• October 1, 2018

सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को समाज के जरूरतमंद लोगों की सेवा करने का अवसर मिलता है

सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को समाज के जरूरतमंद लोगों की सेवा करने का अवसर मिलता है

पानीपत———— लघुसचिवालय के प्रथम तल कांफ्रैंस हॉल में जिला के सभी विभागों के विभागाध्यक्षकों की बैठक का आयोजन किया गया।

बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त सुमेधा कटारिया ने की। बैठक में समालखा के एसडीएम गौरव कुमार, नगर निगम की सयुक्त आयुक्त सुमन भाखड़, डीआरओ चन्द्रमोहन मुख्य रूप से मौजूद रहे।

उपायुक्त सुमेधा कटारिया ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि सौभाग्यशाली है वो व्यक्ति जिन्हे सरकारी क्षेत्र में आकर लोगों की सेवा करने का अवसर मिला है। सरकारी सेवा में अनेक योजनाओं के तहत समाज के जरूरतमंद लोगों की सेवा करने का अवसर मिलता है।

सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को जहां जनता के प्रति जवाबदेंह होना चाहिए वहीं अपने-अपने विभाग के लिए भी संवेदनशील होना चाहिए।

इसलिए सभी अधिकारी अपने-अपने विभाग की सरकारी अचल सम्पत्ति का ब्यौरा न केवल जिला प्रशासन को देना चाहिए बल्कि विभागीय सम्पत्ति प्रबंधन सैल के माध्यम से जितनी भूमि जिस विभाग के पास है उसका इन्तकाल भी दर्ज करवा लेना चाहिए। विभागिय सम्पत्ति प्रबंधन सैल का कार्यालय लघुसचिवालय के जिला राजस्व अधिकारी के कार्यालय में खोला गया है।

उन्होंने कहा कि सभी विभागाध्यक्ष इस कार्यालय से फार्म प्राप्त करके उसके सभी 40 कॉलम भरके इस कार्यालय में जमा करवाए।

इसके अलावा नगर निगम के अधिकारी राजस्व वसूली के कार्य में भी तेजी लाए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से पानीपत शहर की नगर निगम क्षेत्र की सभी कच्ची कॉलोनियों को पक्का करने का जो प्रयास किया गया था उस पर सरकार की ओर से शीघ्र ही निर्देश जारी किए जाएगे और इन कॉलोनियों को नियमित करने का मार्ग प्रशस्त हो सकेंगा।

उपायुक्त सुमेधा कटारिया ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नगर निगम के कार्यालय में जो भी व्यक्ति भवन बनाने के लिए नक्शा जमा करवाता है तो निगम के अधिकारी हर हाल में 60 दिन की अवधि के दौरान नक्शा पास करे यदि नगर निगम क्षेत्र की सभी कॉलोनियों में बिना नक्शा पास करवाए जो भवन निर्माण का कार्य चल रहा है उसका कड़ा संज्ञान ले।

उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि वे जमाबंदी के कार्य में तेजी लाए उनके कार्यालय में प्रतिदिन 20 ऐसे आदमी जरूर आते है जिन्हें जमीन खरीदनी व बेचनी होती है और इन्तकाल के कारण वे ऐसा नहीं कर पा रहे है। जिन मामलों में जमाबंदी कम्पयूटराईज नहीं हो पाई है। ऐसे मामलों में मैनुअल जमाबंदी दी जाए ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो। उन्होंने सभी अधिकारियों को कड़े शब्दों में निर्देश दिए कि कोई भी अधिकारी व कर्मचारी अपने वरिष्ठ अधिकारी के संज्ञान में लाकर ही अपना स्थान छोड़े।

जल संरक्षण व जल प्रबंधन————–

बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त उपायुक्त सुजान सिंह ने की और जनस्वास्थ्य विभाग के कार्याकारी अभियंता राजेश कोशिक ने जल संरक्षण व जल प्रबंधन के बारे में अतिरिक्त उपायुक्त को विस्तार से जानकारी दी।

बैठक को स बोधित करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त सुजान सिंह ने कहा कि जल ही जीवन है। जल के अभाव में प्राणियों का जिंदा रहना मुश्किल है इसीलिए विश्व के सभी धर्मो व धार्मिक संस्कारों में जल को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है।

हिन्दू जहां गंगा जल को सबसे अधिक महत्व देते है वहीं मुसलमान हज के समय आबे जम जम का जल लेकर अपने घर लौटते है भारतीय सस्कृति में जल की वरूण देवता के रूप में पूजा की जाती है। इसलिए सभी संबधित अधिकारियों, धार्मिक समाजसेवी संस्थाओं के सदस्यों सभी अध्यापकों व जल संरक्षण समिति के सभी सदस्यों को जल संरक्षण के बारे में लोगों को और अधिक जागरूक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूॅ तो विश्व का दो-तिहाई भाग समुद्र के रूप में है, समुद्र जल से लभालभ भरे हुए है। लेकिन पीने लायक मीठे जल की मात्रा विश्व में मात्र दो प्रतिशत ही है।

उन्होंने जिला के गांव बसाड़ा का उदाहरण देते हुए कहा कि इस गांव के प्रत्येक घर में जल का ऐसा प्रबन्ध किया गया है कि प्रत्येक घर में दो प्रकार के सौकते बनाए गए है। जिनके माध्यम से उस घर का सारा पानी जमीन में चला जाता है। जिससे जहां भूमिगत जल स्तर को ऊपर लाने में सहयोग मिलेगा वहीं गांवों में नालियों में गंदा पानी न बहने के कारण बिमारियां नहीं होंगी जिससे लोगों की जान-माल की सुरक्षा होंगी। अधिकारियों को इस गांव का दौरा करके अन्य गांवों की पंचायतों को भी इस गांव से प्रेरणा लेते हुए आर्दश गांव बनाने की प्रतिज्ञा लेने के लिए प्रेरित करना ।

Related post

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…
जलवायु परिवर्तन: IPBES का ‘नेक्सस असेसमेंट’: भारत के लिए एक सबक

जलवायु परिवर्तन: IPBES का ‘नेक्सस असेसमेंट’: भारत के लिए एक सबक

लखनउ (निशांत सक्सेना) : वर्तमान में दुनिया जिन संकटों का सामना कर रही है—जैसे जैव विविधता का…
मायोट में तीन-चौथाई से अधिक लोग फ्रांसीसी गरीबी रेखा से नीचे

मायोट में तीन-चौथाई से अधिक लोग फ्रांसीसी गरीबी रेखा से नीचे

पेरिस/मोरोनी, (रायटर) – एक वरिष्ठ स्थानीय फ्रांसीसी अधिकारी ने  कहा फ्रांसीसी हिंद महासागर के द्वीपसमूह मायोट…

Leave a Reply