- April 16, 2017
स्वच्छ पानी के लिये हाहाकार -पार्षद नीना सतपाल राठी
अफसरों के कानों में रुई
झज्जर/ बहादुरगढ़ (पत्रकार गौरव शर्मा)—–गर्मी बढऩे के साथ ही पानी की सप्लाई भी बाधित हो रही है। वार्ड-30 में कुछ समय से पेयजल को लेकर संकट गहराने लगा है। बेहद कम मात्रा में पानी की सप्लाई किए जाने व उसी वक्त बिजली गुल होने से महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है।
यहां के निवासियों को पानी की व्यवस्था करने के लिए या तो हैंडपंपों का सहारा लेना पड़ रहा है या फिर उन्हें टैंकरों व दूसरे वाहनों के माध्यम से सप्लाई किया जा रहा पानी खरीदकर काम चलाना पड़ रहा है। महिला पार्षद की ओर से अधिकारियों को शिकायत करने के बाद भी कोई सुध नहीं ली जा रही। जिससे वार्डवासियों में रोष पनप रहा है।
यहां की निवासी संतोष देवी, बिमला सांगवान, कुकी शर्मा, नीलम दलाल, कमलेश, निर्मला, भावन, शांति शर्मा, मंजू शर्मा, सरस्वती के अलावा सतबीर ठेकेदार, विजेंद्र दलाल, राजकुमार, रोहतास मलिक, राजकुमार शर्मा के अलावा कई अन्य लोगों ने कहा कि वार्ड-30 में इन दिनों पेयजल का संकट दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।
वार्डवासियों का कहना है कि उनके वार्ड की वॉल शहर के एक होटल के पास से खोली जाती है और यही से लाइनपार व दूसरे क्षेत्रों की भी वाल जुड़ी है। इसी वॉल से लाइनपार व आधा इंद्रा मार्केट में पानी छोड़ा जाता है। यहीं से वार्ड 27 और 30 में भी आता है। आध से पौना घंटा पानी की सप्लाई होती है।
-हर रोज हो सप्लाईवार्डवासियों ने कहा कि वार्ड में विभाग की ओर से अनेदखी की जा रही है। हर रोज पानी सप्लाई नहीं किया जाता बल्कि 2 से 3 दिन में पानी आता है।
महिलाओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि पानी की वॉल खोलने वाले भी दबाव में काम करते हैं। 66 फुटा रोड पर जो लाइन बिछी है या तो उसमें पर्याप्त पानी आता ही नहीं और आता है तो सीवरेज युक्त पानी की सप्लाई होती है। जिससे यहां बीमारी फैलने की अंदेशा बनी रहती है।
-क्या कहती है पार्षद पार्षद नीना राठी व उनके पति सतपाल राठी ने कहा कि वार्ड में पानी की समस्या विकराल हो रही है। न तो प्यास बुझाने व अन्य कार्यों के लिए लोगों को पर्याप्त पानी मिल रहा है और न ही स्वच्छ। अधिकारियों को भी बताया जा चुका है लेकिन उनके कानों में रुई ठुंसी हुई है । गर्मी के मौसम में हर रोज कम से कम 2 बार पानी की सप्लाई की जानी चाहिए ताकि रोजमर्रा के कार्य करने में कोई परेशानी न झेलनी पड़े।