- February 20, 2019
सौर ऊर्जा से रौशन मेडिकल कॉलेज
चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ और नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री हर्ष यादव के समक्ष आज प्रदेश के 8 मेडिकल कॉलेज छिन्दवाड़ा, इंदौर, भोपाल, विदिशा, शिवपुरी, रतलाम, शहडोल और जबलपुर में सौर संयंत्रों की स्थापना के लिये करारनामे पर हस्ताक्षर किये गये।
नवीन और नवकरणीय ऊर्जा विभाग ने रूफटॉप सोलर संयंत्र लगाने की परियोजना को रेस्को पद्धति के माध्यम से लोकप्रिय बनाने की पहल की है। इस पद्धत्ति में भवनों पर बिना पूंजीगत निवेश के सस्ती बिजली उपलब्ध करवाने के लिये संयंत्र स्थापित किया जाता है।
मंत्री डॉ. साधौ ने कहा कि नदियों में जल की उपलब्धता में कमी और थर्मल पॉवर की महंगी दरों को देखते हुए सौर ऊर्जा की उपयोगिता बढ़ गई है। इसलिये मेडिकल कॉलेजों में वर्तमान देय विद्युत दर से लगभग चौथाई कम दर पर सौर ऊर्जा प्राप्त करने की पहल की गई है।
परियोजना दो चरण में क्रियान्वित की जा रही है। प्रथम चरण में सागर, ग्वालियर और रीवा का चयन किया गया है। द्वितीय चरण में 11 मेडिकल कॉलेज लिये गये हैं। डॉ. साधौ ने कहा कि मेडिल कॉलेज प्रबंधन और हैदराबाद के टेपसोल सोलर पॉवर वेंचर लिमिटेड द्वारा मात्र एक रूपये 63 पैसे यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध करवाने का अनुबंध हुआ है। भविष्य में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अन्य संस्थानों को भी इससे लाभांवित किया जायेगा।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री हर्ष यादव ने अल्प समय में एक साथ इतनी अधिक संख्या में मेडिकल कॉलेजों के लिये अनुबंध की प्रक्रिया पूरी करने के लिये बधाई दी।
श्री यादव ने कहा कि क्लीन और ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में मध्यप्रदेश मॉडल बनकर उभर रहा है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में सस्ती सुलभ बिजली उपलब्ध करवाने की पहल से अगले 25 वर्ष में लगभग 300 करोड़ रूपये की बचत संभव होगी।
प्रमुख सचिव नवकरणीय ऊर्जा श्री मनु श्रीवास्तव ने बताया कि विश्व बैंक और इंटरनेशल सोलर अलायंस के सहयोग से मध्यप्रदेश में लागू परियोजना का अन्य राज्य अनुसरण करना चाहते हैं।
सभी मेडिकल कॉलेज में संयंत्र स्थापना से पहले साल में ही 12 करोड़ की बचत हो सकेगी। संयंत्रों का रख-रखाव चयनित डेवलपर द्वारा किया जायेगा।
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना में अनेक विभाग रूचि ले रहे हैं। इस कार्य की गति अब और तेज होगी।