• August 15, 2018

स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए हमारे पुरखों द्वारा दी गई कुर्बानियां हमारे ऊपर कर्ज हैं और ये कर्ज तभी उतरेगा जब हम पूरी निष्ठा और ईमानदारी से राष्ट्र निर्माण के पुनीत कार्य में हाथ बटाएंगेः मुख्यमंत्री

स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए हमारे पुरखों द्वारा दी गई  कुर्बानियां हमारे ऊपर कर्ज हैं और ये कर्ज तभी  उतरेगा जब हम पूरी निष्ठा और ईमानदारी से राष्ट्र  निर्माण के पुनीत कार्य में हाथ बटाएंगेः मुख्यमंत्री

पटना–:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान में 72वें
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडोत्तोलन किया। मुख्यमंत्री ने झंडोत्तोलन के बाद समस्त बिहारवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सदियों की गुलामी के बाद आज ही के दिन हमारा देश आजाद हुआ था। इसके लिए हमारे राष्ट्रभक्तों को अनेक कुर्बानियां देनी पड़ी।

आज के दिन हम मातृभूमि के उन सपूतों का स्मरण करते हैं, उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं और उनके सपनों को साकार करने का संकल्प लेते हैं। उन्होंने कहा कि मैं उन वीर जवानों को भी नमन करता हूं जो बहादुरी से देश की सरहदों की सुरक्षा कर रहे हैं। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। देश के थल, जल और नभ की रक्षा करने वाले भारतीय सेना का हम अभिनन्दन करते हैं, जिनकी
सजगता और सतर्कता से देश की सीमाओं की रक्षा होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार सरकार के लिए ये सौभाग्य का विषय था कि उसे गांधी जी के चंपारण सत्याग्रह के सौ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में शताब्दी समारोह के सफल आयोजन का अवसर मिला। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य उस समय की स्मृतियों को पुनर्जीवित करते हुए गांधी जी के विचारों एवं आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाना रहा।

