सरदार वल्लभ भाई पटेल नि:शुल्क औषधि वितरण योजना

सरदार वल्लभ भाई पटेल नि:शुल्क औषधि वितरण योजना

मध्यप्रदेश में राज्य के समस्त नागरिकों को श्रेष्ठतम गुणवत्ता की औषधियाँ प्रदाय करने के लिए राज्य शासन ने विगत दो वर्ष से सरदार वल्लभ भाई पटेल नि:शुल्क औषधि वितरण योजना प्रारंभ की है। योजना के माध्यम से राज्य में लगभग 10 हजार शासकीय चिकित्सालय एवं 48 हजार ग्राम आरोग्य केन्द्र के माध्यम से 250 प्रकार की औषधियों का वितरण आवश्यकतानुसार किया जाता है।

यह औषधियाँ डब्ल्यू.एच.ओ. जी.एम.पी. गुणवत्ता की होती हैं। अर्थात् यह ऐसी औषधियाँ हैं, जो निर्यात योग्य हैं। इन औषधियों का उपार्जन राष्ट्रीय टेन्डर के माध्यम से सम्पूर्ण पारदर्शिता बरतते हुए किया जाता है। यह अत्यंत ही महत्वपूर्ण योजना है, जिसका लाभ लगभग 4 लाख से अधिक नागरिक प्रतिदिन या लगभग सवा करोड़ नागरिक प्रतिमाह प्राप्त करते हैं।

विगत माह योजना का सूक्ष्म अध्ययन विश्व स्वास्थ्य संस्थान ने किया था। संस्थान ने इसे एक आदर्श योजना निरूपित कर दिनांक 20-22 नवम्बर को चेन्नई में राष्ट्रीय कार्यशाला में अनुकरणीय योजना के रूप में प्रस्तुत किया। इसके बाद देश के कई राज्य इस योजना का अनुकरण करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर रहे हैं।

यह विशेषत: उल्लेखनीय है कि निर्यात स्तर की औषधियाँ ही क्रय की जाती हैं, जो बाजार में उपलब्ध ब्रांडेड औषधियों से 10 से 15 गुना सस्ती होती हैं। राज्य शासन विगत दो वर्ष से 200 से 250 करोड़ की औषधियाँ क्रय करता है, जिनका अनुपातिक बाजार मूल्य लगभग 2000 से 2500 करोड़ रुपये होता है। इस प्रकार राज्य शासन लगभग 2000 करोड़ की बचत कर राज्य के प्रत्येक नागरिक को यह दवाइयाँ उपलब्ध करवा रहा है।

सरदार वल्लभ भाई पटेल योजना की अपार सफलता से उत्साहित होकर राज्य शासन द्वारा केंसर की दवाइयों एवं कीमोथेरेपी की भी नि:शुल्क जेनेरिक औषधियों के माध्यम से उपचार प्रारंभ किया जा रहा है। मात्र 15 दिवस की अवधि में लगभग 4000 केंसर पीड़ित मरीज पंजीबद्ध हो गये हैं, जिनका उपचार शासकीय चिकित्सालयों में प्रारंभ कर दिया गया है। योजना का विस्तार करते हुए राज्य शासन ने डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट की बिमारियों एवं थैलासीमिया के रोगियों का भी नि:शुल्क उपचार एवं दवा वितरण राज्य के सभी जिला चिकित्सालयों में प्रारंभ कर दिया है।

योजना के सहयोगी रूप में स्वास्थ्य विभाग सभी चिकित्सालय में 48 प्रकार की जाँचों की सुविधा भी नि:शुल्क कराता है। इससे प्रतिदिन 75 हजार नागरिक लाभान्वित हो रहे हैं। मध्यप्रदेश देश का एकमात्र राज्य है जो अपने सभी नागरिकों को शासकीय चिकित्सालयों में न केवल नि:शुल्क औषधियाँ एवं जाँचें उपलब्ध कराता है अपितु मरीजों को नि:शुल्क भोजन तथा सोलह सौ 108 एवं जननी वाहनों से नि:शुल्क सामान्य एवं आपात परिवहन उपलब्ध करवाता है।

राज्य की स्वास्थ्य सेवाएँ प्रतिदिन नये सोपान प्राप्त कर रही हैं। स्वास्थ्य सेवाओं की गारंटी के साथ एक नई व्यवस्था न केवल राज्य के समक्ष बल्कि देश के समक्ष उदाहरण प्रस्तुत कर रही है। यह मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य सेवाओं के इतिहास में एक गौरवशाली अध्याय जोड़ रही है। यह निर्विघ्न संचालित होगा।

आनंद मोहन गुप्ता

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