• December 25, 2017

शौर्य और स्वाभिमान के प्रतीक हैं महाराजा सूरजमल :–कवयित्री डा. लाज कौशल

शौर्य और स्वाभिमान के  प्रतीक हैं  महाराजा सूरजमल :–कवयित्री डा. लाज कौशल

झज्जर (युद्धवीर सिंह लांबा)———— जिला मुख्यालय के अंतिम छौर पर बसे वीरों की देवभूमि कहे जाने वाले गांव धरौली की सामाजिक संस्था मां-मातृभूमि सेवा समिति द्वारा हिन्दू धर्म रक्षक व जाट शिरोमणि, मुगलों के आक्रमण का मुंह तोड़ जवाब देने वाले परम प्रतापी महाराजा सूरजमल जाट की 254 वे शौर्य दिवस पर 25 दिसम्बर को प्रातः 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक धारौली के श्री हनुमान जी के मंदिर के प्रांगण में निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन उल्लास के साथ किया गया।
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उक्त उद्गार निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध कवयित्री डा. लाज कौशल, सहायक प्रोफेसर, सरकार कॉलेज, कोसली ने व्यक्त किए।

रमेश कुमार सरपंच धारौली ने निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की ।

मां-मातृभूमि सेवा समिति के अध्यक्ष युद्धवीर सिंह लांबा निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर कार्यक्रम की अध्यक्षता की ।

यादव डेंटल क्लीनिक, कोसली के डॉ. धीरेंद्र यादव, डॉ.कृष्ण डॉ.अशोक यादव द्वारा दांतों की निःशुल्क जांच की और आई क्यू सुपर स्पेशलिटी आई हॉस्पिटल – झज्जर के डॉ.सदीप डॉ.सुनील शर्मा, डॉ.रामबीर, डॉ.राविंदर शर्मा, डॉ.मनीष चौधरी. डॉ.आमिर खान द्वारा आँखों की निःशुल्क जांच की गयी।

युद्धवीर सिंह लांबा ने बताया है कि महाराजा सूरजमल भरतपुर के वीर महाराजा थे, उनका जन्म 13 फरवरी, 1707 को हुआ था और 25 दिसम्बर, 1763 को नवाब नजीबुद्दौला के साथ हुए युद्ध में गाजियाबाद और दिल्ली के मध्य हिंडन नदी के तट पर महाराजा सूरजमल ने वीरगति पायी।

भारत पर मुगलों के आक्रमणों का विरोध करने वाले राजाओं में जाट राजा सूरजमल का बड़े ही गौरव के साथ लिया जाता है। उन्होंने मरते दम तक कभी किसी के सामने घुटने नहीं टेके।

इस मौके पर थानेदार सरदार सिंह, सुनीता लांबा, ममता, हनी लाम्बा, जयवीर, सोनू लांबा, बनवीरलाल शर्मा, संदीप, सुबेदार धर्मपाल, मोहित मौजूद थे।

संपर्क —
अध्यक्ष
मां मात्रभूमि सेवा समिति
ग्राम -पोस्ट – धरौली जिला -झज्जर
मो- 9466676211

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