- August 9, 2021
सूचना देने की लिए पहचान पत्र की मांग गैर क़ानूनी — राज्य सूचना आयोग
हरियाणा में, आमतौर पर जन सूचना अधिकारी अनावश्यक पूछताछ करके सूचना की आपूर्ति को रोकने की कोशिश करते हैं और आरटीआई अधिनियम के उद्देश्य को पूरा नहीं होने देते है और आजकल जन सूचना अधिकारीयों द्वारा आरटीआई आवेदनों को आवेदक द्वारा अपना सरकारी पहचान पत्र न लगाने पर उसे हरियाणा सरकार के एक पत्र का हवाला देकर बड़े पैमाने पर ख़ारिज किया जा रहा है और कुछ जन सूचना अधिकारीयों ने तो बोर्ड लगाकर लिखवा दिया है कि बिना आवेदक के पहचान पत्र के आरटीआई आवेदन नहीं लिया जायेगा !
जब 06 मई, 2021 को जगाधरी जिला बार के सदस्य एवम अधिवक्ता श्री घनश्याम दास ने आर.टी.आई. के माध्यम से प्रखंड विकास एवं पंचायत अधिकारी एवं अन्य के समक्ष निर्माण कार्य हेतु विभिन्न संस्थाओं को दी गई राशि की जानकारी हेतु आरटीआई आवेदन दिया तो उन्हें यह कहकर सूचना देने से इंकार कर दिया गया कि हरियाणा सरकार ने अपनी अधिसूचना दिनांक 12 अप्रैल, 2021 के माध्यम से पत्र संख्या दिनांक 05 मई, 2021 जारी करके हरियाणा सूचना का अधिकार नियमों में एक संशोधन किया है, जो यह अनिवार्य करता है कि एक आवेदक को आर.टी.आई. आवेदन दाखिल करने के लिए पहचान पत्र लगाना, निर्धारित प्रारूप में ही सूचना मांगना व सूचना मांगने की वजह बताना अनिवार्य है।
इस पर श्री गुप्ता ने राज्य सूचना आयोग, हरियाणा में प्रखंड विकास एवं पंचायत अधिकारी एवं अन्य के विरुद्ध शिकायत दायर की और सभी पक्षों को सुनने और कानून का अवलोकन करने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल के. जे. सिंह, सूचना आयुक्त ने यह पाया कि कानून मुताबिक कोई भी जनसूचना अधिकारी एक आवेदक को आर.टी.आई. आवेदन दाखिल करने के लिए न तो पहचान पत्र मांग सकता है, न ही उससे आवेदन को किसी निर्धारित प्रारूप में मांग सकता है व न ही सूचना मांगने की वजह पूछ सकता है और आरटीआई आवेदक को अपने आवेदन में केवल उतनी ही जानकारी देनी होगी, जो उसके उसके बताये पते पर जानकारी भेजने के लिए जरुरी हो और साथ ही जन सूचना अधिकारी को तीन दिनों के भीतर आवेदक को पूरी जानकारी देने का निर्देश दिया !
घनश्याम दास
(अधिवक्ता )
District Courts, Jagadhri
Mobile: 9896015830