उन्होंने कहा कि बापू की जयंती के 150 वें वर्ष को भी हम हर्षोल्लास से मनाएंगे और उनके आदर्श एवं विचारों को जन जन तक पहुंचाने की मुहिम को आगे बढ़ाएंगे। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बिहार का अग्रणी योगदान रहा है। हम बिहारी राष्ट्र निर्माण में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं और अपने लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करते रहे हैं। हमारी सरकार न्याय के साथ विकास के सिद्धांत पर सभी क्षेत्रों और वर्गों को साथ लेकर चल रही है और राज्य का सर्वांगीण विकास करना हमारा मूल संकल्प है। बिहार की तरक्की एवं प्रतिष्ठा को कायम रखने के लिए हमने निरंतर काम किया है और आगे भी करते रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम की स्थिति में बदलाव आया है। राज्य में वर्षापात की स्थिति में कमी आयी है। इसके लिए हमलोगों ने किसानों के हित में कई निर्णय लिए हैं। डीजल अनुदान की राशि 50 रुपए प्रति लीटर कर दी गई है और विद्युत के द्वारा पटवन में सुविधा हेतु सरकारी नलकूपों एवं प्राइवेट नलकूपों के लिये बिजली की दर प्रति यूनिट घटाते हुए 75 पैसे कर दी गई है। अल्प वर्षा के मद्देनजर हुई रोपाई की समीक्षा की गयी है। जहां 50 प्रतिशत से कम रोपनी हुई है उन सब जगहों पर सर्वेक्षण कराने को कहा गया है। मौसम विभाग ने वर्षापात की उम्मीद जतायी है। उम्मीद है इससे फसलों का बचाव हो पाएगा। किसानों को होने वाली क्षति को देखते हुये आपदा प्रबंधन द्वारा उनकी
मदद की जाएगी। सरकार ने हाल ही में फसलों के उत्पादन में कमी की स्थिति में वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए बिहार राज्य फसल सहायता योजना को लागू किया है। राज्य में बाहर से आने वाली नदियों में जल की स्थिति पर भी नजर रखी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए जैविक कोरिडोर का विकास किया जाएगा। जैविक सब्जी के लिए इनपुट अनुदान कार्यक्रम चलाए गए हैं। सब्जियों के लिए त्रिस्तरीय सहकारी सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन व्यवस्था लागू की गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में कानून का राज स्थापित है। जो भी अपराध करेगा
कानून उससे कठोरता से निपटेगा। हाल ही में कुछ घटनाएं हुई हैं मैं उसके संबंध में आश्वस्त करता हूं कि जो भी दोषी होंगे नहीं बचेंगे। बिना कोई द्वेष या भेदभाव के कानूनी प्रावधानों का पालन करते हुए अपराध को नियंत्रित एवं अपराधियों को निष्प्रभावी करने की ठोस व्यवस्था लागू है। न्यायालय में स्पीडी ट्रायल की पहल की गई है। संवेदनशील मामलों में त्वरित अनुसंधान कर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। राज्य में सामाजिक सौहार्द्र एवं साम्प्रदायिक सद्भाव का वातावरण कायम है। उन्होंने कहा कि हमने भ्रष्टाचार से कभी समझौता नहीं किया है और ना ही कभी करेंगे। लोक सेवक हों या जनप्रतिनिधि या अन्य कोई संस्था जो भी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि न्याय के साथ विकास के सिद्धांत पर बिहार राज्य का सर्वांगीण विकास मेरा मूल संकल्प है। आधारभूत संरचना एवं मानव संसाधन के विकास की किरणें बिहार के कोने-कोने तक पहुँच रही हैं। विकसित बिहार के सात निश्चय का क्रियान्वयन पूरे राज्य में किया जा रहा है। उच्च शिक्षा की प्राप्ति के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को लागू किया गया है। बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम के माध्यम से 4 लाख रुपए तक का शिक्षा ऋण छात्रों को चार प्रतिशत की दर से तथा छात्राओं, ट्रांसजेंडरों एवं दिव्यांगों को एक प्रतिशत की दर से उपलब्ध होगा। राज्य में जीईआर 13 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 24 प्रतिशत है। हमलोग इसे 30 प्रतिशत तक बिहार में पहुंचाना चाहते हैं। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से राज्य में उच्च शिक्षा की स्थिति बेहतर होगी। उन्होंने कहा कि बिजली की स्थिति में राज्य में उत्साहजनक सुधार हुआ है। उत्पादन, संचरण, उपसंचरण एवं वितरण प्रणाली के सुधार हेतु अनेक योजनाओं पर काम चल रहा है। राज्य के सभी गाँवों को दिसम्बर, 2017 तक एवं सभी बसावटों को अप्रैल, 2018 तक बिजली पहुंचाने के निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है। राज्य सरकार का निश्चय है कि दिसम्बर, 2018 तक हर
घर को बिजली पहुंचा दी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में युवाओं की उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए बिहार स्टार्ट-अप नीति, 2017 लागू की गयी है। इसके अतिरिक्त राज्य में सूक्ष्म एवं लघु उद्योग को बढ़ावा देने तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के युवाओं में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने हेतु ‘‘मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना’’ लागू की गई है जिसके तहत परियोजना लागत का 50 प्रतिशत यानी अधिकतम 5 लाख रूपये अनुदान तथा शेष 50 प्रतिशत यानी 5 लाख रूपये की राषि ब्याज रहित ऋण के रूप में दी जायेगी। उन्होंने कहा कि हस्तकरघा उद्योग के माध्यम से ग्राम स्वराज की कल्पना को साकार करने हेतु चतुर्थ हस्तकरघा दिवस के अवसर पर घोषणा की गई कि राज्य के सभी बुनकरों को 10 हजार रूपये की दर से कार्यशील पूँजी दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा के अन्तर्गत बुनकरों का अंशदान राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। हैण्डलूम के उत्पादों पर भी खादी की तर्ज पर बिक्री मूल्य में छूट दी जाएगी।

