सीसीटीएनएस और राष्‍ट्रीय आपात कार्रवाई प्रणाली की समीक्षा – केन्‍द्रीय गृह मंत्री

सीसीटीएनएस और राष्‍ट्रीय आपात कार्रवाई प्रणाली की समीक्षा – केन्‍द्रीय गृह मंत्री

पेसूका ———– केन्‍द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कल यहां अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्‍टम्‍स (सीसीटीएनएस) और राष्‍ट्रीय आपात कार्रवाई प्रणाली (एनईआरएस) नाम की दो परियोजनाओं की समीक्षा की।

सीसीटीएनएस 2000 करोड़ रुपये की लागत से शत-प्रतिशत केन्‍द्र द्वारा वित्‍तपोषित परियोजना है। इसका उद्देश्‍य अपराध और आपराधिक रिकॉर्डों का एक अखिल भारतीय राष्‍ट्रीय डेटाबेस आधारित सर्च प्रणाली कायम करना है। इसमें आपराधिक न्‍याय प्रणाली के सभी स्‍तम्‍भों जैसे पुलिस, अदालतों, कारागारों, फिंगरप्रिंट्स, फारेंसिक्‍स एवं प्रोसिक्‍यूशन को एकीकृत करने का प्रयास किया जायेगा ताकि विवेकपूर्ण निर्णय किए जा सकें।

गृह मंत्री को इस बात से अवगत कराया गया कि सीसीटीएनएस प्रणाली का उपयोग करते हुए 85 प्रतिशत कम्‍प्‍यूटरीकरण किया जा चुका है और 93 लाख एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। 32 राज्‍य और संघशासित प्रदेश नेशनल डेटा सेंटर (एनडीसी) के साथ आंकड़ें साझा कर रहे हैं। यह भी बताया गया कि गृह मंत्रालय शेष 4 राज्‍यों/संघशासित प्रदेशों को भी इस प्रणाली से जोड़ने के लिए प्रक्रियागत तेजी लाने के प्रयास कर रहा है।

गृह मंत्री ने निर्देश दिया कि इस परियोजना के मार्ग में आने वाली चुनौतियों को पूरा किया जाये ताकि इसे तेजी से लागू किया जा सके। श्री राजनाथ सिंह ने लम्‍बे समय से बकाया नेशनल डेटा सेंटर की स्‍थापना की मांग पूरी होने पर संतोष व्‍यक्‍त किया।

गृह मंत्री ने एनईआरएस परियोजना की स्थिति की समीक्षा की, जिसका लक्ष्‍य अखिल भारतीय स्‍तर पर एकल आपात नम्‍बर 112 रोलिंग आउट करना है, जिसका इस्‍तेमाल देश भर में सभी प्रकार की संकटपूर्ण एवं आपात स्थितियों में किया जा सके। गृह मंत्रालय इस काम में राज्‍य और संघशासित प्रदेशों की सरकारों के प्रयासों में अनुपूरक भूमिका निभा रहा है। प्रथम चरण में सात राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों को तथा परवर्ती चरण में समूचे राष्‍ट्र को इस परियोजना का हिस्‍सा बनाया जायेगा। दोनों चरण 2017 तक पूरे कर लिए जाने की उम्‍मीद है।

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