सभा, रैली, जुलूस, प्रदर्शन, धरना , अस्त्र-शस्त्र, धारदार घातक हथियार आदि लेकर चलने पर प्रतिबंध

सभा, रैली, जुलूस, प्रदर्शन, धरना , अस्त्र-शस्त्र, धारदार घातक हथियार आदि लेकर चलने पर प्रतिबंध

अंबिकापुर (छतीसगढ) –   कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती ऋतु सैन द्वारा जिले में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए धारा 144 दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सभारैलीजुलूसप्रदर्शनधरना आदि में किसी प्रकार का विस्फोटक पदार्थअस्त्र-शस्त्रधारदार घातक हथियार आदि लेकर चलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

धार्मिक परम्परा अनुसार रखे जाने वाले कृपाण आदि पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा। इसके साथ ही सरगुजा जिले के सीमा क्षेत्र में सभाओंरैलीजुलूस,प्रदर्शनधरनाहड़ताल आदि के दौरान शासकीय एवं निजी सम्पŸिायों को नुकसान पहुंचानापुतला दहनतोड़-फोड़ एवं टायर आदि जलाकर मार्ग अवरूद्ध कर यातायात बाधित करने तथा आम नागरिकों मंे दहशत फैलाना पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया गया है।

जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सभारैलीजुलूसप्रदर्शनधरनाहड़ताल आदि मंे लाउड स्पीकर,ध्वनि विस्तारक यंत्र आदि के उपयोग किये जाने से पहले संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दण्डाधिकारीकार्यपालिक दण्डाधिकारी के अनुमति लिया जाना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही विभिन्न सभाओंरैलीजुलूसप्रदर्शनधरनाहड़ताल आदि करने से पहले संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दण्डाधिकारीकार्यपालिक दण्डाधिकारी के अनुमति लिया जाना अनिवार्य होगा। यह आदेश सभी प्रकार के दलोंसंगठनोंसंघो तथा आम जनता पर लागू होगा तथा आज से 4 अक्टूबर 2015 तक प्रभावशील रहेगा। इस आदेश का उल्लघंन करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध धारा 188, भारतीय दण्ड विधान के अन्तर्गत अभियोजन की कार्यवाही की जायेगी।

जिला दण्डाधिकारी ने बताया है कि जिले में विभिन्न राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनोंसमूहों के द्वारा विभिन्न मुद्दों पर नगर बंदधरनाप्रदर्शनजुलूसहड़ताल आदि के दौरान सार्वजनिक स्थलों पर पुतला दहनतोड़-फोड़ तथा टायर आदि जलाकर शासकीय एवं निजी सम्पत्तियों को क्षति पहुंचाई जाती है। साथ ही जगह-जगह पर मार्ग अवरूद्ध कर यातायात बाधित किया जाता है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक में जन प्रतिनिधियोंपुलिस अधिकारियों  एवं प्रशासनिक अधिकारियों से विचार विमर्श करने पर सभी ने एक मत से ऐसी घटनाओं के रोकथाम के लिए अपनी सहमति व्यक्त की है।

पुलिस अधीक्षक द्वारा जिले में शांति व्यवस्था सुनिश्चित कराने हेतु सभारैलीजुलूसधरनाप्रदर्शनहड़ताल आदि में पुतला दहनटायर आदि जलाये जाने की घटनाओं पर स्थाई प्रतिबंध लगाने हेतु अभिमत दिया गया है। जिला दण्डाधिकारी ने कहा है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा 16 अप्रैल 2009 को पारित निर्णय के अनुसार प्रदर्शनबंदहड़ताल के नाम पर शासकीय एवं निजी सम्पत्तियों को नुकसान से बचाने के लिए जारी दिशा निर्देश का पालन कराया जाना आवश्यक है।

जिला दण्डाधिकारी ने बताया है कि मुझे समाधान हो गया है कि यदि जिले में शांति व्यवस्था कायम रखना तथा कानून व्यवस्था को पूरी तरह नियत्रंण में रखे जाने हेतु सभाओंरैलीजुलूसप्रदर्शनधरनाहड़ताल आदि के दौरान पुतला दहनतोड़-फोड़ एवं टायर आदि जलाकर मार्ग अवरूद्ध कर यातायात बाधित करनाआम नागरिकों में दहशत फैलाना प्रतिबंधित नहीं किया गया तो लोक शांति एवं सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा है कि पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इस आदेश से प्रभावित होने वाले व्यक्तियों को सूचना की तामीली एवं सुने जाने हेतु पर्याप्त समय न होने के कारण यह आदेश पारित किया गया है।

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