बुनकरों द्वारा लिए गए ऋण के लिए वन टाईम सेटलमेन्ट स्कीम लाने का निर्देश उद्योग विभाग को दिया गया है। सरकारी कार्यालयों एवं प्रतिष्ठानों में हैण्डलूम निर्मित कपड़ों के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। बुनकर समितियों के चुनाव कराने हेतु निर्वाचन प्राधिकार द्वारा जो राशि समितियों से ली जाती है उसका वहन राज्य सरकार करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तीकरण के प्रति हमेशा संवेदनशील रही है और यह सरकार की नीतियों का अभिन्न अंग है। सरकार ने अपने एक निश्चय ‘आरक्षित रोजगार, महिलाओं का अधिकार’ के तहत राज्य की सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू की है। गत वर्ष 2 अक्टूबर को बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के विरूद्ध राज्यव्यापी अभियान की शुरूआत की गई जिसको लोगों का समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि राज्य में बालिकाओं के संरक्षण, स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वावलंबन पर आधारित मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना आरंभ की गई है। इस योजना के तहत कन्या के जन्म पर 2000 रूपये, एक वर्ष की आयु पूरा करने तथा आधार पंजीयन कराने पर 1000 रूपये तथा 2 वर्ष की आयु पूरा होने पर कन्या के सम्पूर्ण टीकाकरण कराने पर 2000 रूपये अभिभावक को दिये जाएंगे। उन्होंने कहा कि पोशाक योजना की राशि बढ़ाई गई है, अब वर्ग 1 से 2 के लिए 600 रूपये, वर्ग 3 से 5 के लिए 700 रूपये, वर्ग 6 से 8 के लिए 1000 रूपये तथा वर्ग 9 से 12 के लिए 1500 रूपये प्राप्त होंगे। सैनेटरी नैपकिन के लिए राशि बढ़ाकर 300 रूपये कर दी गई है जो वर्ग 7 से 12 की बालिकाओं को मिलेगी। मुख्यमंत्री बालिका इन्टरमीडिएट प्रोत्साहन योजना के तहत 12वीं उत्तीर्ण अविवाहित बालिकाओं को 10 हजार रूपये तथा मुख्यमंत्री बालिका स्नातक प्रोत्साहन योजना के तहत स्नातक उत्तीर्ण बालिकाओं को 25 हजार रूपये दिये जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार एक कन्या को जन्म से स्नातक होने तक कुल 54,100 रूपए तक का लाभ मिल सकेगा। अन्य योजनाएँ जैसे छात्रवृत्ति, साईकिल योजना, मेधावृत्ति योजना आदि के लाभ जो बालिकाओं को पूर्व से मिल रहे हैं वो भी उन्हें मिलता रहेगा। साईकिल योजना की राशि को 2500 से बढ़ाकर 3000 रूपये किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार राज्य में शराबबंदी लागू कर सामाजिक परिवर्तन की
बुनियाद रखी गई है। शराबबंदी से समाज अधिक सशक्त, स्वस्थ एवं संयमी हुआ है, शराबबंदी के कारण पारिवारिक हिंसा, घरेलू कलह एवं अपराध में कमी आई है। उन्होंने कहा कि मद्य निषेध कानून को और स्पष्ट बनाया गया है तथा इसके दुरूपयोग को रोकने के लिए दण्ड को अपराध के समानुपातिक बनाया गया है ताकि निर्दोष व्यक्तियों को सजा नहीं हो और अपराधियों को उचित दण्ड मिल सके। बिहार की शराबबंदी की चर्चा पूरे देश में हो रही है।

