- September 26, 2015
स्वाइन फ्लू, डेंगू, मलेरिया की समुचित उपचार सुविधाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश- मुख्य सचिव श्री अन्टोनी डिसा
मुख्य सचिव श्री अन्टोनी डिसा ने स्वाइन फ्लू, डेंगू, मलेरिया की समुचित उपचार सुविधाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों को अमले सहित रोग की स्थिति पर निरन्तर निगाह रखने को कहा है। इसके साथ ही सभी अस्पताल में आवश्यक औषधियों की उपलब्धता रखने को कहा गया है। मुख्य सचिव मंत्रालय में स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के साथ ही नगरीय विकास और पर्यावरण विभाग की बैठक में समीक्षा कर रहे थे।
मुख्य सचिव ने कहा कि जनता को रोगों से बचाना चिकित्सकों का प्राथमिक कर्त्तव्य है। स्वास्थ्य शिक्षा देने के निर्देश भी मुख्य सचिव ने दिए। डेंगू के लार्वा की वजहों को समाप्त करने निर्देश दिए गए। मुख्य सचिव ने मच्छरों से बचाव के लिए पानी का जमाव रोकने, मच्छर दानी के इस्तेमाल, पानी से भरे गढ्ढों में केरोसिन या खाने के तेल के छिड़काव और अन्य उपायों को उपयोग में लाने के निर्देश दिए । उन्होंने अस्पताल स्तर तक सभी तरह की जाँच, उपचार, देख-रेख की सुविधाएँ मुहैया करवाने के साथ ही जन -जागरूकता से बीमारी को रोकने की दिशा में भी लगातार प्रयास करने को कहा ।
संचालक स्वास्थ्य डॉ. के.एल. साहू ने रोग की स्थिति पर प्रस्तुतिकरण दिया। मुख्य सचिव ने अब तक किए गए प्रयासों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। मुख्य सचिव पहले भी इस तरह की समीक्षा तीन बार कर चुके हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा भी निरंतर रोगों की स्थिति पर निगाह रखे हुए हैं।
मध्य प्रदेश का परिदृश्य
मुख्य सचिव को बताया गया कि गत एक महीने में स्वाइन फ्लू से महाराष्ट्र की 914 , गुजरात की 179 , कर्नाटक की 86 , गोवा की 65 , केरल की 43 की प्रकरण संख्या के मान से देश का दूसरा बड़ा प्रदेश होने पर भी मध्य प्रदेश में 55 प्रकरण कम न मानते हुए पूरी एहतियात बरती जा रही है। अभी राज्य में 17 मृत्यु प्रतिवेदित हुई हैं। सभी कमिश्नर और कलेक्टर को अलर्ट जारी कर यथासमय मार्गदर्शी बिंदु बताए गए हैं। जिला स्तर पर मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी एवं समस्त सिविल सर्जन रोकथाम और नियंत्रण के लिए कार्य कर रहे हैं।
आइसोलेशन वार्ड की सुविधा पहले ही शुरू हो चुकी है। जिला, सिविल अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चौबीस घंटे ओपीडी का इंतजाम है। निजी अस्पताल भी उपचार के लिए चिन्हित किए गए हैं। गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोग और बच्चों को फ्लू होने पर अधिक सतर्क रहें और जल्द इलाज शुरू करें, इसका प्रचार किया जा रहा है।
स्वाइन फ्लू के संदिग्ध प्रकरण में तुरंत टेमी फ्लू शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। भारत सरकार से एक हजार और जाँच किट का अनुरोध किया गया है। राज्य में पर्याप्त दवाएँ हैं लेकिन टेमी फ्लू की 50 एमजी की 2 लाख और 30 एमजी की 50 हजार अतिरिक्त टेबलेट की मांग की गई है। जरूरत के मुताबिक एन 95 मास्क भी उपलब्ध हैं।
शासकीय मेडिकल कॉलेज के लिए 30 वेंटीलेटर खरीदने का फैसला भी लिया गया है। डेंगू के वर्ष 2013 में 1255 रोगी सामने आए थे और 9 मृत्यु हुई थी। वर्ष 2014 में यह संख्या 2176 थी और 13 मृत्यु हुई थी। इस वर्ष 576 रोगी में लक्षण पाये गए जिनका इलाज किया गया। अन्य राज्य से आने वालों में रोग के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। इस वर्ष दिल्ली में 3791, कर्नाटक में 3748, केरल में 3057, तमिलनाडु में 2415, अरुणाचल में 1720, आंध्र में 1698, गुजरात में 1750, महाराष्ट्र में 1451, तेलंगाना में 998 के मुकाबले मध्य प्रदेश में भले 576 मामले अपेक्षाकृत कम हों, फिर भी राज्य में पूर्ण सतर्कता बरती जा रही है।
अभी प्रदेश के अस्पताल में 96 रोगी का उपचार चल रहा है। शेष रोगी स्वस्थ हो चुके हैं। प्रदेश में 26 स्वास्थ्य संस्थाएँ जाँच की जिम्मेदारी वहन कर रही हैं। प्रदेश के सभी जिला अस्पताल में प्लेटलेट्स काउंट करने के लिए काउंटर बने हैं। आयसोलेशन वार्ड में पाँच से दस पलंग उपलब्ध करवाये गए हैं। मरीज को मच्छरदानी भी मुहैया करवाई गई है।
पेयजल के अलावा अन्य पानी भी ढँककर रखें
नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे ऐसा प्रयत्न करें कि पेयजल के अलावा भी जो अन्य उपयोग का पानी रखा जाता है उसे ढँक कर ही रखें। डेंगू का लार्वा साफ़ पानी में पनपता है। इस सावधानी से काफी हद तक रोग को पनपने से पहले ही रोका जा सकता है। नागरिकों को यह भी समझाईश दी जा रही है कि पुराने मटके, टायर, पक्षियों के जल-पात्र, गमले, कूलर, मनी प्लांट की बॉटल या अन्य शीशियों आदि में पानी को जमा न होने दिया जाए। मनी प्लांट के पानी को जल्दी-जल्दी बदला जाए।विभिन्न नगरीय निकाय की ओर से इन महत्पूर्ण मार्गदर्शी बिन्दु की जानकारी पेम्फलेट आदि बाँटकर भी दी जा रही है। अनेक निकाय घरों तक जाकर लार्वा सर्वे कर रहे हैं। पानी में लार्वा मौजूद होने पर जुर्माने की कार्यवाही कर रहे हैं।
बैठक में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री विनोद सेमवाल, आयुक्त स्वास्थ्य श्री पंकज अग्रवाल, सचिव नगरीय विकास एवं पर्यावरण श्री विवेक अग्रवाल, नगर निगम भोपाल के आयुक्त श्री तेजस्वी नाईक उपस्थित थे।