- June 14, 2024
स्वत: संज्ञान:: पिथौरागढ़ के इंजीनियरिंग कॉलेज : नियमित कक्षाएं शुरू करने के लिए निविदाएं आमंत्रित करने का निर्देश
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड सरकार को पिथौरागढ़ के नन्ही परी सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज में बुनियादी ढांचे का काम पूरा करने और वहां नियमित कक्षाएं शुरू करने के लिए निविदाएं आमंत्रित करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने मंगलवार को ये निर्देश जारी किए।
पिथौरागढ़ से 15 किलोमीटर दूर स्थित इस कॉलेज का निर्माण 14.5 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था, लेकिन क्षेत्र में कुछ भूस्खलन के बाद कॉलेज की पहली मंजिल मलबे से भर जाने के बाद कक्षाओं को केएनयू राजकीय माध्यमिक विद्यालय में स्थानांतरित करना पड़ा।
राज्य सरकार द्वारा 14.5 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद कॉलेज में कक्षाएं नहीं लग पाने पर विवाद खड़ा हो गया। उच्च न्यायालय ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया और प्रशासन से रिपोर्ट मांगी।
न्यायालय को बताया गया कि निकटवर्ती राजकीय माध्यमिक महाविद्यालय के परिसर में निर्मित 10 प्रीफैब्रिकेटेड कमरों में कक्षाएं जारी रहेंगी तथा पिथौरागढ़ शहर से चंडाक होते हुए एक वैकल्पिक मार्ग बनाने का प्रस्ताव है, जिससे संस्थान की शहर से दूरी 15 किमी से घटकर मात्र साढ़े तीन किमी रह जाएगी।
याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकार इस संबंध में टेंडर प्रक्रिया शुरू कर चार सप्ताह के भीतर इसकी प्रगति से न्यायालय को अवगत कराए, ताकि भवन निर्माण में और देरी न हो।