• March 15, 2022

सिलिकोसिस सहायता योजना में निर्धारित मापदंडों को पूरा करते ही पीड़ित को मिलता है लाभ – श्रम राज्य मंत्री

सिलिकोसिस सहायता योजना में निर्धारित मापदंडों को पूरा करते ही पीड़ित को मिलता है लाभ – श्रम राज्य मंत्री

जयपुर—– श्रम राज्य मंत्री श्री सुखराम विश्नोई ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि शेरगढ़ विधानसभा क्षेत्र की बालेसर, शेरगढ़ और सेखाला पंचायत समितियों में सिलिकोसिस पीड़ित हिताधिकारियों हेतु सहायता योजना में 114 प्रकरण प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 50 में पीड़ितों को सहायता दे दी गई है एवं 6 प्रकरणों में पीड़ितों की मृत्यु के बाद उनके आश्रितों को सहायता दी गई है। उन्होंने बताया कि करीब 21 प्रकरण नोडल अधिकारी के स्तर पर लंबित है तथा 28 प्रकरणों में आर्डर जनरेट हो गए हैं और भुगतान होना शेष है, जबकि 9 प्रकरणों को निरस्त कर दिया गया है।

श्रम राज्यमंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्यों द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि इस योजना का नोडल विभाग 2015 से 2019 तक श्रम विभाग था। लेकिन अब इसका नोड़ल विभाग सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग हो गया है। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी. पी. जोशी द्वारा हस्तक्षेप कर इस संबंध में जानकारी चाहने पर श्री विश्नोई ने कहा कि योजना में निर्धारित मापदंडों को पूरा करते ही पीड़ित को लाभ मिल जाता है।

विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इस सम्बन्ध में हस्तक्षेप करने पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री टीकाराम जूली ने इस योजना के संबंध में अवगत कराया कि पूर्व में सिलिकोसिस पीड़ितों को सहायता के लिए योजना श्रम विभाग और खान विभाग द्वारा संचालित थी। मुख्यमंत्री द्वारा सिलिकोसिस नीति राज्य में लागू की गई और इस योजना का नोड़ल विभाग सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना में ई-मित्र के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है और प्रत्येक अस्पताल में सिलिकोसिस की जांच संबंधी पैनल बना हुआ है, जहां जाकर जांच करवाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर पीड़ित के खाते में सीधे ही तीन लाख रुपये डाल दिए जाते हैं। साथ ही, पालनहार, पेंशन और अन्य योजनाओं का लाभ भी स्वतः ही मिलने लग जाता है।

उन्होंने बताया कि यदि किसी सिलिकोसिस पीड़ित की मृत्यु हो जाती है तो आश्रितों को दो लाख रुपये भी दिए जाते हैं। साथ ही, यदि किसी व्यक्ति में सिलिकोसिस की पहचान हो जाती है और वह योजना के लिए आवेदन बाद में करता है तो उसे पांच लाख रुपये की सहायता राशि दी जाती है। उन्होंने कहा कि आवेदन करने के तुरंत बाद ही लाभार्थी को योजना का लाभ मिल जाता है।

इससे पहले श्री विश्नोई ने विधायक श्रीमती मीना कंवर के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण मण्डल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों हेतु सिलिकोसिस पीडित हिताधिकारियों हेतु सहायता योजना वर्ष 2015 में अधिसूचित की गई थी। राज्य सरकार की वर्ष 2019 में सिलिकोसिस नीति के प्रभाव में आने के उपरान्त सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग इसका नोडल विभाग है एवं राज्य के समस्त सिलिकोसिस पीडितों को सहायता राशि का भुगतान एकीकृत पोर्टल से केन्द्रीयकृत व्यवस्था के अनुसार निदेशालय विशेष योग्यनजन विभाग के माध्यमम से किया जा रहा है। उन्होंने विधानसभा क्षेत्र शेरगढ़ के संबंध में निदेशालय विशेष योग्यजन के कार्यालय से प्राप्त पंचायत समितिवार सूचना और सिलिकोसिस से ग्रसित एवं उनके आश्रितों को दी गई राशि का विवरण सदन के पटल पर रखा।

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