- March 14, 2015
समाज को पथ दिखाने वाला ही वास्तव में शिक्षक है – राज्यपाल, गुजरात
जयपुर -शिक्षक वह नहीं है, जो औपचारिक रूप से शिक्षा देता हो, बल्कि समाज का मार्ग दर्शन करने वाला तथा पथ दिखाने वाला ही सही मायने में शिक्षक है। वे लोग जो अपने प्रवचनों, कथाओं, उपदेशों के माध्यम से समाज को दिशा देने का कार्य करते हैं, सही मायने में समाज के शिक्षक हैं। जो लोग करूणा की ताकत से लब्ध होते हंै, वे समाज को बदलते हैं और करूणा इंसान को बदलती है। करूणा की ताकत ने ही वाल्मिकी, बुद्घ आदि का जीवन बदल दिया।
यह बात गुजरात के राज्यपाल श्री ओ.पी. कोहली ने शुक्रवार को जे.जे.टी यूनिवर्सिटी चुडैला के तृतीय दीक्षांत समारोह के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कही। उन्होंने कहा कि शिक्षा को ग्रामीण अंचलों तक ले जाना एक बहुत बड़ी दृष्टि की मांग करता है और जेजेटी के संचालकों ने इस दृष्टि का परिचय दिया है, इसलिए वे बधाई के पात्र हैं। अकेले झुंझुनू जिले में तीन विश्व विद्यालय होने की प्रशंसा करते हुए महामहिम ने कहा कि इस क्षेत्र में नॉलेज सिटी बनने की संभावनाएं सशक्त रूप से विद्यमान हैं।
भारत की शिक्षा नीति में बदलाव के मुद्देंं पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा पद्घति मध्य मार्गीय होनी चाहिए, जिसमें एक ओर भारतीय विरासत का आधार हो वहीं दूसरी ओर विज्ञान एवं तकनीक के स्तर पर वह वैश्विक बाजार के अनुकूल हो और उसकी मांग को पूरी करने वाली हो।
कार्यक्रम में पधारी साध्वी ऋतम्भरा ने कहा कि हमें देने की संस्कृति को लेने की संस्कृति पर वरीयता देनी चाहिए। हमें करूणामय हो आम इंसान की पीड़ा को समझना होगा। इसी से भारत का और सम्पूर्ण विश्व का कल्याण होगा। दीक्षांत समारोह में जेजेटी यूनिवर्सिटी के चांसलर श्री विनोद टीबड़ेवाल ने राज्यपाल तथा साध्वी ऋतम्भरा को उनके सामाजिक योगदान के लिए डिलिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया।
इससे पूर्व झुंझुनू हवाई पट्टी पर जिला कलेक्टर श्री एस एस सोहता, जिला पुलिस अधीक्षक श्री सुरेन्द्र कुमार गुप्ता सहित जिला प्रशासन के आला अधिकारियों ने राज्यपाल की अगुवानी की, जहां से वे सर्किट हाउस पंहुचे और वहां कुछ समय विश्राम कर चुडैला के लिए रवाना हुए।