• March 14, 2016

स्मृति शेष – वास्तु महर्षि चन्दूलाल सोमपुरा :- – डॉ. दीपक आचार्य

स्मृति शेष  – वास्तु महर्षि चन्दूलाल सोमपुरा :- – डॉ. दीपक आचार्य

संपर्क -9413306077
dr.deepakaacharya@gmail.com

 चन्दूलाल सोमपुरा यानि की वास्तुसिद्ध और भूगर्भज्ञानी चन्दूभाई तलवाड़ा वाले। न केवल सोमपुरा समुदाय बल्कि पूरे वागड़ क्षेत्र का नाम गौरवान्वित करने वाले चन्दूभाई अब नहीं रहे। शुक्रवार रात उनका निधन हो गया।

वह महान हस्ती उस पावन धाम को चली गई जहाँ से किसी का लौटना संभव नहीं। बात जमीन के भीतर पाताल लोक की हलचल से लेकर आसमानी हवाओं और बादलों के रूख को जानने-पहचानने की हो या फिर देवी-देवताओं की मूर्तियों के भीतर प्राण तत्व समाविष्ट करने लायक कारकों के बारे में जानकारी अथवा किसी भी मन्दिर के निर्माण की सूक्ष्म वास्तुकला और आभामण्डल के बारे में सटीक और सही-सही कथन की, चन्दूलाल सोमपुरा इस मामले में किसी त्रिकालदर्शी ऋषि महर्षि से कम नहीं थे।1.-Samman

अपनी पूरी जिन्दगी में उन्होंने हजारों मकानों, दुकानों, मन्दिरों और विभिन्न संरचनाओं का वास्तु देखा, वास्तु दोष को अपनी दिव्य दृष्टि से भाँप कर इसके परिहार के उपाय बताए, नकारात्मक वस्तुओं को बाहर निकलवाया और सुकूनदायी जीवन जीने लायक प्रासादों के निर्माण में सलाहकार के रूप में अपनी भूमिका निभायी।

सैकड़ों मूर्तियों और मन्दिरों का वास्तु उनकी पारखी निगाहों से ही नापा गया और उनके कहे अनुसार ही निर्माण हुआ। न केवल देश बल्कि विदेश के लोग भी उनके वास्तु ज्ञान के कायल थे।  जहां खुद नहीं जा पाते वहां का नक्शा और फोटो देखकर वास्तु की खोट निकालने और शुद्ध भावभूमि की प्रतिष्ठा कराने में वे सिद्ध थे।

दूर -दूर से लोग उनके पास तलवाड़ा आते, अपनी गाड़ी में बिठाकर साथ ले जाते, उनकी सुख-सुविधा का पूरा ख्याल रखते और भरपूर आतिथ्य के साथ सम्मान करते। और वापिस ससम्मान तलवाड़ा घर पर ले आते।

सहज, सरल और शांत चित्त इतने कि हर काम को तल्लीनता से करते, और जो सच होता वह साफ-साफ कहते। झूठ और बेईमानी उन्हें पसंद नहीं थी इसलिए ऎसे लोगों को उनका कोप भाजन भी होना पड़ता।

वास्तु महर्षि सम्मान

चन्दूभाई सोमपुरा की दीर्घकालीन सेवाओं को देखकर ही गायत्री मण्डल के संस्थापक अध्यक्ष एवं प्राच्यविद्यामहर्षि ब्रह्मर्षि पं. महादेव शुक्ल ने उन्हें एक दशक पूर्व वास्तु महर्षि की उपाधि से सम्मानित किया।

96 वर्ष की सांसारिक यात्रा पूर्ण कर देवलोकगमन कर चुके चन्दूभाई सोमपुरा का महाप्रयाण वागड़ अंचल ही नहीं बल्कि देश के वास्तु जगत के लिए भी अपूरणीय क्षति है।

उन्हें हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि वास्तु और भूगर्भ ज्ञान की वागड़ की पुरातन परंपरा को बरकरार रखने के लिए इस दिशा में सार्थक प्रयास हों ताकि वागड़ की इस क्षेत्र में साख दुनिया में बनी रहे।

Related post

जनवरी 2024 में 1,41,817 कॉल : कन्वर्जेंस कार्यक्रम के तहत 1000 से अधिक कंपनियों के साथ साझेदारी

जनवरी 2024 में 1,41,817 कॉल : कन्वर्जेंस कार्यक्रम के तहत 1000 से अधिक कंपनियों के साथ…

 PIB Delhi—एक महत्वपूर्ण सुधार में, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) ने शिकायतों के समाधान में तेजी लाने…
‘‘सहकारिता सबकी समृद्धि का निर्माण’’ : संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 : प्रधानमंत्री

‘‘सहकारिता सबकी समृद्धि का निर्माण’’ : संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 : प्रधानमंत्री

 PIB Delhi:——— प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 25 नवंबर को नई दिल्ली के भारत मंडपम में दोपहर…

Leave a Reply