- January 7, 2016
स्टैंड अप इंडिया योजना :- मंत्रिमंडल
पेसूका (नई दिल्ली ) ००००००००००००००००००००००००००० प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति एवं महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए ‘स्टैंड अप इंडिया योजना’ को मंजूरी दे दी। इस योजना का उद्देश्य प्रत्येक उद्यमशील वर्ग के लिए औसतन प्रति बैंक शाखा कम से कम दो ऐसी परियोजनाओं को सुगम बनाना है।
योजना की शुरूआत के बाद 36 महीनों में कम से कम ढाई लाख मंजूरियों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
स्टैंड अप इंडिया योजना में निम्नलिखित का प्रावधान है-
• 10,000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि के साथ भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के जरिये पुनर्वित खिड़की
• राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) के जरिये एक ऋण गारंटी तंत्र का सृजन
• उधार लेने वालों को ऋण पूर्व चरण एवं संचालनों दोनों प्रक्रियाओं के दौरान सहयोग देना। इसमें लेखा क्रय सेवाओं के साथ उनकी घनिष्टता बढ़ाना, ऑनलाइन प्लेटफार्म एवं ई- मार्केट स्थानों के साथ पंजीकरण तथा सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों एवं समस्या समाधान पर सत्रों का आयोजन शामिल है।
इस योजना के विवरण इस प्रकार हैं –
• अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति एवं महिलाओं दोनों के लिए समर्थन मुहैया कराने पर फोकस है।
• इस मंजूरी का समग्र उद्देश्य आबादी के ऐसे सुविधा विहीन क्षेत्रों तक बैंक ऋण की सुविधाएं प्रदान करने के लिए संस्थागत ऋण संरचना का लाभ उठाना है। ये बैंक ऋण अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति एवं महिला वर्ग के ऐसे कर्जदारों द्वारा गठित गैर कृषि क्षेत्र में ग्रीन फील्ड उद्यमों के लिए 10 लाख से 100 लाख रुपये के बीच एवं 7 वर्ष की अवधि तक पुनर्अदायगी के योग्य होंगे।
• इस योजना के तहत ऋण उपयुक्त रूप से संरक्षित एवं एक ऋण गारंटी योजना के जरिये ऋण गारंटी से समर्थित होंगे, जिसके लिए वित्तीय सेवा विभाग निपटान कर्ता होगा तथा राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) संचालक एजेंसी होगी।
• समग्र ऋण का मार्जिन धन 25 प्रतिशत तक होगा। राज्य योजनाओं के साथ समन्वय से कई कर्जदारों के लिए मार्जिन धन जरूरत में वास्तविक कमी आने की उम्मीद है। एक अवधि के बाद ऐसा प्रस्ताव है कि क्रेडिट ब्यूरो के जरिये कर्जदारों के एक ऋण इतिहास का निर्माण किया जाएगा।