• February 19, 2015

स्वाईन फ्लू :: सैम्पल कार्य में तत्परता बरती जाये – डॉ. अशोक पनगडिय़ा

स्वाईन फ्लू :: सैम्पल कार्य में तत्परता बरती जाये – डॉ. अशोक पनगडिय़ा

 लक्षण प्रतीत होते ही उपचार कराने की अपील

जयपुर- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने प्रदेशवासियों से स्वाईन फ्लू के लक्षण प्रतीत होते ही तत्काल निकटवर्ती चिकित्सा संस्थान से सम्पर्क कर ईलाज करवाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि चिकित्सालय में देरी से आने वालों में अनके प्रकार की घातक जटिलताएं उत्पन्न हो सकती है।

श्री राठौड़ ने प्रदेशभर में स्वाईन फ्लू की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने बताया कि गत् 15 दिनों में प्रदेशभर में 24 लाख ओपीडी एवं 22 लाख डोर-टू-डोर सहित कुल 46 लाख व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर के राजकीय चिकित्सालयों में अब तक इन्फ्लएंजा से संबंधित मरीजों का आउटडोर में उपचार किया गया है। इन मरीजों में स्वाईन फ्लू के लक्षण प्रतीत होने पर कुल 8 हजार 244 मरीजों की जांच करवायी गयी एवं इनमें 3 हजार 302 मरीज स्वाईन फ्लू पॉजिटिव पाये गये।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में अब तक स्वाईन फ्लू उपचार के लिये मरीजों को 15 लाख टेमीफ्लू वितरित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि स्वाईन फ्लू का प्रकोप देश के विभिन्न राज्यों में फैला हुआ है एवं प्रदेश में स्वाईन फ्लू रोकथाम के लिये हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं।

श्री राठौड़ ने बताया कि देरी से चिकित्सालय आने वालों के लिये स्वाईन फ्लू घातक सिद्घ हो रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक स्वाईन फ्लू के कारण हुई 183 मृत्यु में से 107 व्यक्त्यिों की मृत्य अस्पताल में भर्ती होने के 48 घन्टे में ही हो गयी। दो तिहाई व्यक्तियों की मृत्यु चिकित्सालय में आने के 48 घन्टे की अवधि में हुई है। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों से लक्षण प्रतीत होते ही तत्काल निकटवर्ती चिकित्सालय से सम्पर्क करने की अपील की है।

टास्क फोर्स

स्वाईन फ्लू सैम्पल कार्य में तत्परता बरती जाये

राज्य स्तरीय टास्क फोर्स अध्यक्ष डॉ. अशोक पनगडिय़ा की अध्यक्षता में स्वास्थ्य भवन में बुधवार को सांय आयोजित बैठक प्रदेश में स्वाईन फ्लू उपचार सेवाओं की समीक्षा की गयी एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।

डॉ.पनगडिया ने बताया कि स्वाईन फ्लू संभावितों के सैम्पल 24 घंटे सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने स्वाईन फ्लू संभावितों की जांच सैम्पल कार्य में तत्परता बरतने की आवश्यकता प्रतिपादित की।

प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री मुकेश शर्मा ने बताया कि प्रदेश में स्वाईन फ्लू   के उपचार के लिये पर्याप्त मात्र में दवाइयों की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है। उन्होंने स्वाईन फ्लू के गंभीर मरीजों के लिये बनाये गये आइसोलेशन वार्ड, इन्टर मीडियेट वार्ड एवं आईसीयू में हाईजीन के प्रति विशेष गंभीरता बरतने की आवश्यकता प्रतिपादित की।

बैठक में संयुक्त शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. एस.पी. सिंह, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ.बी.आर.मीणा, अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य डॉ. के. सी. मीणा, एसएमएस कॉलेज के प्राचार्य
डॉ. यू. एस. अग्रवाल, एसएमएस अस्पताल अधीक्षक डॉ. मान प्रकाश शर्मा, जे.के.लॉन अस्पताल अधीक्षक डॉ. एस.डी. शर्मा सहित सम्बंधित अधिकारीगण मौजूद थे।

मोबाइल संदेश से मिलेगी भू्रण लिंग जांच के इच्छुकों की सूचना

प्रदेश में घटते लिंगानुपात को नियंत्रित करने के उद्देश्य से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा रेड अलर्ट मोबाइल एसएमएस संदेश प्रणाली विकसित की गयी है। इस प्रणाली में भू्रण लिंग की जांच के लिए सोनोग्राफी केन्द्रों पर सम्पर्क करने वाले दम्पतियों एवं उनके सहयोगियों की सूचना मोबाइल संदेश के माध्यम से निदेशालय में बनाये गये बेटी बचाओ प्रकोष्ठ को प्राप्त होगी।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने बताया कि सोनोग्राफी केन्द्रों के सहयोग से भू्रण लिंग जांच के इच्छुक दम्पत्तियों के विरूद्घ पीसीपीएनडीटी एक्ट-1994 के तहत् नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि सोनोग्राफी केन्द्र पर चिकित्सक को प्रलोभन देकर भू्रण लिंग जांच कराने वालों के बारे में रेड एलर्ट मोबाइल एसएमएस संदेश सोनोग्राफी सेंटर से चिकित्सा विभाग को प्राप्त होगा एवं संबंधित दम्पत्तियों व उनको सहयोग करने वालों पर स्वास्थ्य कार्मिकों द्वारा विशेष निगरानी रखी जाने की व्यवस्था की गयी है।

श्री राठौड़ ने प्रदेश के सभी सोनोग्राफी केन्द्र संचालकों से आग्रह किया है कि नि:संकोच भू्रण लिंग जांच कराने मेें प्रयासरत व्यक्तियों की गोपनीय सूचना एसएमएस संदेश द्वारा अविलंब चिकित्सा विभाग को प्रेषित करें।

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