- April 29, 2016
सड़क सुरक्षा और परिवहन के लिए मंत्रियों के समूह की पहली बैठक कल
भारत सड़क सुरक्षा से संबंधित गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है। मौतों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है और वर्ष 2015 के दौरान मौतों की संख्या लगभग 1,46,000 थी। ब्रासीलिया घोषणापत्र पर किए गए हस्ताक्षर के अनुसार, भारत ने 2020 तक सड़क दुर्घटनाओं और मौतों की संख्या में 50 फीसदी कमी करने का संकल्प लिया है।
सड़क परिवहन का क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था में भी एक प्रमुख भूमिका निभाता है, यात्री और माल भाड़े के कुल भार के 75% भाग पर इसका असर है। देश के सकल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान 4.5% के करीब है। हालांकि यह क्षेत्र पुराने नियमों और प्रथाओं से ग्रस्त है और इसमें तत्काल सुधारों की जरूरत है।
सड़क सुरक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ देश भर में परिवहन की सुविधा में सुधार के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा सड़क परिवहन और सुरक्षा विधेयक लाया गया है। बैठक के दौरान सभी राज्य सरकारों की किसी भी आशंका या गलतफहमियों को दूर करने पर चर्चा की जा सकती है। सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के क्रम और ग्राहकों की संतुष्टि के लिए एक तत्कालिक प्रशासनिक बदलाव करने की जरूरत है। मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन करने और प्रौद्योगिकी का इष्टतम उपयोग करने की जरूरत है।
जीओएम का उद्देश्य उपरोक्त लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक रोडमैप विकसित करना है। कल आयोजित होने वाली मंत्री समूह की बैठक के लिए एजेंडा तय करने के लिए राज्यों के प्रधान सचिवों और परिवहन आयुक्तों की एक बैठक 22 अप्रैल, 2016 को नई दिल्ली में आयोजित की गई थी।
कल की बैठक में जिन अन्य मुद्दों पर चर्चा हो सकती है, उनमें सार्वजनिक स्थानों पर पैदलपथ और साइकिल चालक जैसे गैर मोटर चालित परिवहन से निपटने के उपायों पर चर्चा की जा सकती है। इसके अलावा ड्राईविंग लाईसेंस, जरूरी ड्राईवर प्रशिक्षण, लाइसेंस के नवीकरण की श्रेणियों और अवधि के युक्तिकरण पर भी चर्चा हो सकती है।