सबसे किफायती इलाज के लिये हेल्थ केयर एक्सीलेंस अवार्ड

सबसे किफायती इलाज के लिये  हेल्थ केयर एक्सीलेंस अवार्ड

भोपाल :(सुनीता दुबे)——–उप राष्ट्रपति श्री एम. वैंकेया नायडू और केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने आज दिल्ली में 15वें विश्व ग्रामीण स्वास्थ्य सम्मेलन के शुभारंभ कार्यक्रम में मध्यप्रदेश को ‘हेल्थ केयर एक्सीलेंस अवार्ड” से नवाजा।

प्रदेश को यह अवार्ड देश में मरीज की जेब से सबसे कम खर्च करने वाले राज्य के लिये मिला। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक श्री एस. विश्वनाथन ने अवार्ड ग्रहण किया। सम्मेलन 29 अप्रैल तक चलेगा।

राज्य शासन द्वारा प्रदेश में मरीजों, खासतौर से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को महँगा इलाज मुहैया कराने के पिछले सालों में विशेष प्रयास किये गये हैं। इस अवार्ड को दिलाने में प्रदेश में नि:शुल्क औषधि वितरण, नि:शुल्क जाँच, डायलिसिस इकाइयों, कैंसर कीमोथेरेपी, राज्य बीमारी सहायता, मुख्यमंत्री बाल ह्रदय उपचार योजना, मुख्यमंत्री बाल श्रवण उपचार योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, जननी एक्सप्रेस, दीनदयाल चलित अस्पताल, दीनदयाल 108 एम्बुलेंस व्यवस्था आदि की महत्वपूर्ण भूमिका है।

जिला अस्पतालों में नि:शुल्क दवाओं की न्यूनतम संख्या 300, सिविल अस्पताल में 131, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 107, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में 71 और उप स्वास्थ्य केन्द्र में 24 है।

जिला अस्पताल में 48, सिविल अस्पताल में 32 और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 28 प्रकार की नि:शुल्क जाँच सुविधाएँ दी जा रही हैं। जिला अस्पतालों में ईसीजी, सोनोग्राफी, ईकोकॉर्डियोग्राफी आदि नि:शुल्क हैं।

भोपाल से सीटी स्केन सुविधा भी शुरू हो गयी है, जिसका विस्तार 29 जिलों में किया जा रहा है।

प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों में जनवरी-2016 से बीपीएल मरीजों के लिये नि:शुल्क और एपीएल मरीजों के लिये मात्र 500 रुपये पर डायलिसिस सुविधा जारी है। सभी जिलों में कॉल-सेंटर आधारित जननी एक्सप्रेस सुविधा दी जा रही है। आदिवासी बहुल और पिछड़े जिलों में दीनदयाल चलित अस्पताल हैं।

राज्य बीमारी सहायता निधि में 21 बड़ी बीमारियों में 2 लाख रुपये तक की सहायता दी जा रही है। वर्ष 2003 से अब तक 66 हजार 808 प्रकरण में 612 करोड़ रुपये की राशि दी जा चुकी है।

मुख्यमंत्री बाल ह्रदय उपचार योजना में अब तक 11 हजार 676 बच्चों की हार्ट सर्जरी में 73 करोड़ 14 लाख रुपये खर्च किये जा चुके हैं। अक्टूबर-2014 से आरंभ मुख्यमंत्री बाल श्रवण उपचार योजना में 1027 बच्चों के इलाज पर 53 करोड़ 40 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं, जबकि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में वर्ष 2013 से अब तक 18 वर्ष तक के 4 करोड़ 63 लाख बच्चों की स्क्रीनिंग की जाकर लगभग 8 लाख बच्चों का उपचार किया गया है।

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