- July 10, 2015
सवा करोड़ असंगठित मजदूरों के रजिस्ट्रेशन – राज्यमंत्री श्री सुरेन्द्रपाल सिंह टी.टी
जयपुर – श्रम एवं नियोजन राज्यमंत्री श्री सुरेन्द्रपाल सिंह टी.टी. ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा एक मई, 2015 से पूरे प्रदेश में लगभग सवा करोड़ असंगठित मजदूरों के रजिस्ट्रेशन के अभियान का शुभारम्भ किया गया है। इस हेतु उन्होने जनप्रतिनिधियों से कहा कि वे असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का पंजीयन कराकर पुण्य के कार्य में भागीदार बने ।
श्री टी.टी. गुरुवार को चित्तौडग़ढ़ जिला परिषद के ग्रामीण विकास प्रकोष्ठ सभागार मेंं आयोजित भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिकों का पंजीकरण, विभाग की विभिन्न योजनाओं के बकाया प्रकरणों एवं विभागीय प्रगति की समीक्षा बैठक में श्रम, नियोजन, कारखाना एवं बायलर्स तथा कौशल विकास निगम के अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे।
बैठक में उन्होंने विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने अपने क्षेत्रों में निवास करने वाले निर्माण श्रमिकों के पंजीकरण एवं नवीनीकरण किया जाना सुनिश्चित करें। इसी प्रकार सार्वजनिक निर्माण विभाग, जल संसाधन एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सहायक अभियंताओं को निर्माण श्रमिकों के पंजीयन के लिए विभाग द्वारा अधिकृत किया गया है। बैठक में उन्होने जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे अधिकाधिक निर्माण श्रमिकों का पंजीयन कराने में अपनी अहम भूमिका निभाए ताकि श्रमिक कल्याण मण्डल द्वारा संचालित योजनाओं का श्रमिकों को अधिकाधिक लाभ मिल सके।
श्रम एवं नियोजन राज्यमंत्री ने बैठक में कौशल शक्ति योजना, हिताधिकारी की सामान्य अथवा दुर्घटना में मृत्यु या घायल होने की दशा में सहायता योजना, शिक्षा सहायता(छात्रवृत्ति) योजना, मेधावी छात्र/छात्राओं को नकद पुरस्कार योजना, प्रसूति सहायता योजना, हिताधिकारी की पुत्री/महिला हिताधिकारी के स्वयं के विवाह हेतु सहायता योजना, निर्माण श्रमिकों के लिए गंभीर बीमारियों पर व्यय का पुनर्भरण योजना, निजी आवास निर्माण हेतु ऋण पर आर्थिक सहायता/अनुदान योजना तथा एनपीएस-स्वावलंबन योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि असंगठित मजदूरों के पंजीयन की व्यवस्था को भी सरल बनाया गया हेै। भामाशाह कार्ड में शपथ पत्र के आधार पर असंगठित मजदूरों का नामांकन हो सकेगा। राज्य के 10 हजार ई-मित्र केन्द्रों पर भवन निर्माण श्रमिकों का ऑनलाईन पंजीयन, नवीनीकरण तथा विभिन्न योजनाओं के आवेदन किये जा सकेंगे।
श्री टी.टी. ने कहा कि जो लोग खेती में काम करते हैं, घरों में बाई या नौकर के तौर पर काम करते हैं अथवा जिनकी सालाना आय 1.75 लाख रुपये से कम है इनमें रिक्शा, ट्रक चालक, खल्लासी, दुकानों में काम करने वाले कर्मचारी, कुली, ठेकेदारों की लेबर, वर्कशापों की लेबर, ढाबों या अन्य स्थलों पर कार्य करने वाले मजदूर आदि असंगठित निर्माण श्रमिकों में शामिल हैं। अब तक प्रदेश में 6 लाख मजदूरों का रजिस्टे्रशन किया जा चुका है और उन्हें कार्ड देने की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गई है। रजिस्टे्रशन के पश्चात् इन मजदूरों को पेंशन, स्वास्थ्य बीमा, मृत्यु बीमा, अपंगता होने पर क्लेम आदि सुविधायें भी मिलने लगेगी।
उन्होंने कहा कि श्रमिक मजदूरों का दायरा बढ़ाकर इसमें ईट भटटा मजदूर, प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन, मनरेगा में 90 दिन काम करने वाले श्रमिक, मिस्त्री, चिनाई मजदूर, लकडी के कार्य करने वाले इत्यादि को भी शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि अधिकृत अधिकारी निर्धारित प्रपत्र में जो श्रमिक द्वारा भरकार देना होगा, जिसमें 60 साल से कम होने का प्रमाण पत्र व किसी भी ठेकेदार या नियोजक से निर्माण कार्य 90 दिन करने का प्रमाण पत्र के साथ 3 पासपोर्ट साइज फोटो उपलब्ध कराने पर पंजीयन कर दिया जायेगा। पंजीयन शुल्क 25 रुपये तय की गई है।
