ससुप्त वार्ड। सदस्यों का काम अब उप मुखिया संभालेंगे

ससुप्त वार्ड। सदस्यों का  काम अब उप मुखिया संभालेंगे

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में 20 एजेंडों को मंजूरी दी गयी.

कैबिनेट ने बिहार वार्ड सभा और वार्ड क्रियान्वयन व प्रबंधन समिति की कार्य संचालन नियमावली-2017 में आंशिक संशोधन किया है. इसके अनुसार वार्ड सदस्य, जो प्रबंधन समिति के अध्यक्ष होते हैं, अगर वे वार्ड के विकास कार्यों में रुचि नहीं लेते हैं, लंबे समय तक बाहर रहते हैं या किसी काम को 45 दिनों के अंदर शुरू नहीं करते हैं, तो वैसी स्थिति में उनका काम पंचायत के उपमुखिया को सौंप दिया जायेगा.

इसके लिए संबंधित बीडीओ की रिपोर्ट के आधार पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी की अनुमति से वार्ड के बैंक खाते के संचालन का जिम्मा उपमुखिया और वार्ड सचिव को सौंपा जा सकता है.

मुख्यमंत्री निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल और पक्की गली नाली योजना के क्रियान्वयन का जिम्मा राज्य की 1.14 लाख वार्ड क्रियान्वयन एवं आइजीआइएमएस में 1200 बेडों के नये भवन के निर्माण की मंजूरी प्रबंधन समितियों को सौंपा गया है.

बिहार पुलिस आशु संवर्ग नियमावली -2017 के तहत आशु सहायक अवर निरीक्षकों की परीक्षा बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग द्वारा लिया जाता है. इसके तहत आयोग द्वारा आशु सहायक अवर निरीक्षकों को प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा देना पड़ता था.

कैबिनेट ने अब आशु सहायक अवर निरीक्षकों की नियुक्ति के लिए एक ही परीक्षा निर्धारित करने पर मुहर लगायी है. उनके लिए प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा का अलग आयोजन नहीं किया जायेगा.

जजों को मकान किराये की नयी दर कैबिनेट ने न्यायिक सेवा के पदाधिकारियों के लिए सरकारी आवास की अनुपलब्धता की स्थिति में किराये पर मकान की नयी दर निर्धारित की गयी है.

पटना नगर निगम क्षेत्र में 20 रुपये प्रति वर्गफुट के आधार तो अन्य 11 नगर निगम क्षेत्रों में 12 रुपये प्रतिवर्ग फुट की दर पर किराये का भुगतान किया जायेगा.

नगर पर्षद क्षेत्र में पदस्थापित जजों को 10 रुपये प्रति वर्गफुट तो नगर पंचायत क्षेत्रों में पदस्थापित न्यायिक पदाधिकारियों को आठ रुपये जबकि अन्य क्षेत्रों में छह रुपये प्रति वर्गफुट की दर से किराये का भुगतान किया जायेगा.

भवन निर्माण विभाग द्वारा पूर्व में ही विभिन्न श्रेणी के न्यायिक पदाधिकारियों को आवास के लिए क्षेत्रफल का निर्धारण किया जा चुका है. अब इंटर पास को भी प्रदूषण जांच केंद्र का लाइसेंस कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव डाॅ दीपक प्रसाद ने बताया कि वाहन जनित प्रदूषण की रोकथाम के लिए कई सहुलियतें दी गयी हैं.

अब कोई भी इंटर साइंस से पास व्यक्ति को वाहन प्रदूषण जांच केंद्र का लाइसेंस दिया जा सकता है. प्रदूषण जांच केंद्र की स्थापना अब पेट्रोल पंपों और वाहनों के बिक्री केंद्रों पर भी की जा सकती है.

वाहन प्रदूषण जांच केंद्र का लाइसेंस शुल्क को भी 12 हजार से घटाकर पांच हजार कर दिया गया है. साथ ही इसका रिन्युअल शुल्क भी 12 हजार से घटाकर पांच हजार किया गया है.

मंत्री खरीद सकेंगे 23 लाख की गाड़ी व 40 हजार का फोन कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव दीपक प्रसाद ने बताया कि मंत्री व राज्यमंत्री को 23 लाख तक का वाहन खरीदने की अनुमति दी गयी है.

पहले उनके लिए निर्धारित एंबेसडर कार व विशेष डिजाइन की स्कॉर्पियों के बंद होने के बाद कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दी है. मंत्री सफेद रंग या उससे मिलते-जुलते रंग का ही वाहन निर्धारित राशि से खरीद सकते हैं.

मंत्रियों व राज्यमंत्रियों को 40 हजार रुपये तक के एंड्राॅयड मोबाइल फोन खरीदने का अधिकार दिया गया है.

वर्ष 2006 में मंत्रियों व राज्यमंत्रियों को आठ हजार तक के मोबाइल खरीदने का अधिकार दिया गया था.

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