सुप्रीमकोर्ट में पेश हलफनामा : इंस्पेक्टर्स के 625 पद खाली : संसाधन और मैनपावर नहीं :- सीबीआई

सुप्रीमकोर्ट में पेश हलफनामा  : इंस्पेक्टर्स के 625 पद खाली : संसाधन और मैनपावर नहीं :- सीबीआई

भोपाल। यह देश की सबसे बड़ी खबर है। घोटालों का बाप। फर्जी डॉक्टर बनाने वाले मप्र डीमेट घोटाले के मामले में देश की सबसे ताकतवर और धारदार जांच ऐजेंसी सीबीआई भी हैरान, परेशान है कि जांच करे तो कैसे। बुधवार को सुप्रीमकोर्ट में पेश हलफनामे में सीबीआई ने माना कि हमारे पास इतने संसाधन और मैनपावर नहीं है, जो डीमेट जैसे घोटाले की जांच कर सकें।

 बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में व्यापमं मामले के व्हिसल ब्लोअर डॉ. आनंद राय, आशीष चतुर्वेदी की याचिका पर सुनवाई थी। याचिका में डॉ. राय ने डीमेट घोटाले की जांच भी सीबीआई से कराने की मांग की थी। अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी।
सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि वह पहले ही व्यापमं घोटाले से जुड़े 210 से ज्यादा क्रिमिनल केसों की जांच कर रही है। जांच एजेंसी ने बताया कि याचिका के मुताबिक डीमेट में 2009 से गड़बड़ियां की गई हैं। इस दौरान हजारों छात्रों ने इस परीक्षा के माध्यम से प्रवेश लिया है। ऐसे में इन गड़बड़ियों की जांच के लिए काफी बड़ा अमला चाहिए। जो फिलहाल उपलब्ध नहीं है। सीबीआई की ओर से कहा गया कि स्टाफ बढ़ाए बिना डीमेट घोटाले की जांच करना संभव नहीं है।
इंस्पेक्टर्स के 625 पद खाली
सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि गृह मंत्रालय में सीबीआई के 1264 कुल पद स्वीकृत हैं। इनमें 91 एडीशनल एसपी, 265 डीएसपी और इंस्पेक्टर के 908 पद हैं। इन पदों के विरुद्ध 21 एडीशनल एसपी, 42 डीएसपी और 283 इंस्पेक्टर काम कर रहे हैं। एजेंसी में जांच का काम इंस्पेक्टर्स करते हैं, जिनके 625 पद खाली है।

Related post

1991 के पूजा स्थल कानून को लागू करने की मांग याचिका पर विचार करने पर सहमति : सर्वोच्च न्यायालय

1991 के पूजा स्थल कानून को लागू करने की मांग याचिका पर विचार करने पर सहमति…

सर्वोच्च न्यायालय ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की उस याचिका पर विचार करने पर सहमति जताई…
यू पीआई के माध्यम से लेनदेन दिसंबर 2024 में रिकॉर्ड 16.73 बिलियन

यू पीआई के माध्यम से लेनदेन दिसंबर 2024 में रिकॉर्ड 16.73 बिलियन

नई दिल्ली: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, लोकप्रिय यूनिफाइड पेमेंट्स…
पुलिस और अभियोजन पक्ष को फटकार  : “उचित तरीके से दिमाग का इस्तेमाल” नहीं किया-गुजरात उच्च न्यायालय

पुलिस और अभियोजन पक्ष को फटकार : “उचित तरीके से दिमाग का इस्तेमाल” नहीं किया-गुजरात उच्च…

गुजरात उच्च न्यायालय ने छेड़छाड़ के एक मामले में एफआईआर दर्ज होने के आठ साल बाद…

Leave a Reply