समस्तीपुर में डेयरी संयंत्र व बिहिया में पशु आहार कारखाना लगेंगे- उपमुख्यमंत्री

समस्तीपुर में डेयरी संयंत्र व बिहिया में  पशु आहार कारखाना लगेंगे- उपमुख्यमंत्री

पटना ——– पूर्वी चम्पारण के मठबनवारी में 11 महीने के रिकार्ड समय में में बन कर तैयार मदर डेयरी के प्रतिदिन 1 लाख लीटर क्षमता के दूध प्रसंस्करण संयंत्र के उद्घाटन के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इस संयंत्र द्वारा मार्च से 1250 गांवों के 50 हजार किसानों से प्रतिदिन 2 लाख लीटर दूध का संग्रह किया जा सकेगा।

सुधा व मदर डेयरी दोनों मिल कर किसानों से दूघ खरीदेंगी।

अगले वित्तीय वर्ष 2019-20 में कम्फेड द्वारा समस्तीपुर में 5 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता के डेयरी संयंत्र और भोजपुर के बिहिया में 300 मे.टन प्रतिदिन उत्पादन क्षमता के पशु आहार कारखाना लगाये जायेंगे।

चालू वित्तीय वर्ष में सुपौल में 1 लाख लीटर क्षमता का डेयरी संयंत्र, समस्तीपुर व हाजीपुर में 30-30 मे.टन के दूध पाउडर संयंत्र, पटना व नालंदा में 20-20 हजार किलो दैनिक क्षमता के आइसक्रीम प्लांट स्थापित किए जाने के साथ ही पटना में पूर्व से स्थापित 100 मे. टन क्षमता के पशु आहार फैक्ट्री को 150 मे.टन में विस्तारित और 150 मे. टन की नई इकाई स्थापित की गयी है। सुधा फ्लेवर्ड मिल्क व सेव का जूस बाजार में लाने के साथ ही गुवाहाटी में सुधा के पैकेटबंद तरल दूध एवं अन्य उत्पादों का विपणन प्रारंभ किया गया है।

इस साल एफएमडी के तहत 3.30 करोड़ तथा एचएसबी के अन्तर्गत 1.64 करोड़ पशुओं का टीकाकरण किया गया है। 50 एम्बुलेटरी वाहनों से 2.87 लाख पशुओं को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराये गए हैं।

डेयरी स्थापित करने वाले किसानों को सरकार 50 फीसदी तथा एससी और एसटी को 66 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।

किसानों की आमदनी केवल धान,गेहूं की खेती करने से दोगुनी नहीं होगी, बल्कि इसके लिए समग्र रूप से वानिकी, डेयरी, मछली और मुर्गी पालन को अपनाना होगा। फिलहाल बिहार में प्रतिदिन 18 लाख किलो दूध का संग्रह व 14 लाख लीटर की मार्केटिंग सुधा डेयरी द्वारा की जा रही है।

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply