• February 19, 2015

शौचालयों के निर्माण के लिए केन्द्रीय मदद -सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री

शौचालयों के निर्माण के लिए केन्द्रीय मदद -सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री

जयपुर- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरूण चतुर्वेदी ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि ग्रामीण क्षेत्रों के तरह शहरी क्षेत्रों में शौचालयों के निर्माण के लिए केन्द्रीय मदद उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए केन्द्र से 12 हजार रुपये प्रति शौचालय की सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है।

श्री चतुर्वेदी बुधवार को नई दिल्ली मे केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावर चंद गहलोत की अध्यक्षता में ‘हाथ से मैला ढ़ोंने की कुप्रथा से देश को पूर्ण रूपेण मुक्त करवाने” के सम्बंध में चर्चा के लिए आयोजित राज्यों के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रियों के सम्मेलन में बोल रहे थे।

उन्होंने बताया कि हाथ में मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम-2013 के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा कई प्रभावी कदम उठाये गये है।

प्रदेश के स्कूलों -छात्रावासों आदि में विशेषकर बालिका विद्यालयों एवं छात्रावासों में शौचालयों के निर्माण को सर्र्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की मंशा है कि पूरा प्रदेश हाथ से मैला उठाने की कुप्रथा से पूर्णतया मुक्त राज्य बने। राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में तेजी से कार्य किए जा रहे है।

डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि राजस्थान में हाथ से मैला ढ़ोंने वाले 284 व्यक्तियों को चिंहित किया गया है। राज्य सरकार उनके पुनर्वास के प्रयास कर रही है। उन्होंने केन्द्र सरकार से उन्हें मिलने वाले 40-40 हजार की सहायता राशि अतिशीघ्र जारी करवाने का अनुरोध भी किया।

उन्होंने बताया कि ‘निर्मल भारत अभियान” के अन्तर्गत सभी गांवों को खुले में शौच से मुक्त करने हेतु नीति एवं रणनीति जारी की गई है। राज्य में 772 से भी अधिक ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त कर दिया गया है। आगामी 5 वर्षो  में सभी गांवों को खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य  रखा गया है। साथ ही ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के प्रस्ताव तैयार करने  के साथ-साथ साप्ताहिक रूप में ग्राम पंचायत में सफाई सुनिश्चित करने हेतु निर्देश जारी किए गए है।

इस योजनो के अन्तर्गत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए क्रमश: 17.80 एवं 13.50 प्रतिशत परिवारों को नोशनल लाभान्वित किया जा रहा है। अनुसूचित जन जाति के लिए (बी.पी.एल. व ए.पी.एल.) 48790 तथा अनुसूचित जाति के लिए (बी.पी.एल. व ए.पी.एल.) 63450 से भी अधिक  शौचालय निर्मित करवा इन परिवारों को लाभान्वित किया गया है। राज्य में विद्यालय टॉसलेट्स के रखरखाव हेतु 3744.65 लाख रुपये राशि स्वीकृत की गई है।

सम्मेलन में हुई पंचायतराज चुनावों में निर्वाचन के लिए उम्मीदवारों के लिए निवास में शौचालय बनाने की अनिवार्यता सम्बंधी निर्णय की प्रशंसा

सम्मेलन में केन्द्रीय मंत्री और राज्यों के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रियों ने राजस्थान में हाल ही सम्पन्न पंचायत चुनाव में निर्वाचन की पात्रता में उम्मीदवारों के लिए अपने घर पर शौचालय होने की अनिवार्यता को शामिल करने के निर्णय की भूरी-भूरी प्रशंसा की गई।

डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि पंचायत चुनावों में इस कानून के लागू होने के फलस्वरूप राजस्थान में पिछले चार माह में करीब 6 लाख शौचालयों का निर्माण हुआ है जो कि अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।

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