- October 7, 2015
सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों की विस्तृत समीक्षा
उत्तराखंड – सचिव गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग विनोद शर्मा द्वारा राज्य में अवस्थित सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान रिपेयरिंग प्रोग्रेस गन्ना बीज बदलाव कार्यक्रम आदि के सम्बन्ध में विस्तृत समीक्षा की गयी।
अपर सचिव गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग प्रदीप सिंह रावत ने बताया कि राज्य में अवस्थित चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 201415 में 35159 लाख कुन्टल गन्ने की पेराई कर 3247 लाख कुन्टल चीनी का उत्पादन किया गया है। उक्त गन्ना पेराई हेतु देय रूपये 975 करोड़ के सापेक्ष रूपये 620 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है जो कि गन्ना मूल्य देय का 64 प्रतिशत है। रूपये 355 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान किया जाना अभी शेष है।
सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 201415 में 17123 लाख कुन्टल गन्ने की पेराई कर 1569 लाख कुन्टल चीनी का उत्पादन किया गया है। देय गन्ना मूल्य रू0 47537 करोड़ के सापेक्ष्य रू0 32080 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है तथा रू0 15457 करोड़ का भुगतान किया जाना शेष है। प्रधान प्रबन्धकों द्वारा अवगत कराया गया कि चीनी का विक्रय मूल्य लागत के सापेक्ष कम होने के कारण चीनी मिलों का घाटा प्रतिवर्ष बढ़ता जा रहा है जिस कारण चीनी मिलें अपने संसाधनों से गन्ना मूल्य भुगतान करने की स्थिति में नहीं है।
अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान शासन स्तर से धनराशि उपलब्ध कराये जाने हेतु सभी चीनी मिलों द्वारा अनुरोध किया गया। सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों में मरम्मत एवं रखरखाव के कार्यो की स्टेशनवार समीक्षा की गयी है। अवगत कराया गया कि आवश्यक मशीनरी उपकरणों के क्रयादेश दिये जा चुके है। चीनी मिल किच्छा का मरम्मती कार्य 70प्रतिशत डोईवाला का 68प्रतिशत बाजपुर का 64 प्रतिशतसितारगंज का 81प्रतिशत एवं नादेही का 77प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
सचिव महोदय द्वारा चीनी मिलों के मरम्मति कार्यों को अति गुणवत्ता से किये जाने तथा माह नवम्बर के द्वितीय सप्ताह में रिपेयरिंग कार्य पूर्ण कर स्टेशनवार ट्रायल किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। प्रदेश की चीनी मिलों को क्षमता अनुसार गन्ना उपलब्ध किये जाने के लिए माह अक्टूबर में होने वाली गन्ना बुवाई के सम्बन्ध में विस्तृत समीक्षा की गयी। शीघ्र पकने वाली नवीनतम गन्ना प्रजाति को00238 को00239 को0पंत3220 को0118 को0एच119कोशा88230 को0जे085 को0पन्त0 94211 आदि की बुवाई के लिए किसानों को प्रोत्साहित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
गन्ना बीज बदलाव कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी रूप से क्रियान्वित किये जाने एवं क्षेत्र में शीघ्रअतिशीघ्र तथा सामान्य प्रजाति जो काफी पुरानी हो गयी है एवं उनकी उत्पादकता भी घट रही है को बदलकर नयी प्रजाति को चरणबद्ध तरीके से बढ़ावा दिये जाने हेतु निर्देशित किया गया। गन्ना प्रजाति के बदलाव के साथ साथ नयी एवं अधिकतम रिकवरी प्रतिशत वाली प्रजाति का बीज उपलब्ध कराये जाने तथा उसकी बुआई हेतु बढावा दिये जाने के लिए गन्ना बीज अनुसंधान केन्द्रों से बीज उपलब्ध कराये जाने तथा कृषको को विशेष अनुदान दिये जाने की कार्ययोजना बनाने एवं उसका व्यापक प्रचार प्रसार किये जाने हेतु भी निर्देशित किया गया।
कृषको को गन्ना विभाग की ओर से नयी प्रजाति विकसित किये जाने वाले प्रदेशों एवं अनुसंधान केन्द्रों की अपेपज कराये जाने हेतु भी निर्देशित किया गया। साथ ही चीनी मिल एंव गन्ना विभाग के अधिकारियों को प्रत्येक गाॅंव में जाकर गोश्ठी कर किसानों को अतिषीघ्र पकने वाली प्रजातियों की बुवाई हेतु प्रोत्साहित किये जाने हेतु निर्देषित किया गया। सहकारीसार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों में ईटीपी प्लांट सही प्रकार से संचालित किये जाने एवं वायु प्रदूषण हेतु फलाई ऐश एरेस्टर एवं अन्य संयंत्रों की स्थापना किये जाने की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गयी। प्रधान प्रबन्धकों द्वारा अवगत कराया गया कि चीनी मिलों में ई0टी0पी0प्लांट पर होने वाला कार्य लगभग 90प्रतिषत एवं फलाई ऐष एरेस्टर का कार्य लगभग 70 प्रतिषत पूर्ण हो गया है।
सचिव महोदय द्वारा सभी चीनी मिलों को प्रदूशण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के अनुरूप जल एवं वायू प्रदूशण किये जाने हेतु कडे निर्देष दिये गये ताकि पेराई सत्र के दौरान किसी प्रकार की दिक्कते न आये। समीक्षा बैठक में गन्ना एवं चीनी आयुक्त आनन्द श्रीवास्तव महाप्रबन्धक शुगर्स ए0के0 भट्टाचार्य अधिशासी निदेशक चीनी मिल डोईवाला मनमोहन सिंह रावत प्रधान प्रबन्धक चीनी मिल सितारगंज ऐ0के0रोहतगी एवं गदरपुर श्री आर के सेठ प्रधान प्रबन्धक चीनी मिल नादेही द्वारा प्रतिभाग किया गया।