- October 30, 2018
सुविधा परिषद —-13 प्रकरणों का निष्पादन, एक प्रकरण रिजेक्ट
जयपुर—- राजस्थान सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सुविधा परिषद ने मंगलवार को उद्योग भवन में आयोजित 43 वीं बैठक में राज्य की एमएसएमई इकाईयांंे के बकाया भुगतान के प्रकरणों को आपसी समझौते से निपटाते हुए 13 प्रकरणों को समाप्त किया गया है। बैंठक में एक प्रकरण को रिजेक्ट किया गया हैं।
उद्योग आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने बताया कि केन्द्र सरकार के एमएसएमईडी एक्ट 2006 के प्रावधानों के अनुसार सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों से सामान प्राप्त करने वाले उद्योगों या संस्था को राशि का भुगतान 45 दिन में नहीं होने की स्थिति में संबंधित पक्ष उद्योग आयुक्त की अध्यक्षता में गठित सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सुविधा परिषद में वाद प्रस्तुत कर राहत प्राप्त कर सकते हैं।
एमएसएमईडी एक्ट 2006 के प्रावधानों के अनुसार 45 दिन में भुगतान नहीं करने वाले पक्ष को मूलधन एवं विलंबित अवधि की बैंक ब्याज दर की 3 गुणा दर से ब्याज का भुगतान करना होता है।
उद्योग आयुक्त डॉ. शर्मा की अध्यक्षता में गठित परिषद् के उद्योग आयुक्त डॉ. समित शर्मा के अलावा संयोजक राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति श्री एन.सी. उप्रेती, उद्योग संघों के प्रतिनिधि श्री ताराचंद गोयल, श्री राजेन्द्र राठी व श्री योगेश गौतम सदस्य है। आज की बैठक में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोजन श्री एनसी उप्रेती व काउंसिल के सदस्य श्री ताराचंद गोयल, राजेन्द्र राठी व योगेश गौतम उपस्थित थे।
उद्योग आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने बताया कि सुविधा परिषद के प्रयासों से राज्य की सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को बकाया भुगतान प्राप्त करने में सहयता मिल रही है। उन्होंने बताया कि अधिकांश प्रकरणों में दोनों पक्षों को समझाइश कर भुगतान संबंधी विवादों के निपटारे के प्रयास किए जा रहे हैं।
परिषद की बैठक में उद्योग विभाग की और से अतिरिक्त निदेशक श्री पीके जैन और उपनिदेशक श्री एसएल पालीवाल व केएल स्वामी द्वारा प्रकरणों की विस्तार से जानकारी दी गई। बैठक में 33 प्रकरण सुनवाई के लिए रखे गए थे।
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