• January 16, 2015

सीआईआई पार्टनरशिप समिट 2015: ग्लोबलाइजेशन च्वॉइस रियलिटी है

सीआईआई पार्टनरशिप समिट 2015:  ग्लोबलाइजेशन च्वॉइस रियलिटी है

जयपुर -वर्तमान दौर में वैश्वीकरण पसंद का मामला नहीं, बल्कि वास्तविकता है, जो सबके सामने है। जहां आर्थिैक विकास ने दुनिया को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, वहीं मौसम में बदलाव, आतंकवाद, डिजिटाइजेशन इत्यादि कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन्होंने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। समस्याओं और इनके समाधानों के बीच फासला मिटाना एक चुनौती है।

यह विचार अमरीका के काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस के प्रेसिडेंट श्री रिचर्ड एन हास ने व्यक्त किए। वे गुरुवार को बीएम बिड़ला ऑडिटोरियम में राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार के सहयोग से  भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित पार्टनरशिप समिट के प्रथम पूर्ण सत्र में विचार व्यक्त कर रहे थे। ‘डिफाइनिंग शेयर्ड न्यू रियलिटीजÓ पर आयोजित हुए इस सत्र का संचालन द फाइनेंशियल टाइम्स के साउथ एशिया ब्यूरो चीफ श्री विक्टर मेलेट ने किया। श्री मेलेट ने सत्र की शुरुआत ग्लोबलाइजेशन के विभिन्न पहलुओं पर रोशनी डालते हुए की। साथ ही उन्होंने नई वैश्विक संभावनाओं के बारे में भी चर्चा की।

स्विट्जरलैंड स्थित वल्र्ड इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गेनाइजेशन के महानिदेशक श्री फ्रांसिस गरी ने कहा कि हर अर्थव्यवस्था का उद्देश्य नवाचार है। नवाचारों में बौद्घिक संपदा का प्रमुख योगदान होता है जिसके लिए नीतिगत व्यवस्था का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट पर कंटेंट को कॉपीराइट कर कानूनी रूप से अधिक सक्षम बनाना एक चुनौती है।

भारतीय उद्योग परिसंघ के अध्यक्ष श्री अजय एस. श्रीराम ने भारत में इंटरनेट एवं कनेक्टिविटी के विकास पर चर्चा करते हुए बताया कि यहां ढाई साल का बच्चा भी आईटी क्रांति से जुड़ रहा हैं। उन्होंने कहा कि भारत की जनसंख्या में युवाओं की तादाद अधिक है और भारत में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं।

जिम्बाब्वे के उद्योग एवं वाणिज्य मं़त्री श्री माइकल सी बिम्हा ने अफ्रीकी महाद्वीप में सहायता से अधिक निवेश पर जोर देने की बात कही। उन्होंने कहा कि महाद्वीप में मुक्त व्यापार क्षेत्र तैयार हो रहे हैं और निवेश एवं तकनीक की मदद से परिदृश्य को बदला जा सकता है।

कुवैत के उप प्रधानमंत्री एवं वाणिज्य तथा उद्योग मंत्री श्री अब्दुलमोहसिन मेदिज अल-मेदिज ने कुवैत की मजबूत अर्थव्यवस्था और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की चर्चा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में तेल की कीमतों में गिरावट से कुवैत की अर्थव्यवस्था प्रभावित नहीं हुई है।

वल्र्ड वॉटर काउंसिल के वाइस प्रेसिडेंट डॉगन आल्टिनबिलेक ने पावर पॉइन्ट प्रजेंटेशन देते हुए दुनिया के सामने आ रहे जल संकट पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बेहतर भविष्य के लिए वैश्विक जल सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की। सत्र का अंत में प्रतिभागियों ने आगंतुकों के प्रश्नों के उत्तर दिए।

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