सुप्रीम कोर्ट को अंगुठा दिखाता तीन तलाक–उत्तर प्रदेश सबसे आगे

सुप्रीम कोर्ट को अंगुठा दिखाता तीन तलाक–उत्तर प्रदेश सबसे आगे

सुप्रीम कोर्ट के एक बार में तीन तलाक को गैरकानूनी करार दिए जाने के बावजूद यह प्रथा बंद नहीं हुई है।

अदालती आदेश के बाद से तीन तलाक के आए हैं। केंद्र सरकार ने लोकसभा में यह जानकारी दी।

अवैध बता चुका है सुप्रीम कोर्ट :

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में कहा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से अब तक देश के विभिन्न हिस्सों से तीन तलाक के 248 मामले सामने आ चुके हैं। बहरहाल राज्यवार ब्योरा केंद्रीय स्तर पर नहीं रखा जाता है।

उत्तर प्रदेश से सर्वाधिक मामले :

रविशंकर प्रसाद सुष्मिता देव के सवाल का लिखित जवाब दे रहे थे। सुष्मिता देव ने पूछा था कि क्या सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद तीन तलाक की प्रथा जारी है।

प्रसाद ने कहा, हां।

मीडिया और कुछ दूसरी रिपोर्ट के अनुसार 1 जनवरी 2017 से अब तक तीन तलाक के 477 मामले प्रकाश में आ चुके हैं। प्राप्त सूचना के अनुसार, उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक मामले सामने आए हैं।

विधेयक राज्यसभा में लंबित :

कानून मंत्री ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने के मकसद से मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2017 लाया गया है जो फिलहाल राज्यसभा में लंबित है।

उन्होंने बताया कि मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण : अध्यादेश 2018 लागू किया गया है।

(हिंदुस्तान.काम)

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