- January 2, 2016
शेखावाटी की भूमि वीर प्रसूता की भूमि है -शिक्षा राज्य मंत्री
जयपुर – राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा है कि शेखावाटी की भूमि वीर प्रसूता की भूमि हैं। यहां के रणबांकुरों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दी हैं। पण्डित दीनदयाल उपाध्याय ने सीकर में अध्ययन कर शिक्षा प्राप्त की थी।
प्रो.देवनानी शुक्रवार को सीकर के श्री कल्याण राजकीय महाविद्यालय में राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के 54वें प्रांतीय अधिवेशन के समापन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता आज की महत्ती आवश्यकता है। उच्च शिक्षा में विद्यार्थियों में गुणवत्ता आए, समरस समाज का नवनिर्माण होना आज की प्राथमिकता है। शिक्षक जो विद्यार्थी उच्च शिक्षा प्राप्त करें उसे सुसंस्कारवान शिक्षा प्रदान करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा की नींव कमजोर नहीं होनी चाहिए।
वर्तमान युग में साक्षरता व शिक्षा का होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि छात्रों को सुशिक्षित बनाने के लिए स्कूली शिक्षा में योग, ध्यान, प्राणायाम, सूर्य नमस्कार को पाठ्यक्रम में जोड़ा गया है। ध्यान से छात्रों में मेडिटेशन होगा। सरकारी विद्यालयों के पुस्तकालयों में भगवद्गीता, वीर सावरकर, डॉ. भींवराम अम्बेडकर की जीवनियों को रखा गया है जिसे पढ़कर छात्र उनके विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करें। राजस्थान वह राज्य है जिसने डॉ. अब्दुल कलाम के जन्मदिन को मनाने का निर्णय लिया है। छात्रों को स्कूली शिक्षा में महाराजा सूरजमल, महाराणा प्रताप महान, वल्लभ भाई पटेल के जीवन को पाठ्यक्रम से जोड़ कर विचार बोध जीवनी पढ़ाई जाए, वीर-वीरांगनाओं के जीवन चरित्र का ज्ञान बोध कराया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा देशानुकुल व युगानुकुल हो। आर्यभट्ट, भास्कराचार्य, जगदीश प्रसाद बोस के पाठ्यक्रम को विद्यालयों में पढ़ाया जाए जिससे विद्यार्थी त्याग, समर्पण की भावना सीखें।
देश में परिवर्तन के लिए शिक्षा में परिवर्तन आवश्यक है। कॉलेज शिक्षकों को वातावरण बदलने की आवश्यकता है। विद्यार्थी का जीवन बनाना है जिससे वह शिक्षक के प्रति श्रद्घानवत होंगे तथा छात्र पढ़-लिखकर देश की धरोहर बनेगा। शिक्षक छात्र व उनके अभिभावकों से संवाद बनाये रखें दैवीय शक्ति वातावरण बदल देती है, शिक्षक अपने मन को टटोलकर अपने कर्तव्य, दायित्वों का निर्वहन करें। छात्रों को किताबी ज्ञान के साथ जीवन के विकास की शिक्षा देवें। विद्यार्थी को प्रेरित करने से व्यवहार में सामाजिक समरसता आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा में राज्य सरकार ने 55 हजार शिक्षकों को पदोन्नती दी है तथा स्कूल प्राध्यापक के 13 हजार पद जून माह तक भरने का कार्य किया जाएगा।
विद्यालयों में क्रमोन्नती के साथ ही शिक्षकों के पद भी भरे गए हैं एवं विषय अध्यापकों की भर्ती भी शीघ्र की जाएगी। रीट में पदों का वर्गीकरण परीक्षा से पहले हो जाएगा तथा सेटअप परिवर्तन जनवरी के द्वितीय सप्ताह तक हो जाएगा, स्टाफ पेर्टन विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात में लगाया गया है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में प्राथमिक शिक्षा में शाला दर्शन तथा माध्यमिक शिक्षा में शाला दर्पण लागू होगा। छात्रों को प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में दी जाएगी एवं प्राथमिक शिक्षा (एक से पांचवी) में 75 प्रतिशत पाठ्यक्रम राजस्थान का व 25 प्रतिशत पाठ्यक्रम भारत का शामिल होगा एवं कक्षा 6, 7, 8 के पाठ्यक्रम में 50 प्रतिशत राजस्थान का व 50 प्रतिशत भारत का शामिल होगा। श्री कल्याण राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य जी.एस.कलवानिया ने आगन्तुकों को धन्यवाद ज्ञापित किया। इससे पूर्व आगन्तुक अतिथियों का माल्यार्पण, शॉल, श्रीफल भेंटकर अभिनन्दन किया गया।
कार्यक्रम में राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर के कुलपति जे.पी.सिंघल, रूक्टा के अध्यक्ष डॉ. दिग्गविजय सिंह, दयानन्द विश्वविद्यालय अजमेर के कुलपति डॉ. जे.पी. सोढ़ाणी, रूक्टा महामंत्री नारायण लाल गुप्ता सहित विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर, प्राध्यापक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।