- December 19, 2014
सहकारी संस्थाओं में वित्तीय अनुशासन की सख्ती से पालना होगी – सहकारिता मंत्री
जयपुर – सहकारिता मंत्री श्री अजय सिंह किलक ने कहा है कि सहकारी संस्थाओं में वित्तीय अनुशासन की सख्ती से पालना सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि फसली सहकारी ऋण वितरण व्यवस्था को पारदर्शी व सरलीकृत बनाते हुए शीघ्र ही विस्तृत गाइड लाइन जारी की जाएगी।
श्री किलक गुरूवार यहां सहकार भवन में प्रमुख शासन सचिव सहकारिता श्री दीपक उप्रेती और रजिस्ट्रार श्री अनुराग भारद्वाज के साथ सहकारी संस्थाओं व विभाग के खण्डीय व इकाई अधिकारियों की एक दिवसीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। संगोष्ठी में आरंभ में पाकिस्तान की आतंकवादी घटना में हुई बच्चों की मौत पर दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित नई ऋण नीति में ऋण प्रक्रिया को सरल बनाने के साथ ही अधिक से अधिक काश्तकारों को सहकारी ऋण सुविधा से जोड़े जाने की व्यवस्था होगी।
सहकारिता मंत्री श्री किलक ने कहा कि सहकारी संस्थाओं में वित्तीय अनियमितता सहन नहीं होगी। भविष्य मेें भी गबन, दुरुपयोग आदि के प्रकरणों के सामने आते ही उन पर त्वरित कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने खण्डीय व इकाई अधिकारियों के सहकारी समितियों के कार्यकलापों के अवलोकन के लिए विजिट अनुमति नहीं मिलने की जानकारी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिकारियों को समितियों के कार्यकलापों पर नजर रखने व मोनेटरिग व्यवस्था को कारगर बनाने के निर्देश दिए।
श्री किलक ने सहकारी समितियों के सदस्यों की सामाजिक सुरक्षा के तहत बीमा योजना लागू करने की संभावना तलाशने को कहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि सहकारी उपभोक्ता सेवाओं का विस्तार करते हुए गांवों में खुलने वाले सहकारी मिनी सुपर स्टोरों में साइज के अनुसार एकरुपता व सुविधायुक्त होने चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि भविष्य में समय रहते यूरिया, डीएपी आदि की मांग का आंकलन कर अग्रिम भण्डारण की व्यवस्था की जाएं।
उन्होंने बताया कि शीघ्र ही 100 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में भण्डारण सुविधा के लिए 50 टन क्षमता के 100 गोदामों का निर्माण करवाया जायेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री घोषणाएं, बजट घोषणाएं व समय समय पर राज्य सरकार के निर्देशों की समय सीमा मे शत प्रतिशत पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
प्रमुख शासन सचिव सहकारिता श्री दीपक उप्रेती ने 31 दिसबंर तक सभी केन्द्रीय सहकारी बैंकों में पूरी तरह से कोर बैंकिंग सॉल्यूशन व्यवस्था शुरु करने के निर्देश दिए। उन्होंने सहकारी बैंकों में डेटा फिडिंग की मेन्यूअल व कम्प्यूटरीकृत, दोहरी व्यवस्था को बंद कर पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भविष्य मेें सहकारी बैंकों की खुलने वाली बैंक शाखाएं कोर बैंकिंग सुविधायुक्त ही होगी।
श्री उप्रेती ने सहकारी उत्पादों खासतौर से उपहार मसालों की ब्रॉण्डिंग करने और उसकी विपणन व्यवस्था को विस्तारित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सहकारिता की अपनी अहमियत और विश्वसनीयता है, जिसे बनाए रखना होगा।
सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार श्री अनुराग भारद्वाज ने कहा कि किसानों को फसली सहकारी ऋण वितरण में किसी भी स्तर पर बाधा सहन नहीं की जाएगी। उन्होंने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि ऋण स्वीकृति में संचालक मण्डल बाधक बने तो संचालक मण्डल भंग करने तक की सख्त कार्यवाही करने में नहीं हिचकिचाएं। उन्होंने कहा कि विभाग का प्रयास है कि अधिक से अधिक लोगों को सहकारी ऋण सुविधा से जोड़ कर लाभान्वित किया जाए।
श्री भारद्वाज ने कहा की प्रदेश की 30 हजार सहकारी समितियों के नेटवर्क को प्रदेश के आर्थिक विकास में हिस्सेदार बनाने और उत्पादक व उपभोक्ता के बीच की खाई को पाटते हुए आम लोगों को लाभान्वित किया जावें।
बैठक में सहकारी संस्थाओं के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, केन्द्रीय सहकारी बैंकों, भूमि विकास बैंकों, खण्डीय व इकाई अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
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