• December 16, 2020

सूचना मांगने वाले आवेदकों को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-107 के तहत फंसाने वाले पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को कठोर सजा

सूचना मांगने वाले आवेदकों को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-107 के तहत फंसाने वाले पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को कठोर सजा

मधुबनी—-सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन करने वाले आवेदकों एवं सूचना का अधिकार कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने और उन पर हमला करने के मामले को सरकार ने काफी गंभीरता से लिया है।

सूचना का अधिकार अंतर्गत सूचना मांगने वाले आवेदकों को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-107 के तहत फंसाने अथवा अन्य प्रकार से प्रताड़ित करने से संबंधित मामलों की जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने वाले पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को कठोर सजा दी जाएगी।

सामान्य प्रशासन विभाग ने सरकारी पदाधिकारियों से अपेक्षा की है कि वे सूचना मांगने वाले व्यक्तियों का सम्मान करते हुए सूचना उपलब्ध कराने में सकारात्मक भूमिका का निर्वाह करें। इसके विपरीत आचरण करने वालों को कर्तव्य की उपेक्षा करने और कदाचार में लिप्त होने का दोषी माना जाएगा। जिसके लिए उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही संचालित कर वृहत दंड भी दिया जा सकता है।

सूचना मांगने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध झूठे आपराधिक मुकदमा दायर करने संबंधी प्राप्त शिकायत की वरीय अधिकारियों से जांच कराई जाएगी एवं दोषी पाए गए अपराधियों के विरुद्ध गंभीर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। हेल्पलाइन के माध्यम से पीड़ित व्यक्तियों की शिकायत दर्ज कर उसपर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

सूचना का अधिकार कार्यकर्ताओं एवं आवेदकों को प्रताड़ित किए जाने और उन पर हमला किए जाने का मामला प्रकाश में आते रहने से सामान्य प्रशासन विभाग ने सख्ती बरतने का निर्णय लिया है। इस संबंध में केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा गठित टास्क फोर्स द्वारा की गई अनुशंसाओं एवं सुझावों पर विचार के उपरांत इसे राज्य में भी लागू करने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है।

सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी अन्य संबंधित पदाधिकारियों समेत जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि जहां सूचना का अधिकार कार्यकर्ता एवं आवेदक को धमकाया जाता है या उस पर हमला होता है तो सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा-18 के तहत राज्य सूचना आयोग में एक शिकायत वाद दायर किया जाए। राज्य सूचना आयोग इस शिकायत को संज्ञान में ले सकता है।

आवश्यक जांच भी करा सकता है। सूचना मांगने के कारण दी गई धमकी अथवा हमले को शीघ्र गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई करने को भी कहा गया है। धमकी मिलने या हमले के शिकार सूचना का अधिकार कार्यकर्ताओं एवं आवेदकों की सुरक्षा एवं इसके जांच के संबंध में डीएम एवं एसपी को अविलंब आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है।

सूचना का अधिकार आवेदक पर हमले की स्थिति में आवेदक के निकट संबंधी, सिविल सोसाइटी संस्थाओं द्वारा दायर की गई शिकायतों पर भी विचार कर तत्काल कार्रवाई करने को कहा गया है। धमकी और हमले से संबंधित गंभीर मामलों को संज्ञान में लेकर राज्य प्राधिकारों एवं राज्य सूचना आयोग के समक्ष रखने को कहा गया है, ताकि राज्य सरकार की संबंधित संस्थाओं द्वारा ऐसे मामलों में आवश्यक कार्रवाई की जा सके। उक्त संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने सरकार के अपर सचिव हिमांशु कुमार राय के हस्ताक्षर से सभी संबंधित पदाधिकारियों को पत्र जारी कर दिया है।

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