बापू के जन्म के 150 वें वर्ष में पूरे देश में शराबबंदी लागू हो जाए तो यह बापू के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अतिपिछड़ा वर्ग तथा अन्य समुदाय के अत्यंत निर्धनतम परिवार जो हाशिए पर हंै तथा देशी शराब एवं ताड़ी के उत्पादन में पारम्परिक रूप से जुड़े अत्यंत निर्धन परिवार को आजीविका के साधन, क्षमता के निर्माण एवं वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए ‘‘सतत जीविकोपार्जन योजना’’ लागू की
गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार सरकार की रणनीति हमेशा से उन सभी नागरिकों को
सशक्त बनाने की रही है, जो तुलनात्मक रूप से वंचित हैं। सरकार द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्ग के लिए विशेष कल्याणकारी कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित सभी छात्रावासों की आधारभूत संरचना तथा अन्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। अनेक नये छात्रावासों का भी निर्माण किया जा रहा है। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि वैसे सभी छात्रावास जिनका भवन जर्जर हो गया है, उनके स्थान पर चरणबद्ध तरीके से नये भवन का निर्माण किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा इन तीनों विभागों के अंतर्गत संचालित छात्रावासों में प्रति विद्यार्थी 1000 रूपये प्रतिमाह की दर से छात्रावास अनुदान तथा 15 किलो मुफ्त खाद्यान्न प्रतिमाह देने की योजना स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति तथा अत्यंत पिछड़ा वर्ग के सभी अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा की तैयारी हेतु 50 हजार रूपये एवं संघ लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा में पास करने वाले सभी अभ्यर्थियों को एक लाख रूपये प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराने के लिए सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना की स्वीकृति दी गयी है। इस सहायता से लाभार्थी मुख्य परीक्षा की बेहतर तैयारी कर सकेंगे और उनके सफल होने का मार्ग प्रशस्त होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए राज्य सरकार पूर्व से छात्रवृति, मेधावृति, शिक्षा ऋण, रोजगार ऋण, कौशल विकास, परित्यक्ता सहायता, कोचिंग आदि योजनाओं का सफल संचालन कर रही है। नई पहल के तहत मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना का विस्तार करते हुए अब बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के साथ-साथ मदरसा बोर्ड से फोकानिया परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को 10 हजार रूपये एवं मौलवी परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण छात्राओं को 15 हजार रूपये प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम परित्यक्ता सहायता योजना की सहायता राशि 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रूपये कर दी गई है। अल्पसंख्यक पोस्ट मैट्रिक योजना के तहत केन्द्रीय कोटा से शेष आवेदकों को राज्य अपनी राशि से लाभान्वित करेगा। राज्य अल्पसंख्यक वित्त निगम की हिस्सा पूंजी को 40 करोड़ से बढ़ाकर 80 करोड़ रूपये कर दिया गया है।

अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना के वार्षिक आवंटन को 25 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 100 करोड़ रूपये कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिभावान विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु आवासीय विद्यालय का निर्माण कराया जाएगा। बिहार राज्य मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त मदरसों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु बिहार राज्य मदरसा शिक्षा सुदृढ़ीकरण योजना स्वीकृत की गई है। जिला स्तर पर वक्फ की भूमि पर बहुउद्देशीय भवन का निर्माण कर उसमें कार्यालय, पुस्तकालय, ऑडिटोरियम, कौशल विकास केन्द्र, कोचिंग सेन्टर आदि की व्यवस्था करने हेतु बिहार राज्य वक्फ विकास योजना को स्वीकृति दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें और आगे बढ़ना है इसके लिए कई और निर्णय लिए गए हैं जिसके बारे में आप सबों को आज के पावन अवसर पर बताना चाहता हूं। श्री अशोक कुमार चौधरी, पूर्व मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों में संविदा पर नियोजित कर्मियों के संबंध में उच्च स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट समर्पित की है। अनुशंसाओं में संविदा कर्मियों की सेवा शर्त, नियमित नियुक्ति में भाग लेने हेतु उम्र सीमा के शिथिलीकरण, कार्य अनुभव को नियुक्ति में महत्व देना, मानदेय पारिश्रमिक का निर्धारण, अवकाश की अनुमान्यता, अनुग्रह अनुदान, सेवा अभिलेख, यात्रा व्यय, सेवा समाप्ति के विरुद्ध अपील, कर्मचारी भविष्य निधि, कर्मचारी राज्य बीमा, मातृत्व अवकाश तथा वार्षिक मूल्यांकन आदि शामिल हैं। आप सबको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सरकार ने समिति की अनुशंसाओं को स्वीकार करते हुए विभिन्न योजनाओं में कार्यरत संविदाकर्मियों को समिति के अनुरुप लाभ दिए जाने का निष्चय
किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत से प्रखंड मुख्यालय तक यात्रियों को परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना आरंभ की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के युवाओं को प्रत्येक पंचायत में भाड़े पर चलाने के लिए यात्री वाहन खरीदने हेतु वाहन की कीमत का 50 प्रतिशत अथवा 1 लाख रुपए अधिकतम अनुदान दिया जाएगा। यह अनुदान 4 से 10 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता वाले वाहनों के लिए देय होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार पैक्सों के माध्यम से आधुनिक कृषि यंत्र कम शुल्क पर उपलब्ध कराने के लिए हरित कृषि संयंत्र योजना प्रारंभ की जाएगी। प्रत्येक पैक्स को अधिकतम 20 लाख रुपए की सहायता विभिन्न प्रकार के संयंत्रों को खरीदने के लिए प्राप्त
होगी, जिसमें 50 प्रतिशत ऋण एवं 50 प्रतिशत अनुदान होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार राज्य के निवासियों को अपराध, दुर्घटना तथा अन्य कोई घटना से संबंधित सूचना सहज रुप से पुलिस तक पहुंचाने तथा पुलिस का सहयोग प्राप्त करने हेतु पटना में एक केंद्रीयकृत नियंत्रण कक्ष प्रारंभ किया जा रहा है, जिसका दूरभाष संख्या-100 होगा। इस नंबर पर राज्य के किसी भी कोने से सूचना दर्ज करायी जा सकती है जिस पर तुरंत कार्रवाई होगी।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि विभागों से संपर्क स्थापित करने हेतु एक समर्पित हेल्प लाइन “जिज्ञासा कॉल सेंटर” की सुविधा प्रारंभ की जा रही है। इसमें सभी विभागों के लिए एक ही हेल्पलाईन नंबर होगा। इस नंबर के माध्यम से किसी भी विभाग से संपर्क स्थापित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति तथा अति पिछड़े वर्गों के गृह विहीन परिवार जो प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत लाभ पाने के हकदार हैं, लेकिन जमीन के अभाव में वे घर नहीं बना पा रहे हैं तो ऐसे परिवारों को घर बनाने के लिए जमीन खरीदने हेतु राज्य सरकार राशि उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि पुराने जर्जर इंदिरा आवास के बदले नए घर के निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधन से “मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना” आरंभ की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज से राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों, जिला अस्पतालों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी में इलाज के लिए समय प्राप्त करने के लिए ऑनलाईन सुविधा प्रारंभ की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक सेवा का अधिकार कानून के अंतर्गत जाति, आय एवं
आवासीय प्रमाण पत्र अब ऑन लाईन उपलब्ध हो सकेंगे। आवेदक को जाति, आय एवं आवासीय प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए प्रखंड के लोक सेवा केंद्र पर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि 1 सितंबर 2018 से राज्य के 534 अंचलों में ऑनलाईन दाखिल खारिज की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 02 अक्टूबर 2018 से राज्य के सभी अवर निबंधक कार्यालय को अंचल कार्यालयों से जोड़ दिया जाएगा जिसके पश्चात जितने भी दस्तावेज निबंधित किए जाएंगे उसकी सूचना उसी दिन अंचल कार्यालय को प्राप्त हो जाएगी और तुरंत दाखिल खारिज की कार्रवाई भी स्वतः प्रारंभ हो जाएगी। उन्होंने अंतिम घोषणा में कहा कि 02 अक्टूबर 2018 तक सभी अंचलों में ऑनलाईन लगान जमा करने की व्यवस्था अधिसूचित कर दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के नवमिर्माण के लिए सभी तबकों, संप्रदायों एवं
समाजिक समूहों के लोगों से और खासकर नई पीढ़ी एवं महिलाओं से हमें ज्यादा उम्मीद है। सभी को आगे बढ़कर रचनात्मक कार्यों में अपना योगदान देना होगा। स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए हमारे पुरखों द्वारा दी गई कुर्बानियां हमारे ऊपर कर्ज है और ये कर्ज तभी उतरेगा जब हम पूरी निष्ठा और ईमानदारी से राष्ट्र निर्माण के पुनीत कार्य में हाथ बटाएंगे।

आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आप सबों से आह्वान करता हूं कि राज्य के
नवनिर्माण में आप सभी अपना पूरा योगदान करें ताकि बिहार शीघ्र ही देश के विकसित राज्यों की श्रेणी में आ जाए। अंत में मुख्यमंत्री ने सभी को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तुत 14 झांकियों को भी देखा और उनमें दर्शायी गई कलात्मक एवं शिक्षाप्रद संदेशों की प्रशंसा की।

इसके पूर्व मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने शहीद-ए-कारगिल स्थल पर जाकर
कारगिल के अमर शहीदों को नमन किया और उन्हें पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

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