- May 5, 2018
सफल शहरीकरण के बिना कोई भी देश सतत विकास सुनिश्चित नहीं कर सकता है–अकीरा मत्सुनागा
दिल्ली———— भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और विकासशील देशों के लिए अनुसंधान एवं सूचना प्रणाली (आरआईएस) के सहयोग से बेंगलुरू में ‘अत्याधुनिक, सुदृढ़ एवं डिजिटल बुनियादी ढांचे’ पर चौथे क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।
दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) की तीसरी वार्षिक बैठक से पहले किया जा रहा है जिसकी मेजबानी भारत सरकार द्वारा 25 एवं 26 जून, 2018 को मुम्बई में की जाएगी।
सम्मेलन के दौरान साझेदार संस्थानों एवं सिविल सोसायटी संगठनों के प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों, शिक्षाविदों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने इस विषय पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए कि भारत में अत्याधुनिक एवं डिजिटल बुनियादी ढांचे के लिए संस्थागत दृष्टिकोण को कैसे अपनाया जा सकता है।
सम्मेलन के लिए थीम तय करते हुए नई दिल्ली स्थित इंटीग्रेटेड रिसर्च एंड एक्शन फॉर डेवलपमेंट के अध्यक्ष श्री किरीट पारेख ने कहा कि किसी भी शहर की सुदृढ़ता में बुनियादी ढांचा अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उन्होंने कहा कि समुचित पूर्व-चेतावनी प्रणाली सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान होने वाली मौतों की संख्या में कमी संभव कर सकती है। बुनियादी ढांचे में केवल सड़कें, विद्युत लाइनें और बस सेवाएं ही शामिल नहीं होती हैं, बल्कि इसमें प्राकृतिक आपदाओं और मानव निर्मित आपदाओं से निपटने में अनुमानित रूप से समर्थ माने जाने वाले बुनियादी ढांचे को भी शामिल करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि मुम्बई आतंकी हमले के दौरान हुए नुकसान को काफी कम किया जा सकता था, बशर्ते कि वहां विभिन्न एजेंसिंयों के बीच समुचित तालमेल रहता। इन स्थितियों में डिजिटल बुनियादी ढांचा अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होता है।
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के अर्थशास्त्री श्री अकीरा मत्सुनागा ने कहा कि हाल के वर्षों में एशिया में बुनियादी ढांचे का विस्तारीकरण करने में एडीबी अत्यंत सक्रिय साझेदार की भूमिका निभाता रहा है। उन्होंने कहा कि त्वरित शहरीकरण एक चुनौती है और इसके साथ ही यह एक अवसर भी है क्योंकि सफल शहरीकरण के बिना कोई भी देश सतत विकास सुनिश्चित नहीं कर सकता है।