सुरंगों की तलाश करने वाले उपकरण

सुरंगों की तलाश करने वाले उपकरण

जम्मू कश्मीर के नगरोटा में हुए आतंकी हमले में भी ये बात सामने आ रही है कि आतंकी 80 मीटर लंबी सुरंग के जरिए बॉर्डर पार करके भारतीय इलाके में दाखिल हुए थे।

भारत-पाक सीमा पर सुरंगों की तलाश करने के लिए विशेष उपकरण (Tunnel Detection System) इजरायल से लाने की तैयारी पूरी कर ली है।

सिर्फ अमेरिका और इजरायल के पास ——– अमेरिका और इजरायल के पास ही इस तरह के उपकरण मौजूद हैं।

(हिंदूस्तान. काम) अमेरिका की तुलना में इजरायल का उपकरण ज्यादा कारगर है। बीएसएफ सूत्रों ने कहा कि मैक्सिको से अमेरिका तक खोदी गई सुरंग का पता लगाने के लिए इजरायली उपकरणों की मदद ली गई थी।

अभी तुरंत करीब पांच उपकरण अंतरराष्ट्रीय सीमा पर और दस उपकरण नियंत्रण रेखा पर चाहिए।

एक उपकरण की कीमत तीन से पांच करोड़ रुपए के बीच बताई जा रही है। टनल डिटेक्शन उपकरण जमीन के अंदर सीस्मिक बदलावों का पता लगाता है।

यह जमीन के भीतर 200 से 250 गज की गहराई तक होने वाले सीस्मिक बदलावों का पता लगा सकता है।

इनसे भी भारत-पाक की लंबी सीमा पर सुरंगों को खोज पाना दुरूह काम है।

इसके लिए बड़ी संख्या में सीमा सुरक्षा बल के जवानों की विशेष टीम को जगह जगह तैनात करना होगा।

यह टीम उपकरण को अलग अलग जगहों पर ले जाकर सुरंग का पता लगाने का प्रयास करना होगा।

बीएसएफ के पूर्व एडीजी पी के मिश्रा ने कहा कि इस उपकरण के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के लंबे चौड़े दायरे में सुरंग की तलाश करना आसान नहीं है।

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