम के स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित आटा प्लांट का निरीक्षण किया। उन्होंने स्व-सहायता समूह की महिलाओं से प्लांट के संबध में जानकारी ली।

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