- April 26, 2017
समग्र हाथ करघा विकास योजना-940 बुनकर लाभान्वित
रायपुर (छत्तीसगढ)—– राज्य सरकार के ग्रामोद्योग विभाग की समग्र हाथ करघा विकास योजना के तहत पिछले वित्तीय वर्ष 2016-17 में 940 बुनकरों को लाभान्वित किया गया। इसके लिए दो करोड़ 75 लाख रूपए व्यय किए गए।
चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में इस योजना के लिए चार करोड़ 50 लाख रूपए का बजट प्रावधान किया गया है, इससे 1250 बुनकरों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है।
ग्रामोद्योग विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि प्रदेश में हाथ करघा बुनकरों के समग्र विकास के लिए यह योजना शुरू की गई हैं। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में कमजोर तबकों के बनुकरों को बीस के ग्रुप में चार माह का बुनाई प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जा रहा है।
बाजार के मांग के अनुरूप बनुकरों को डिजाइन विकास के लिए दो माह का कौशल उन्नयन प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। जिन बुनकरों के पास करघे नहीं है, उन्हें प्रति बुनकर 25 हजार रूपए करघा के लिए और तीन हजार रूपए तक के सहायक उपकरण दिए जाते है। इसके अलावा बनुकर सहकारी समितियों को अधोसंरचना विकास के लिए प्रति समिति बीस लाख रूपए तक की सहायता राशि दी जा रही है।
राष्ट्रीय हाथकरघा विकास कार्यक्रम छत्तीसगढ़ के तीन जिलों के छह विकासखंडों में 1380 बुनकरों को बुनाई, रंगाई और डिजायनिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
यहां राष्ट्रीय फैशन डिजाइन संस्थान से उत्तीर्ण डिजाइनरों की सेवाएं ली जा रही है। इससे नये-नये डिजाइन विकास को बढ़ावा मिल रहा है। ग्रामोद्योग विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि विकास आयुक्त हाथकरघा वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जांजगीर-चांपा जिले के डभरा, बम्हनीडीह, नवागढ़ और बलौदा विकासखंड, राजनांदगांव जिले के छुरिया विकासखंड तथा बालोद जिले के बालोद विकासखंड में हैंडलूम कलस्टर विकास के लिए आठ करोड़ 90 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है।