- February 11, 2017
सहकारिता के माध्यम से सुपरबाजार, जिम, सिलाई, मिनरल वाटर के नवाचार
जयपुर, 11 फरवरी। सहकारिता एवं गोपालन मंत्री श्री अजय सिंह किलक ने कहा कि राजस्थान प्रदेश किसानों को बिना ब्याज के फसली ऋण देने में हरियाणा, पंजाब, उतरप्रदेश सहित कही राज्यों से आगे है।
राज्य में गत वर्ष किसानों को 16 हजार करोड़ रूपये की राशि का फसली ऋण दिया गया। श्री अजय किलक शनिवार को श्री गंगानगर के पदमपुर क्षेत्र के गांव 4 जेजे में ग्राम सेवा सहकारी समिति द्वारा संचालित सुपर बाजार के शुभारम्भ तथा सहकारी भवन शिलान्यास समारोह के अवसर पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि किसानों को ऋण देने में राजस्थान भारत में प्रथम स्थान पर है। किसी किसान के साथ दुर्घटना होने पर पांच लाख रूपये तक बीमा का प्रावधान किया गया है। फसली ऋण के साथ ही मात्र 54 रूपये प्रीमियम लिया जाता है, जिसमें से किसान को मात्र 27 रुपये देने होते हैं। दुग्ध उत्पादन में भी कई सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य हाथ में लिया जायेगा। राज्य सरकार ने नरेगा को गौशालाओं से जोड़ने का प्रस्ताव भेजा है।
साथ ही गौशालाओं के आसपास गौचर भूमि भी गौशालाओं को दी जायेगी, जिससे गायों के लिये चारा उत्पादन किया जा सकेगा। गायों का दूध भैंस के दूध के बराबर मूल्य पर बिके, इसके लिये भी सरकार प्रयासरत है। सहकारी मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने 2013 में कार्यभार संभालने के साथ ही सभी सहकारी बैंकों को ऑनलाईन करने के निर्देश दिये। आज सभी 487 शाखाएं ऑनलाईन कार्य कर रही हैं तथा 36 भूमि विकास बैंक भी ऑनलाईन कर दिये गये हैं।
उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों को खाद बीज विक्रय से बाहर निकलकर गांव 4 जेजे के तरह नवाचार करने होंगे। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियां ग्रामीणों की जरूरत के अनुसार अपने कार्यों में बढ़ोतरी करें, जिससे ग्रामीणों की मूलभूत आवश्यकताएं पूरी हो सकें। खनिज राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में किसानों को खाद के लिये लाईनों में नही लगना पड़ा तथा भविष्य में भी सरकार ने ऎसी व्यवस्था कर दी है कि यूरिया डीएपी के लिये कोई कमी नही रहेगी।
श्री टीटी ने श्रमिक पंजीयन योजना की जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान स्किल डवलेपमेंट में अग्रणी राज्यों में है। श्रमिक पंजीयन के बाद दो बेटियों तक 55-55 हजार रूपये की राशि तथा आवास निर्माण के लिये डेढ़ लाख तक की राशि देने का प्रावधान है। जिला कलक्टर श्री ज्ञानाराम ने कहा कि सहकारिता एक ऎसा क्षेत्र है, जिसमें बहुत सारे लोग मिलकर कार्य कर सकते है।
सहकारिता में रोजगार की संभावनाएं बहुत है। स्किल डवलेपमेंट के साथ-साथ सहकारिता को बढ़ावा देने से रोजगार की संभावनाएं बढ़ जाती है। युवा वर्ग सहकारिता के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकता हैं। जिला कलक्टर ने 4 जेजे ग्राम सेवा सहकारी समिति में कम्प्यूटराईज सुपर बाजार, फास्ट फूड रेस्टोरेंट, जिम तथा सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र जैसे नवाचार की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के नवाचार अन्य सहकारी समितियों द्वारा भी किये जाने चाहिए।