- January 10, 2019
स्टेट हाईवे- 95 एवं इंडो-नेपाल बाॅडर का एरियल सर्वे –आवष्यक दिषा-निर्देष
पटना———–:- मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार ने स्टेट हाईवे- 95 एवं इंडो-नेपाल बाॅडर का एरियल सर्वे किया।
स्टेट हाईवे- 95 का निर्माण- मानसी (एन0एच0-31)-सहरसा-हरदी चैघड़ा पथ (राज्य उच्च पथ संख्या- 95), खगड़िया जिला के एन0एच0- 31 के मानसी से प्रारंभ होकर सहरसा एवं मधेपुरा जिला होते हुये सुपौल जिलान्तर्गत एस0एच0- 66 पर हरदी-चैघड़ा में मिलती है। इस पथ की लंबाई 75.02 किलोमीटर होगी।
मानसी से लगभग 7.5 किलोमीटर (बदलाघाट) तक सिंगल लेन पथ है, जिस पर यातायात चालू है। किलोमीटर 7.5 (बदलाघाट) से लगभग किलोमीटर 15.5 (फनगो हाॅल्ट) तक वर्तमान में पथ का कोई एलाइनमेंट नहीं है। यह एक मिसिंग लिंक है। इस पथांष में चार नदियाॅ- बागमती, कात्यायनी (कमला), मृत कोसी एवं कोसी बहती है, जो इस एलाइनमंेट के क्रमषः 10वें किलोमीटर, 12वें किलोमीटर, 14वें किलोमीटर एवं 15वें किलोमीटर पर अवस्थित है। इन नदियों पर वर्तमान में कोई सड़क पुल नहीं है।
चारो नदियों पर पूर्व में मीटर गेज रेल ब्रिज से रेल परिचालन किया जाता था, जो अब परित्यक्त अवस्था में है। वर्तमान में चारो नदियों पर रेलवे के द्वारा नवनिर्मित ब्राॅड गेज रेल पुल का निर्माण कर रेल परिचालन किया जा रहा है। इस पथ की योजना में इन चारो नदियों पर उच्चस्तरीय पुल प्रस्तावित है। इन पुलों के निर्माण से मिसिंग लिंक खत्म हो जायेगा एवं आवागमन सुगम हो जायेगा।
इस सड़क के बन जाने से सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया आदि जिले के नागरिकों को राजधानी पटना आने में सहूलियत होगी। पर्यटन के दृष्टिकोण से कात्यायनी मंदिर पर आवागमन सुगम हो जायेगा, जो कि वर्तमान में नाव द्वारा पहुॅचा जाता है। खगड़िया एवं सहरसा के सबसे दुर्गम क्षेत्र में आवागमन कायम हो पायेगा।
इस कार्य का डी0पी0आर0 तैयार कर लिया गया है। इसके अनुसार अनुमानित लागत लगभग 1400 करोड़ रूपये है। मुख्यमंत्री ने एलाइनमेंट के निरीक्षण के उपरान्त इसका अनुमोदन प्रदान किया है और निर्माण कार्य शुरू करने का निर्देष दिया है।
इंडो-नेपाल बाॅडर रोड- यह पथ पष्चिम चम्पारण के मदनपुर से प्रारंभ होकर इंडो- नेपाल बाॅडर के साथ-साथ किषनगंज के गलगलिया तक जाता है। इस पथ की कुल लंबाई 552.293 किलोमीटर प्रस्तावित है। यह पथ राज्य के सात जिलों यथा- पष्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया एवं किषनगंज से गुजरती है। इन सात जिलों के कुल 365 गाॅवों में कुल 2894 एकड़ भूमि का अधिग्रहण होना है।
राज्य सरकार के अनुरोध पर भारत सरकार ने इस योजना को पूर्ण करने की अवधि मार्च 2022 संषोधित कर निर्धारित की है। साथ ही साथ पुराने प्राक्कलनों को पुनरीक्षित करने की भी सहमति प्रदान की है।
अब तक 93 किलोमीटर का कार्य पूर्ण हो चुका है। सम्पूर्ण परियोजना की निर्माण लागत 1702 करोड़ रूपये भारत सरकार द्वारा वहन हो रहा है। राज्य सरकार द्वारा भू-अर्जन में 2233.193 करोड़ रूपये तथा पुल निर्माण में 983.81 करोड़ रूपये यानि कुल 3216 करोड़ रूपये व्यय किया जायेगा।
इस योजना के सुपौल जिले में पड़ने वाले हिस्से भपटियाही से वीरपुर का एरियल सर्वे मुख्यमंत्री द्वारा किया गया। जहाॅ दो लेन का उत्कृष्ट पथ बन गया है। मुख्यमंत्री ने अन्य जिलों के काम में तेजी लाने का निर्देष दिया है।
एरियल सर्वेक्षण के क्रम में पथ निर्माण मंत्री श्री नंदकिषोर यादव, मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, प्रधान सचिव पथ निर्माण श्री अमृत लाल मीणा एवं मुख्यमंत्री के विषेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे।