स्वाईन फ्लू :सभी अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्थाएँ – मुख्यमंत्री श्री चौहान

स्वाईन फ्लू :सभी अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्थाएँ – मुख्यमंत्री श्री  चौहान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में स्वाईन फ्लू को नियंत्रित करने के लिये युद्ध स्तर पर तैयारियाँ करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि स्वाईन फ्लू से निपटने के लिये सभी अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्थाएँ हैं। दवाओं की कोई कमी नहीं है। राज्य सरकार द्वारा अधिकृत निजी अस्पतालों को भी सरकार की ओर से दवाएँ एवं अन्य सुविधाएँ दी जा रही हैं। श्री चौहान आज यहाँ मंत्रालय में स्वाईन फ्लू के उपचार और नियंत्रण की व्यवस्थाओं और तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में प्रदेश के निजी अस्पतालों को भी बुलाया गया था।

 जे.पी. एवं हमीदिया अस्पताल का निरीक्षण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज जे.पी. और हमीदिया अस्पताल का निरीक्षण कर स्वाईन फ्लू मरीजों के लिए की गयी चिकित्सा व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। उनके साथ स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा भी थे। मुख्यमंत्री ने जे.पी. अस्पताल में स्वाईन फ्लू ओ.पी.डी. जाँच केंद्र और आइसोलेशन वार्ड का निरीक्षण किया।

आईसोलेशन वार्ड में मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हमीदिया अस्पताल में फ्लू परीक्षण केंद्र का निरीक्षण किया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और चिकित्सकों द्वारा रोकने के बावजूद मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आइसोलेशन वार्ड में स्वयं जाकर मरीजों की उपचार व्यवस्थाएँ देखी। उन्होंने वार्ड में दाखिल स्वाईन फ्लू मरीजों से उपचार के संबंध में बातचीत भी की।

मुख्यमंत्री ने निजी अस्पतालों से सहयोग का आग्रह करते हुए कहा कि सरकार के साथ टीम भावना से मिलकर काम करें। स्वाईन फ्लू से पीड़ित मरीजों के जीवन की रक्षा करना सबसे पहला उद्देश्य है। मरीजों को अविलम्ब बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाना ही सबसे बड़ा धर्म है। उन्होंने अधिकृत निजी अस्पतालों को दवाइयाँ, मास्क एवं अन्य उपकरण उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये। निजी अस्पताल सरकार से उपलब्ध करवाई सुविधाओं के लिये मरीजों से किसी प्रकार की फीस नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उपलब्ध सभी चिकित्सा सुविधाएँ चाहे वह सरकारी हों या निजी प्रदेश के लोगों के लिये हैं। यह अवसर मानवीय सोच प्रदर्शित करने का है। मिल-जुलकर काम करने से स्वाईन फ्लू को नियंत्रित करना संभव होगा।

मुख्यमंत्री की पहल पर चिरायु अस्पताल ने सरकार को वेंटीलेटर सुविधा और बिस्तरों एवं एम्बुलेंस सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध करवाने की पेशकश की। इसी प्रकार एल.एन. अस्पताल कोलार ने भी बिस्तरों एवं अन्य उपकरणों की सेवा देने का प्रस्ताव किया। सरकारी अस्पताल में उपचाररत मरीजों की संख्या बढ़ने पर उन्हें निजी अस्पतालों में रेफर किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने स्वाईन फ्लू के मरीजों के त्वरित उपचार, चिकित्सा सेवाओं एवं सुविधाओं के आदान-प्रदान के संबंध में शासकीय और निजी अस्पतालों के चिकित्सकों की समन्वय समिति गठित करने के निर्देश दिये। इस समिति में दोनों ओर से दस-दस प्रतिनिधि सदस्य नामांकित होंगे। समन्वय समिति की पहली बैठक 12 फरवरी को सुबह साढ़े दस बजे मंत्रालय में प्रस्तावित है।

बैठक में बंसल अस्पताल, शारदा अस्पताल, चिरायु अस्पताल, पीपुल्स मेडिकल अस्पताल, एम.वाय. अस्पताल इंदौर, चौईथराम अस्पताल इंदौर, बीएमएचआरसी, एल.एन. अस्पताल भोपाल के प्रतिनिधि, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव श्री अन्टोनी डिसा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री इकबाल सिहं बैंस, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री अजय तिर्की, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री प्रवीर कृष्ण, स्वास्थ्य आयुक्त श्री पंकज अग्रवाल, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभागों के वरिष्ठ चिकित्सक, हमीदिया एवं जे.पी. अस्पताल के प्रमुख उपस्थित थे।

एस.जे./ए.एस.

Related post

यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान

यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान

  कल्पना पाण्डे———प्रसिद्ध हिन्दी कथाकार एवं निबंधकार यशपाल का जन्म 3 दिसम्बर 1903 को फिरोजपुर (पंजाब) में हुआ था। उनके…
साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…

Leave a Reply