• January 22, 2018

सिर्फ “आम आदमी पार्टी ” ही संविधान के दायरे में क्यों –शैलेश कुमार

सिर्फ “आम आदमी पार्टी ” ही संविधान के दायरे में क्यों –शैलेश कुमार

छत्तीसगढ़

बीजेपी सरकार 90 सीटों वाली छत्तीसगढ़ विधानसभा में बीजेपी के 49 विधायक हैं, 11 संसदीय सचिव के पद पर अभी भी काम कर रहे हैं. अगर कार्रवाई हुई तो बीजेपी की स्ट्रेंथ घटकर 38 रह जाएगी.

इन 11 संसदीय सचिवों के कामकाज पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा रखी है.

राजस्थान

राजस्थान में वसुंधरा राजे सरकार में 10 मंत्रियों को नियुक्त किया गया जो संसदीय सचिव के पद पर 40 हजार की सैलरी के अलावा 50 हजार अलाउंस भी लेते हैं

पुडुचेरी

पंडुचेरी में भी लाभ के पद का एक मामला सामने आया है. विधायक के लक्ष्मीनारायण संसदीय सचिव के पद पर हैं.

पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल में टीएमसी की सरकार ने भी साल 2013 और 2014 में 26 संसदीय सचिवों को नियुक्त किया था. हालांकि कलकत्ता हाई कोर्ट ने 2015 में इसपर रोक लगा दी थी.

ममता इसके लिए कानून भी लेकर आईं मगर 2013 में एक जनहित याचिका दायर हो गई.

हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी के बनाए कानून को रद्द कर दिया.

24 विधायकों की नियुक्ति भी रद्द हो गई हालांकि किसी की सस्यता पर कोई फर्क नहीं पड़ा.

हरियाणा

हरियाणा में भी 4 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया था. 18 जुलाई 2017 को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने नियुक्ति रद्द कर दी.

50 हज़ार सैलरी मिलती थी और 1 लाख से ज़्यादा भत्ता मिलता था. इस मामले में भी सिर्फ नियुक्तियां रद्द हुईं ले

मध्य प्रदेश

विधान सभा के 118 विधायक ऐसे है जो लाभ के पद का लाभ उठा रहे हैं. आम आदमी पार्टी ने इस मामले की शिकायत भी की थी. शिकायत के मुताबिक 116 विधायक राज्य भर के कॉलेजों के जनभागीदारी समिति के सदस्य हैं.

शिवराज के दो मंत्री पारस जैन और दीपक जोशी भी भारत स्काउट गाइड में पदाधिकार है जो लाभ के पद के दायरे में आते हैं.

दिल्ली

2006 में शीला दीक्षित ने कांग्रेस के 19 विधायकों को कई प्रकार के पद दिए थे. इनमें संसदीय सचिव से लेकर ट्रांस यमुना एरिया डेवलपमेंट बोर्ड के चेयरमैन, वाइस चेयरमैन जैसे लाभ के पद शामिल थे.

चुनाव आयोग ने 19 विधायकों को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का नोटिस भेज दिया. जवाब में शीला दीक्षित अपनी सरकार बचाने के लिए एक विधेयक ले आईं.

14 कार्यालयों को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के दायरे से बाहर कर दिया. उस दौरान शीला दीक्षित ने कहा था कि मेरी सरकार बचाना मेरा हक है और संवैधानिक तौर पर हम ऐसा कर रहे हैं.

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