- January 4, 2016
साहित्य समाज का दर्पण तथा भाषा उसकी आवाज -शिक्षा राज्य मंत्री
जयपुर – शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि साहित्य समाज का प्रतिबिंब तथा भाषा उसकी आवाज होती है। इनके बिना समाज के अस्तित्व की परिकल्पना नहींं की जा सकती है।
शिक्षा राज्य मंत्री रविवार को बीकानेर में वेटरनरी विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में मायड मांण मंच समिति के वार्षिक समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाषा, साहित्य, इतिहास और संस्कृति के बिना समाज अधूरा है। इसे ध्यान रखते हुए राज्य सरकार ने कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को 75 प्रतिशत राजस्थान का और 25 प्रतिशत भारत का इतिहास तथा कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थियों को पचास-पचास प्रतिशत राजस्थान और भारत का इतिहास पढ़ाने का निश्चय किया गया है। विश्व का इतिहास कक्षा 9 से पढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था आगामी शिक्षण सत्र के पाठ्यक्रम में लागू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य के विद्यार्थियों को महाराणा प्रताप, राव सूरजमल, वीर दुर्गादास तथा हेमू कालाणी जैसे देशभक्तों और शूरवीरों की जीवनी पढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार महात्मा गांधी ने देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त करवाया, उसी प्रकार महाराणा प्रताप ने भी मातृभूमि की रक्षा और स्वाभीमान की लड़ाई लड़ी।
उन्होंने कहा कि योग, भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। दुनिया के 176 देशों ने इसकी महत्ता को जाना है तथा 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाने लगा है। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा की मान्यता का संकल्प राजस्थान विधानसभा से पारित हो चुका है तथा यह केन्द्र सरकार में विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में प्रारम्भिक शिक्षा, मातृ भाषा में दिए जाने संबंधी प्रस्ताव है। केन्द्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति लागू होते ही प्रारम्भिक शिक्षा राजस्थानी भाषा में पढ़ाए जाने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि राजस्थानी को जन-जन की भाषा बनाने की शुरूआत हमें अपने घर से करनी होगी तथा आम बोलचाल में इस भाषा का अधिक से अधिक उपयोग करना होगा।
वन, पर्यावरण एवं खान राज्य मंत्री श्री राजकुमार रिणवा ने कहा कि राजस्थानी भाषा दुनिया की सर्वश्रेष्ठ और समृद्घ भाषाओं में से एक है। इसमें शब्दों का विपुल भंडार है तथा प्रत्येक शब्द के अनेक पर्यायवाची हैं। इस भाषा में हास्य, श्रृंगार और वीर रस सहित प्रत्येक रस में पर्याप्त साहित्य सृजन हुआ है। उन्होंने कहा कि राजस्थानी के साहित्यकारों ने इसकी पहचान पूरे देश और दुनिया में बनाई है। श्री रिणवा ने इस अवसर पर श्री गजानन वर्मा की ‘बादळीÓ सुनाकर दर्शकों की वाहवाही लूटी।
विधायक डॉ. गोपाल कृष्ण जोशी ने कहा कि यूएसए के वेबस्टर शब्दकोश ने राजस्थानी को ‘मेजर लेग्वेजेज ऑफ वल्र्डÓ के रूप में मान्यता दी है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूचि में मान्यता दिलाने के लिए हमें सामूहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने राजस्थान में प्राथमिक कक्षाओं में राजस्थानी पढ़ाने की आवयश्कता जताई।
पांच साहित्यकार ‘मायड़ रत्न अलंकरणÓ से हुए सम्मानित
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार शिवराज छंगाणी, मालचंद तिवाड़ी, मधु आचार्य ‘आशावादीÓ तथा लक्ष्मीनारायण रंगा एवं युवा साहित्यकार कुमार अजय को ‘मायड़ रत्न अलंकरणÓ से नवाजा गया। सभी साहित्यकारों को प्रशस्ति पत्र, पुष्प गुच्छ, शॉल, श्रीफल एवं नकद राशि देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उदीयमान चित्रकार दिव्या काकड़ा को भी सम्मानित किया गया।
समारोह के दौरान मंच पर खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल, कोलायत विधायक श्री भंवर सिंह भाटी तथा संस्था के श्री अशोक हिंदुस्तान मौजूद थे।