- July 24, 2016
सहकारी संस्थाओं का आधारभूत विकास होगा
जयपुर——————-सहकारिता राज्यमंत्री श्री अजयसिंह किलक ने बांसवाड़ा जिले में समग्र सहकारी विकास परियोजना के तहत सहकारी संस्थाओं को आधारभूत के क्रम में अनुदान मार्जिन मनी गोदाम निर्माण हेतु 61.64 करोड़ राशि उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि सहकारी संस्थाओ को अधिक सुदृढ़ किया जा सकेगा।
यह बात शनिवार सांय जिला कलक्टर सभाकक्ष में बांसवाड़ा जिले के सहकारिता से जुड़े विभागों की समीक्षात्मक बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्यमंत्री श्री किलक ने उपस्थित अधिकारियों को कही। बैठक में सामन्य प्रशासन एवं स्टेट मोटर गैराज राज्यमंत्री श्री जीतमल खांट, बांसवाड़ा विधायक श्री धनसिंह रावत, कुशलगढ़ विधायक भीमाभाई, सेन्ट्रल कॉपरेटिब बैक के प्रबंध निदेशक श्री हीरालाल यादव , सहकारिता समिति के उप रजिस्ट्रार श्यामलाल पारगी सहित बांसवाड़ा जिले व डूंगरपुर के सहकारिता से जुड़े विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
बैठक में सहकारिता राज्यमंत्री श्री अजयसिंह किलक ने कहा कि समग्र सहकारी विकास परियोजना की अलग से विधायकों से बैठक लेकर विशेष कार्ययोजना तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में लेम्प्स व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए उच्चाधिकारियों की टीम भेजकर लेम्प्स व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा है कि लाभकारी योजनाओं का अटल सेवा केन्द्र के माध्यम से ही भुगतान हो ताकि ग्रामीणों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। उन्होंने संबंद्ध अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सहकारिता विभाग के सभी भवनों को एक समान रंग करने एवं विभाग की विभिन्न लाभकारी योजनाओं का सरल भाषा में लिखवाया जाएं।
सहकारिता राज्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि आपदा प्रबंधन की राशि का भुगतान केम्पों के माध्यम से करें एवं उसका प्रभावी मॉनेटरिंग करते हुए व्यवस्थाओं को बेहतर बनाये। उन्होंने बांसवाड़ा व डूंगरपुर जिले के सहकारिता विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ,जिलों में नई शाखाओं के खोलने संबंधी आदि जानकारी ली।
उन्होंने सहकारिता के अधिकारियों से जिले में काश्तकारों को खाद-बीज, ऋण वितरण एवं वसुली एवं लेम्प्स के संचालन के बारे में विस्तार से जानकारी लेते हुए अब तक की प्रगति समीक्षा की और स्पष्ट कहा कि लेम्प्सों के माध्यम काश्तकारों को समय खाद-बीज एवं ऋण सुविधा का पूरा पूरा लाभ पहुंचाये तथा इसमें किसी भी प्रकार की कौताही न बरती जाए।