• August 5, 2015

संसद में राजस्थान : अनुसूचित जाति / जनजाति अत्याचार :

संसद में राजस्थान : अनुसूचित जाति / जनजाति अत्याचार :

जयपुर – केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा है कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन बिल-2014 लोकसभा में पेश किया जा चुका है जिसे वर्तमान सत्र में ही पास कराने के लिए सूचीबद्घ किया गया है।

केन्द्रीय मंत्री ने पाली सासंद श्री पी.पी.चौधरी के एक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी और बताया कि वर्ष 2011 से 2013 तक राजस्थान में अनुसूचित जाति/जनजातियों के विरूद्ध अत्याचार संबंधी करीब 17 हजार मामले दर्ज हुए।

उन्होंने बताया कि केन्द्र और राज्य सरकारें अनुसूचित जाति/जनजाति के विरूद्घ अत्याचार संबंधी मामलों में नियमों को सख्त करने और उनकी पालना सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है।

श्री चौधरी के अन्य प्रश्न के जवाब में केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रीने बताया कि देश के कुछ हिस्सों में हाल ही में हुई अत्यधिक बारिश और बाढ़ के कारण मरने वाले शेरों व अन्य वन्यजीवों की संख्या व ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से जानवरों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए सरकार एनडीआरएफ की वाईल्ड लाईफ टीम व एनजीओ के माध्यम से बाढ़ व अन्य प्राकृतिक आपदाओं वाले वनक्षेत्रें में वन्यप्राणियों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठा रही है तथा प्रभावित क्षेत्रें के बारे में विस्तृत अध्ययन करवाकर ऐसे क्षेत्रें को चिन्हित किया जा रहा है जहां वन्यजीव सुरक्षित रह सकें।

उन्होंने बताया किनुकसान संबंधी आंकड़े राज्य सरकारों के माध्यम से एकत्र किये जाते हैं, जिसकी सूचना अभी प्राप्त होना बाकी है। वर्तमान वर्ष के प्राप्त आंकड़ों के अनुसार कुल 1784 वन्यजीवों की मृत्यु प्राकृतिक आपदाओं के कारण दर्ज की गई है। जिसमें 10 शेर, 87 हिरण, 1670 नीलगाय व अन्य शामिल है।

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