• September 16, 2016

सहकारिता विभाग में सहकारी लोकपाल की व्यवस्था

सहकारिता विभाग में सहकारी लोकपाल की व्यवस्था

प्रलय श्रीवास्तव———–मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में सबसे पहले सहकारिता विभाग में सहकारी लोकपाल की व्यवस्था की जायेगी। आंतरिक सर्तकता के लिये इस तरह की व्यवस्था सभी विभाग में की जायेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ समन्वय भवन में सहकारिता मंथन के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रहे थे।

बदलते परिवेश में सहकारी संस्थाओं की भूमिका पर विचार-विमर्श के लिये दो दिवसीय मंथन आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विश्वास सारंग और सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान विशेष रूप से उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि प्रदेश में सहकारिता के माध्यम से रोजगार देने का नया आंदोलन चलायें। सहकारिता के क्षेत्र में रोजगार की अनंत संभावनाएँ हैं। सहकारिता लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने का आंदोलन है। सभी प्राथमिक सहकारी साख संस्थाओं का कम्प्यूटरीकृत करें। उचित मूल्य की सहकारी दुकानों को बहुउद्देश्यीय बनायें। सामाजिक सुरक्षा पेंशन और मनरेगा की मजदूरी का भुगतान सहकारी बैंकों के माध्यम से किया जाये। गरीबी और बेरोजगारी को दूर करने में सहकारी संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश आज विकास दर और कृषि विकास दर में अव्वल है। विकास का प्रकाश गरीब तक पहुँचे तब ही विकास की सार्थकता है। संसाधनों पर सभी का समान अधिकार है।

राज्य सरकार की गरीबों के कल्याण के लिये एक रूपये किलो गेहूँ, एक रूपये किलो चावल और एक रूपये किलो नमक देने की योजना का क्रियान्वयन, गेहूँ के उपार्जन, किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण उपलब्ध करवाने में सहकारिता का महत्वपूर्ण योगदान है। समय पर कृषि ऋण की वसूली किसानों के हित में है।

सहकारी संस्थाओं के माध्यम से दुग्ध उत्पादन, वनोपज तथा संतरे जैसे फलों के विपणन के लिये बेहतर काम हुआ है। अब सहकारी क्षेत्र को विस्तार कर आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण और स्व-सहायता समूहों से जोड़कर रोजगार के अवसर बढ़ाना चाहिये। सहकारिता विभाग ने ई-फाइल ट्रेकिंग सिस्टम लागू कर बेहतर काम किया है। इसे अन्य विभाग में भी लागू किया जायेगा।

सहकारिता विभाग में नवाचार विंग

सहकारिता राज्य मंत्री श्री विश्वास सारंग ने कहा कि सहकारिता विभाग ने छह माह का कलेण्डर बनाया है जिसके अनुसार कार्य किया जा रहा है। सहकारिता विभाग में संवाद के लिये मंथन किया जा रहा है। मध्यप्रदेश आज देश में सबसे अधिक तेज गति से विकास कर रहा है। इसके पीछे हर वर्ग से संवाद कर उनके कल्याण के लिये बनाई गई योजनाओं की भूमिका है।

सहकारिता विभाग में नवाचार विंग बनाई गयी है जो अगले दो साल का रोडमेप बनायेगी। मंथन में दो दिन तक 9 समूह में अलग-अलग विषयों पर समूह चर्चा होगी। जिसके आधार पर दृष्टि-पत्र तैयार किया जायेगा। प्रदेश का हर किसान प्राथमिक सहकारी संस्था का सदस्य बने, यह सुनिश्चित किया जायेगा।

मध्यप्रदेश देश में विकास का मॉडल

सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के विकास में सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका है। मध्यप्रदेश आज देश में विकास के मॉडल के रूप में माना जाता है। गरीबों के कल्याण के कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में सहकारिता विभाग की अहम भूमिका है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन का वितरण सहकारिता के माध्यम से किया जाना चाहिये।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सहकारिता विभाग के ई-फाइल ट्रेकिंग सिस्टम का शुभारंभ किया तथा अपेक्स बैंक के ब्रॉडिंग मैन्यूअल का विमोचन किया। उन्होंने सहकारिता विभाग में उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाओं और अधिकारी-कर्मचारियों को पुरस्कृत किया।

वसूली तथा लिंकिंग के लिये श्रेष्ठ कार्य करने पर होशंगाबाद, रायसेन और बालाघाट की जिला सहकारी बैंकों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को पुरस्कृत किया गया। इसी तरह संभागीय शाखाओं में मुख्य शाखा भोपाल, अवधपुरी, एम.पी.नगर और पिपलानी शाखा के प्रबंधकों को पुरस्कृत किया गया।

कार्यक्रम में राज्य विपणन संघ के अध्यक्ष श्री रमाकांत भार्गव, राज्य उपभोक्ता संघ के अध्यक्ष श्री रतन यादव और राज्य वनोपज संघ के अध्यक्ष श्री महेश कोरी भी उपस्थित थे। स्वागत भाषण आयुक्त सहकारिता श्री मनीष श्रीवास्तव ने दिया। आभार प्रदर्शन प्रमुख सचिव सहकारिता श्री अजीत केसरी ने किया। मंथन सहकारिता विभाग तथा अपेक्स बैंक द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है।

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