सामाजिक सम्मेलन लोगों को आपस में जुड़ने का मौका

सामाजिक सम्मेलन लोगों को आपस में जुड़ने का मौका

जनसंपर्क, ऊर्जा एवं खनिज मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि सामाजिक सम्मेलन लोगों को आपस में जुड़ने का मौका देते हैं। साथ ही इससे कई सामाजिक काम सरलता से संभव हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज संस्कारों व अच्छे कामों की दृष्टि से सभी समाज का मार्ग-दर्शन करता रहा है।

इसी परंपरा को ध्यान में रखते हुए समाज को आगे बढ़ना है। उन्होंने सामाजिक बुराइयों को दूर करते हुए समाज के सक्षम लोगों को कमजोर वर्ग की मदद करने में आगे आने का आव्हान किया। श्री शुक्ल आज उज्जैन में सनाढ्य ब्राह्मण एवं औदिच्य ब्राह्मण समाज के परिचय सम्मेलन में बोल रहे थे।

इसके पूर्व जनसंपर्क मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सुरेश पचौरी, विधायक डॉ. मोहन यादव ने माँ सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप जलाकर सनाढ्य ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित अखिल भारतीय सर्व ब्राह्मण वैवाहिक परिचय सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर देवास के महापौर श्री सुभाष शर्मा सहित समाज के वरिष्ठजन मौजूद थे। कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा समाज के श्री निरंजन लाल पुरोहित, श्री ब्रज किशोर शर्मा और श्री रविन्द्र भारद्वाज आदि का सम्मान किया गया।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सुरेश पचौरी ने कहा कि विप्र समाज की गौरवशाली परंपरा रही है। ब्राह्मण एक जाति न होकर आचरण संहिता है। उन्होंने परिचय सम्मेलन को फिजूल खर्ची रोकने व कुरीतियों को दूर करने का अच्छा माध्यम बताया। औदिच्य ब्राह्मण परिचय सम्मेलन में राज्य सूचना आयोग के सदस्य श्री हीरालाल त्रिवेदी, पूर्व राज्यसभा सदस्य श्री रघुनंदन शर्मा एवं पूर्व विधायक श्री शिवनारायण जागीरदार सहित समाज के वरिष्ठजन मौजूद थे।

\

ताहिर अली

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply