- December 28, 2015
सिरेमिक्स में कजारिया और सोमानी की बेह्तर पकड
टाइल निर्माताओं कजारिया सिरेमिक्स और सोमानी सिरेमिक्स ने उद्योग के मुकाबले हाल के वर्षों में अच्छी बाजार हिस्सेदारी हासिल की है। क्षमता विस्तार और ब्रांड निर्माण गतिविधियों में मजबूत निवेश इस शानदार प्रदर्शन की मुख्य वजह हैं।
प्राकृतिक गैस कीमतों में नरमी से इन कंपनियों के परिचालन मार्जिन को मदद मिली है, क्योंकि गैस इनके द्वारा इस्तेमाल किया जाना प्रमुख कच्चा माल है। दरअसल, खरीदारी समझौते और गैस मूल्य निर्धारण के संदर्भ में कतर स्थित रासगैस के साथ मौजूदा बातचीत भारत के लिए बेहद अहम है, क्योंकि इससे कम कीमतों पर अधिक गैस आपूर्ति को बढ़ावा मिल सकता है।
चीन से आयातित टाइल पर एंटी-डम्पिंग शुल्क लगाने से भी इन कंपनियों को कीमत बढ़ाने की अनुमति मिलेगी और बिक्री बढ़ाने में भी मदद मिलेगी क्योंकि चीनी आयात से मुंबई, कोलकाता और कोच्चि जैसे समुद्रतटीय क्षेत्रों में उद्योग की बिक्री पर 8-9 फीसदी प्रभाव पड़ा है। इसके अलावा जीएसटी का कार्यान्वयन भी इन कंपनियों के लिए प्रमुख उत्प्रेरकों के तौर पर काम करेगा।
कजारिया और सोमानी दोनों ने अपनी स्वयं की इकाइयों के साथ साथ अगले दो वर्षों में संयुक्त उपक्रमों की क्षमता बढ़ाने की योजना बनाई है और इससे असंगठित टाइल बाजार के बड़े हिस्से पर कब्जा जमाने में मदद मिलेगी जो घरेलू टाइल उद्योग का लगभग 50 प्रतिशत है। इस संदर्भ में विश्लेषकों को उम्मीद है कि कजारिया और सोमानी के राजस्व और आय में अगले दो वर्षों के दौरान 20-25 फीसदी की सालाना चक्रवृद्घि दर से वृद्घि होगी।
हालांकि बाजार इन दोनों शेयरों पर सकारात्मक बना हुआ है, लेकिन कजारिया का शेयर अल्पावधि नजरिये से उचित मूल्य पर दिख रहा है। दूसरी तरफ, सोमानी का ताजा क्यूआईपी भी उसे पूंजी के मुकाबले कुल कर्ज वित्त वर्ष 2015 के 0.6 गुना से घटाकर 0.4 गुना करने में सक्षम बनाएगा। टाइल बाजार में तीसरी सबसे बड़ी कंपनी सोमानी का शेयर उद्योग दिग्गज कजारिया के मुकाबले डिस्काउंट पर यानी गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है, लेकिन यह डिस्काउंट आगे चलकर सीमित हो सकता है।
आईसीआईसीआई डायरेक्ट में विश्लेषक दीपक पुरस्वानी कहते हैं, ‘हमारा मानना है कि सोमानी और कजारिया के बीच डिस्काउंट का एक वर्षीय पीई घटकर 17 फीसदी रह जाएगा।’ मौजूदा स्तरों पर यह डिस्काउंट बढ़कर लगभग 35 फीसदी पर पहुंच गया है। जहां कजारिया का शेयर वित्त वर्ष 2017 के आय अनुमान के 27 गुना पर कारोबार कर रहा है, वहीं यह अनुपात सोमानी के लिए 18 फीसदी पर है।
विश्लेषकों को सोमानी की शेयर कीमत मौजूदा स्तरों से लगभग 16 फीसदी बढऩे का अनुमान है जबकि कजारिया के मामले में यह 3 फीसदी पर है। इस तरह से निवेशक एक-दो वर्ष के परिदृश्य के साथ गिरावट पर कजारिया को खरीदने पर विचार कर सकते हैं।
कजारिया और सोमानी दोनों कंपनियों के प्रबंधन को उत्पादन लागत में लगातार नरमी और कुछ खास उत्पादों की कीमत वृद्धि की संभावना को देखते हुए इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बेहतर प्रदर्शन दर्ज किए जाने की उम्मीद है। बाहरी स्रोतों से टाइल मंगाए जाने के अनुपात में कमी आने से भी कजारिया के मार्जिन को ताकत मिलेगी, हालांकि वह विज्ञापन और ब्रांड निर्माण गतिविधियों में निवेश बरकरार रखेगी।