- November 21, 2015
सुरक्षा, दक्षता एवं निरंतरता में बेहतरी सुनिश्चित करने के प्रति कटिबद्ध- सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय
पेसूका – केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और शिपिंग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत सरकार परिवहन क्षेत्र में सुरक्षा, दक्षता एवं निरंतरता में बेहतरी सुनिश्चित करने के प्रति कटिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार का यह स्पष्ट मानना है कि केवल एक सुरक्षित प्रणाली ही लम्बे समय तक टिकाऊ रह सकती है।’ श्री गडकरी ब्रासिलिया में यातायात सुरक्षा पर आयोजित वैश्विक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। श्री गडकरी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा जिस ‘सुरक्षित प्रणाली अवधारणा’ की वकालत की जा रही है, भारत उसका पूरी तरह से अनुमोदन करता है। मंत्री महोदय के संबोधन का मूल पाठ यहां नीचे दिया गया है :
‘सड़क परिवहन क्षेत्र ने पिछले कुछ दशकों के दौरान तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था को नई गति प्रदान करने में अहम भूमिका निभाई है। पांच मिलियन किलोमीटर से भी ज्यादा दायरे में फैले देश के सड़क संबंधी बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने में किये गये अथक प्रयासों से भारतीय अर्थव्यवस्था में समृद्धि आई है, जिसकी बदौलत लोगों की क्रय क्षमता बढ़ी है और इसके साथ ही अपनी गाड़ी रखने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। वैसे तो देश की सड़कों पर 200 मिलियन से भी ज्यादा वाहन दौड़ रहे हैं और वाहनों के पंजीकरण में 10 फीसदी सालाना की दर से तेज वृद्धि भी देखने को मिल रही है, लेकिन इसके साथ ही हमारे देश को सड़क सुरक्षा की गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
सड़क सुरक्षा अपने-आप सुनिश्चित नहीं होती है, बल्कि इसके लिए समर्पित ढंग से कड़ी मेहनत करने की जरूरत पड़ती है। इसके लिए समय, ज्ञान और संसाधनों का व्यापक निवेश करना पड़ता है। सरकारों को इस दिशा में अहम भूमिका निभानी है और सभी को स्पष्ट तौर पर नजर आने वाली सरकारी प्रतिबद्धता से ही इस अहम कार्य के लिए जन समर्थन एवं संसाधनों को जुटाना संभव हो पाएगा।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा जिस ‘सुरक्षित प्रणाली अवधारणा’ की वकालत की जा रही है, हम उसका पूरी तरह से अनुमोदन करते हैं। यह अवधारणा तो भारत में और भी ज्यादा प्रासंगिक है, क्योंकि सुरक्षा की समस्या असल में सामाजिक समानता की भी समस्या है। यहां पैदल यात्रियों, साइकिल सवारों और दुपहिया वाहनों पर चलने वाले लोगों को सड़कों पर अपना स्थान पाने के लिए बड़ी गाडि़यों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है और ज्यादातर मौकों पर वे ही नुकसान में रहते हैं।
सड़क सुरक्षा के पांच स्तंभों पर आधारित अनेक अवधारणाओं को इस क्षेत्र से संबंधित समस्याओं से निपटने के लिए अपनाया जा रहा है, जिनमें संस्थागत एवं वैधानिक फ्रेमवर्क में सुधार, बुनियादी ढांचा एवं वाहन, यातायात के नियमों पर अमल और आपातकालीन देखभाल शामिल हैं। मुझे यह सोचकर बहुत दु:ख होता है कि सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले व्यक्तियों की संख्या पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में ही है। वर्ष 2014 के दौरान तकरीबन 4.9 लाख सड़क दुर्घटनाओं में 1.38 लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।’