- July 12, 2016
संज्ञान : 16 मरीज ( जिसमें 12 महिलायें) अंधेपन का शिकार :- मानवाधिकार आयोग
तमिलनाडु (स्लेम जिला)——— मेत्तूर सरकारी अस्पताल 14 – 16 जून 2016, आँख के अप्रशिक्षित डॉक्टरों द्वारा मोतियाबिंद के 16 मरीजों का ऑपरेशन किया गया जो (12 मरीजे महिलायें है ) अंधेपन का शिकार हो गए ।
ऑपरेशन के बाद घर जाने पर अस्पताल में दिए गए ” आई ड्राप ” लेने के उपरांत कुछ भी देखने में असमर्थ थे । तदुपरांत अतिशीघ्र ये लोग अस्पताल गए लेकिन अस्पताल ने इनलोगों को निजी अस्पताल में भेज दिया। इनमें से 8 मरीजों की दृष्टी बुरी तरह प्रभावित है, वहीँ 8 मरीजों के आँखों की दृष्टी थोडा बहुत प्रभावित है।
राष्ट्रीय अंधापन नियंत्रण प्रोग्राम के तहत सलेम जिला के सरकारी अस्पताल में प्रति वर्ष 25,000 आँखों की मुफ्त ऑपरेशन किया जाता है । दुर्भागवश इस घटना के पीछे गलत दवाएं या ऑपरेशन थियेटर की अव्यवस्था होने कि संभावना है।
संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार आयोग ने तमिलनाडु के मुख्य सचिव को 2 सप्ताह में , घटना , घटना के लिए उत्तरदायी व्यक्ति तथा घटना के पीछे कारण का , प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा है।