राज्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा हिताधिकारी की सामान्य मृत्यु पर 75 हजार, दुर्घटना में मरने पर 5 लाख तथा घायल होने पर 5 हजार रुपये से 3 लाख रुपये तक की देय सहायता का प्रावधान है । निर्माण श्रमिक के मजदूर के 2 बच्चों को कक्षा 6 से स्नातकोत्तर तक नियमित अध्ययन करने पर 1 हजार से 8 हजार तक छात्रवृत्ति सहायता देय है। इसके साथ ही 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने पर मेधावी छात्रवृत्ति के रूप में कक्षा 8 से स्नातकोतर तक 2 हजार से 30 हजार देय है। इसके अतिरिक्त उन्होने प्रसूति सहायता योजना, पुत्री विवाह हेतु सहायता इत्यादि योजनाओ की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि निर्माण की लागत का एक प्रतिशत राशि वेलफेयर सेस के रुप में जमा की गई है। इसके तहत जिले से वर्ष 2010 से जून 2015 तक 9 करोड़ 64 लाख 32 हजार 985 रुपये सेस के रुप में जमा किये गए हंै।
उन्होंने बताया कि जिले में अप्रेल 2014 से मार्च 2015 तक हिताधिकारी की सामान्य अथवा दुर्घटना में मृत्यु या घायल होने की दशा में 22 आवेदन स्वीकृत कर 11 लाख 10 हजार रुपये, विवाह सहायता योजना में 47 आवेदन स्वीकृत कर 16 लाख 32 हजार रुपये, शिक्षा सहायता योजना में 233 आवेदन स्वीकृत कर एक लाख 21 हजार 150 रुपये, प्रसुति सहायता योजना में 164 आवेदन स्वीकृत कर 7 लाख 98 हजार रुपये, मेधावी छात्र-छात्राओं को नकद पुरुस्कार योजना में 37 आवेदन स्वीकृत कर 10 हजार 600 रुपये का भुगतान किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 15 लाख युवाओं को रोजगारयुक्त किया जायेगा। इनमें 5 लाख युवाओं को कौशल विकास निगम द्वारा प्रशिक्षण देकर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि श्रमिकों के कल्याण के लिए स्थापित कोष में एक हजार करोड़ की राशि का श्रमिकों के पंजीयन के अभाव में नहीं हुआ है। विभाग का भी बजट जो पूर्व में 22 करोड़ रुपये था मुख्यमंत्री ने इस वर्ष 500 करोड़ रुपये कर दिया है। उन्होंने बताया कि रोजगार कार्यालयों को कैरियर सेंटर के रूप में विकसित करने के लिए 5 करोड़ रुपये मंजूर किये है। उन्होंने रोजगार अधिकारी को छोटे छोटे रोजगार मेले लगाने के भीे निर्देश दिए ।
बैठक में सांसद श्री सी.पी.जोशी ने कहा कि रोजगार, श्रम , कारखाना एवं बायलर्स विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर जिले में स्थापित कॉरपोरेट सेक्टर में श्रमिकों की आवश्यकता के अनुरूप उन ट्रेडों में प्रशिक्षण दिलाएं ताकि स्थानीय लोगो को इन इकाइयों में रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि देश में काशल विकास के क्षेत्र में राजस्थान प्रथम स्थान पर है। बेगूं के विधायक श्री सुरेश धाकड़ ने कहा कि जिले में औद्योगिक इकाइयों में स्थानीय श्रमिकों को अधिकाधिक रोजगार मुहैया हो इसके लिए नियोजको को पाबंद किया जाए।
बैठक में श्रम एवं नियोजन विभाग के आयुक्त श्री रजत मिश्र ने बताया कि आगामी 15 जुलाई को वल्र्ड यूथ स्किल्ड डे के रूप में मनाया जायेगा।
जिला कलक्टर श्री वेद प्रकाश ने कहा कि राज्यमंत्री द्वारा दिये गये निर्देशों की क्रियान्वित सुनिश्चित की जाएगी और जिले में पंजीकृत श्रमिकों के लक्ष्य को पूरा किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 376 कौशल विकास केन्द्र चल रहे है तथा राजस्थान कौशल आजीविका विकास निगम द्वारा 72 हजार युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका हेै। इसी क्रम में निगम द्वारा जिले में 4 कौशल विकास केन्द्र संचालित किये जा रहे है। जिनमें 3252 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाकर 2087 युवाओं को रोजगार प्रदान कराया गया।
बैठक में निम्बाहेड़ा विधायक श्रीचन्द कृपलानी, कपासन विधायक श्री अर्जुनलाल जीनगर, बेगूं विधायक श्री सुरेश धाकड़, नगरपरिषद सभापति श्री सुशील शर्मा, पंचायत समिति प्रधान श्री प्रवीणसिंह राठौड़, डेयरी चेयरमेन श्री बद्रीलाल जाट, श्री रतन लाल गाडरी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अतिरिक्त कलक्टर भू.अ., अति0 श्रम आयुक्त, संयुक्त निदेशक रोजगार ,संयुक्त श्रम आयुक्त, विकास अधिकारी, सहायक अभियंता, जलदाय, सार्व.निर्माण विभाग, जल संसाधन, जिला रोजगार अधिकारी, राजस्थान कौेशल आजीविका विकास निगम, फैक्ट्री एवं बॉयलर्स विभाग सहित संबंधित विभागों के अधिकारी तथा जनप्रतिनिधिगण मौजूद थे।
—