सहकारी संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण व विकास : केन्द्र से 470 करोड़ रूपये की मांग

सहकारी संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण व विकास : केन्द्र से 470 करोड़ रूपये की मांग

रायपुर (छत्तीसगढ) – सहकारी संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण व विकास के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने केन्द्र से लगभग 470 करोड़ रूपये की मांग की है। छत्तीसगढ़ के सहकारिता मंत्री श्री पुन्नूलाल मोहले ने आज नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय शिक्षण व प्रशिक्षण सम्मेलन में यह मांग रखी। सम्मेलन में केन्द्रीय कृषि व सहकारिता मंत्री राधामोहन सिंह , विभिन्न राज्यों से आये सहकारिता मंत्री सहित छत्तीसगढ़ के सहकारिता विभाग के विशेष सचिव श्री डी.डी. सिंह , पंजीयक सहकारी संस्थाएं श्री अविनाश चंपावत भी उपस्थित थे।

श्री मोहले ने कहा कि, अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ में भी सहकारी प्रबंध संस्थान की स्थापना आवश्यक है। उन्होंने इसके लिए केन्द्र सरकार से लगभग 100 करोड़ राशि की मांग की है। उन्होंने बताया कि, राज्य में सहकारिता के क्षेत्र में राज्य सहकारी संघ सहकारी क्षेत्रों में प्रशिक्षण उपलब्ध कराने का कार्य कर रहा है। उन्होंन केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ के यूनिट के तौर पर छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी संघ को कार्य करने की अनुमति दी जावे।

उन्होंने राज्य की राईसमिलों के पुनरूद्धार हेतु केन्द्र सरकार से 50 करोड़ रूपये की राशि ब्याज मुक्त ऋण एवं अनुदान के रूप में उपलब्ध कराये जाने का भी आग्रह किया। श्री मोहले ने प्रदेश के अंबिकापुर , राजनांदगांव , बालौद , बेमेतरा , धमतरी , बलौदाबाजार , मुंगेली व जांजगीर चांपा में एकीकृत विकास परियोजना की स्वीकृति हेतु केन्द्र से 40 करोड़ रूपये की राशि के स्वीकृति दिये जाने मांग की है।

श्री मोहले ने कहा कि, राज्य में समस्त सहकारी क्षेत्रों में कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है। उन्होंने राज्य की 1333 पैक्स/लैम्प्स के कम्प्यूटरीकरण हेतु लगभग 30 करोड़ रूपये की राशि उपलब्ध कराये जाने का केन्द्र से अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि, सहकारिता को और अधिक मजबूत बनाने के लिए यह आवश्यक होगा की सहकारी संस्थाओं को लघु उद्योग उपलब्ध कराया जावे। इससे निश्चित ही इन क्षेत्रों से जुडे़ कृषकों को आर्थिक रूप से और अधिक सक्षम बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि, सहकारी संस्थाओं को लघु उद्योग उपलब्ध कराये जाने हेतु आगामी 5 वर्षों में कम से कम 50 सहकारी समितियों को इस योजना का लाभ प्रदान किया जाये।

उन्होंने इसके लिए 5 वर्षो में केन्द्र सरकार से 250 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किये जाने का भी अनुरोध किया। उन्होंने केन्द्र का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि, मल्टीस्टेट साख सहकारी संस्थाओं के पंजीयन के पूर्व प्रदेश के गरीब लोगों की पूंजी की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए यह आवश्यक है कि, प्रदेश में कार्य कर रही ऐसी संस्थाओं में प्राप्त हो रही अनियिमततों के लिए कार्यवाही के अधिकार संबंधित राज्यों को प्राप्त हों। श्री मोहले ने केन्द्र से मांग की कि, मल्टीस्टेट सोसाइटी गठन के समय छŸाीसगढ़ राज्य को उनके कार्यक्षेत्र में सम्मिलित न किया जावे।

श्री मोहले ने कहा कि, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी संघ ऐसे लोगों बड़ी तत्परता के साथ मार्गदर्शन दे रही है जो नवीन सहकारी समितियों का गठन करना चाह रहे है। इसके अलावा नवगठित सहकारी समितियों के पदाधिकारियों एवं सदस्यों को प्रशिक्षण उपलब्ध कराये जाने का भी कार्य राज्य में किया जा रही है।

श्री मोहले ने केन्द्र सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि, राज्य में आयकर अधिनियम के तहत सहकारी संस्थाओं को आयकर लगाने वाली धारा को विलोपित किया जाये। उन्होंने कहा कि, राज्य में इससे सहकारी आंदोलन और अधिक मजबूत होगा जिससे इन संस्थाओं से जुड़े जो आर्थिक रूप से कमजोर है उनको और ज्यादा मदद उपलब्ध कराया जा सकेगा।

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